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Yamuna Aarti\Om Jai Yamuna Mata, Hari Om Jai Yamuna Mata,

श्री यमुना चालीसा माँ यमुना जी की आरती... सनातन धर्म के अनुसार यमुना नदी को भारत की नदियों में पवित्र माना जाता है। यमुना जी की आरती करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, साथ ही घर में धन की कमी नहीं होती है। भगवान श्री कृष्ण जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और यमुना जी की आरती सच्चे मन से करने से यम का भय खत्म हो जाता है। ॥ श्री यमुना जी की आरती ॥ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता, जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा, जो जन शरण से कर दिया निस्तारा ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे, यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करें ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही, तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो, नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी, मन 'बेचैन' भय है तुम बिन वैतरणी ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता। Related Pages: माँ यमुना जी की चालीसा पाठ सरस्वती के 1008 नाम चिन्तामणि षट्पदी स्तोत्र गणपतितालम् श्री कालभैरव अष...

Maa\Ganga\Shri Ganga Chalisa - श्री गंगा चालीसा

श्री गंगा चालीसा श्री गंगा चालीसा... सनातन धर्म के अनुसार गंगा नदी को भारत की नदियों में सबसे पवित्र माना जाता है। इसके साथ ही गंगा नदी को माँ गंगा या माँ गंगे के नाम से सम्मानित किया जाता है। पतित-पावनी माँ गंगे लोगों को पाप से मुक्त करने वाली है। सनातन धर्म में धार्मिक अनुष्ठानो में गंगा के जल का प्रयोग अत्यंत ही विशेष महत्व रखता है। मान्यता अनुसार गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सारे पापों का नाश हो जाता है। मनुष्य के मरने बाद मोक्ष प्राप्ति के लिए लोग गंगा में राख विसर्जित करते हैं, यहाँ तक कि कुछ लोग गंगा के किनारे ही प्राण विसर्जन या अंतिम संस्कार की इच्छा भी रखते हैं। माँ गंगा की गंगा चालीसा का पाठ का पाठ सम्पूर्ण भक्तिपूर्वक से करें। || श्री गंगा चालीसा || ॥ दोहा ॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग । जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जननी हराना अघखानी । आनंद करनी गंगा महारानी ॥१॥ जय भगीरथी सुरसरि माता । कलिमल मूल डालिनी विख्याता ॥२॥ जय जय जहानु सुता अघ हनानी । भीष्म की माता जगा जननी ॥३॥ धवल कमल दल मम तनु सज...

Maa Ganga\Ganga Ashtottara Shatanamvali in Hindi

माँ गंगा अष्टोत्तर शतनामावली स्तोत्रम् | BHAKTI GYAN माँ गंगा अष्टोत्तर शतनामावली... माँ गंगा अष्टोत्तर शतनामावली- माँ गंगा के १०८ नाम हैं। जो भक्त सूर्योदय काल में गंगा स्नान के समय अत्यंत श्रद्धा भाव से, एकनिष्ठ होकर उनके १०८ नामों का जप करता हैं वह तीक्ष्ण बुद्धि, धन-धान्य, ऐश्वर्य, मान-सम्मान, विद्या तथा मनोवांछित फल को शीघ्र ही प्राप्त कर लेता है, साथ ही उसकी इच्छा की भी पूर्ति होती है। हर कामना पूर्ण होती है। || माँ गंगा अष्टोत्तर शतनामावली || ॐ गङ्गायै नमः। ॐ त्रिपथगादेव्यै नमः। ॐ शम्भुमौलिविहारिण्यै नमः। ॐ जाह्नव्यै नमः। ॐ पापहन्त्र्यै नमः। ॐ महापातकनाशिन्यै नमः। ॐ पतितोद्धारिण्यै नमः। ॐ स्रोतस्वत्यै नमः। ॐ परमवेगिन्यै नमः। ९ ॐ विष्णुपादाब्जसम्भूतायै नमः। ॐ विष्णुदेहकृतालयायै नमः। ॐ स्वर्गाब्धिनिलयायै नमः। ॐ साध्व्यै नमः। ॐ स्वर्णद्यै नमः। ॐ सुरनिम्नगायै नमः। ॐ मन्दाकिन्यै नमः। ॐ महावेगायै नमः। ॐ स्वर्णशृङ्गप्रभेदिन्यै नमः। १८ ॐ देवपूज्यतमायै नमः। ॐ दिव्यायै नमः। ॐ दिव्यस्थाननिवासिन्यै नमः। ॐ सुचारुनीररुचिरायै नमः। ...