भारत की नदियाँ और उनकी सहायक नदियाँ...
नदियों का भारत देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। नदियों की घाटियों में ही सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं- सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का आर्विभाव हुआ। आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृषि का संकेन्द्रण नदी घाटी क्षेत्रों में मिलता है।
नदियों से सम्बंधित प्रश्न अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते है। नदियों के बारे में जागरूकता अनुभाग के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विभिन्न परीक्षाओं में उम्मीदवारों को नदियों के बारे में ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि सामान्य जागरूकता इनमें से अधिकांश परीक्षाओं के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है।
सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा के उम्मीदवारों को भी नदियों से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
भारत की नदियाँ और उनकी सहायक नदियाँ | |
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नदियाँ | सहायक नदियाँ |
सिंधु | सतलुज, द्रास, जांस्कर, श्योक, गिल्गिट, सुरु |
ब्रह्मपुत्र | दिबांग, लोहित, जिया भोरेली (कामेंग), दिखौव, सुबानसिरी मानस |
गंगा | गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी, यमुना, सोन, हुगली |
यमुना | चंबल, सिंध, बेतवा, केन, टोंस, हिन्डन |
गोदावरी | इंद्रावती, मंजिरा, बिन्दुसार, सरबरी, पेनगंगा, प्राणहिता |
कृष्णा | तुंगभद्रा, घटप्रभा, मालाप्रभा, भीम, वेदावती, कोयना |
कावेरी | काबिनी, हेमावती, सिम्शा, अर्कावती, भवानी |
नर्मदा | अमरावती, भुखी, तवा, बंगेर |
दामोदर | बराकर, कोनार |
रावी | बुधिल, नई या धोना, सिउल, ऊझ |
महानदी | सिवनाथ, हसदेव, जोंक, मंड, इब, ओंग, तेल |
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