श्री विश्वकर्मा चालीसा भगवान विश्वकर्मा चालीसा... भगवान विश्वकर्मा को हिन्दू धर्म में निर्माण और सृजन के देवता के रूप में पूजा जाता है। उन्हें देवताओं का शिल्पकार (architect of the gods) माना जाता है। उनकी छवि एक कुशल अभियंता, वास्तुकार, मूर्तिकार और यांत्रिक विशेषज्ञ के रूप में प्रस्तुत की जाती है। विश्वकर्म चालीसा का पाठ करने से भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं। भगवान विश्वकर्मा को प्रसन्न करने और उनकी कृपा से व्यापार और नौकरी में तरक्की मिलती है। भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यक्ति को हर तरफ तरक्की मिलती है। || श्री विश्वकर्मा चालीसा || ॥ दोहा ॥ विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि। मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥ ॥ चौपाई ॥ विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥ सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥ शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥ आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥ जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥ नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥ आदि सृष्ट...
जीवने यत् प्राप्तम् तदर्थं कृतज्ञतां धारयतु, यत् न प्राप्तम् तदर्थं धैर्यं धारयतु।