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Showing posts with the label आरती

Bhajan-Shri Banke Bihari Teri Aarti Gaun/श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं — मधुर भजन, बोल और महिमा वृंदावन की मधुर भक्ति — श्री बांकेबिहारी की आरती... श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं — वृंदावन के ठाकुर जी की भक्ति में लीन यह आरती भक्तों के मन को आनंद और शांति से भर देती है। बांके बिहारी जी, जो राधा-कृष्ण के संयुक्त स्वरूप माने जाते हैं, उनकी आरती गाने से जीवन में प्रेम, भक्ति और सुख-समृद्धि का संचार होता है। भजन — शब्द श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं, हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं । आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं, श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं । ॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥ मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे, प्यारी बंसी मेरो मन मोहे । देख छवि बलिहारी मैं जाऊं । ॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥ चरणों से निकली गंगा प्यारी, जिसने सारी दुनिया तारी । मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं । ॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥ दास अनाथ के नाथ आ...

Gorakshanath-Aarti/Guru Gorakshanath-Sandhya Aarti-गुरु गोरक्षनाथ जी कीआरती

श्री गुरु गोरक्षनाथ जी की संध्या आरती श्री गुरु गोरक्षनाथ जी की संध्या आरती.. गुरु गोरक्षनाथ जी की आरती (नाथ संप्रदाय परंपरा में की जाने वाली आरती) नाथ योगियों द्वारा भक्तिभाव से की जाती है। यह आरती उनकी योगशक्ति, करुणा, और साधक पर कृपा का गुणगान है। आरती: श्री गुरु गोरक्षनाथ जी की आरती कीजै गोरख जी की, योगीश्वर भगवान। नाथ पंथ के दीपक तुम हो, करो कृपा भगवान॥ गोरखनाथ जटा धारी, मृग चर्म शरीर। भस्म रमायो अंग में, गह्यो ध्यान गंभीर॥ आरती कीजै गोरख जी की... सिद्ध चरणों के तू स्वामी, योग तंत्र के ज्ञानी। भूत-प्रेत नशावै तेरे, जपे नाम जो प्राणी॥ आरती कीजै गोरख जी की... गुरु मच्छिन्द्रनाथ के प्यारे, शिष्य महान कहाए। सिद्ध गुफा में ध्यान लगायो, लोक कल्याण बढाए॥ आरती कीजै गोरख जी की... गोरख पर्वत तप किया, तप से त्रिभुवन डोले। नाथ गोरख कृपा करो अब, शरण पड़े हम भोले॥ आरती कीजै गोरख जी की... कंठ धारण सर्प सुशोभित, हाथ में योगदण्डा। सच्चा तत्त्व बतावन वाला, नाथों में तू नन्दा॥ आरती कीजै गोरख जी की... भक्तजन जो नाम पुकारें, संकट तिनके टारो। गोरखनाथ प...

Om Jai Hanumat Veera -Swami Jai Hanumat Veera

मेहन्दीपुर बालाजी की आरती मेहन्दीपुर बालाजी की आरती... मेहन्दीपुर बालाजी की आरती सुबह-श्याम सभी करने से सभी प्रकार के दुष्ट और काली नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। मेहन्दीपुर बालाजी को भी हनुमान जी का ही रूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है की मेहन्दीपुर बालाजी के धाम में आने से सभी प्रकार के नकारात्मक काली शक्तियों से मुक्ति मिल जाती है। मेहन्दीपुर बालाजी के धाम में हर साल लाखों भक्त आतें हैं, और बालाजी हनुमान जी के दर्शन कर आशीर्वाद पाते है। || मेहन्दीपुर बालाजी की आरती || ॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा। संकट मोचन स्वामी, तुम हो रनधीरा ॥ ॐ जय हनुमत् वीरा……. पवन पुत्र अंजनी सूत, महिमा अति भारी। दुःख दरिद्र मिटाओ, संकट सब हारी ॥ ॐ जय हनुमत् वीरा……. बाल समय में तुमने, रवि को भक्ष लियो। देवन स्तुति किन्ही, तुरतहिं छोड़ दियो ॥ ॐ जय हनुमत् वीरा……. कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई। अभिमानी बलि मेटयो कीर्ति रही छाई ॥ ॐ जय हनुमत् वीरा……. जारि लंक सिय-सुधि ले आए, वानर हर्षाये। कारज कठिन सुधारे, रघुबर मन भाये ॥ ॐ जय हनुमत् वीरा……. शक्ति ...

Hanuman Bisa-jay hanumaan, jay tera beesa,kaalanemi ko kaise kheencha

श्री हनुमान बीसा श्री हनुमान बीसा... श्री हनुमान बीसा – बजरंगबली जी का आराधना और स्तुति के लिए आप श्री हनुमान बीसा का पाठ कर सकतें हैं। हनुमत बीसा के नियमित पाठ से भगवन श्री हनुमन शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं, और अपने भक्त जनों की सभी समस्याओं और कष्टों को दूर करते हैं। ॥ श्री हनुमान बीसा ॥ ॥ दोहा ॥ राम भक्त विनती करूँ,सुन लो मेरी बात । दया करो कुछ मेहर उपाओ, सिर पर रखो हाथ ॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमन्त, जय तेरा बीसा,कालनेमि को जैसे खींचा ॥ १॥ करुणा पर दो कान हमारो,शत्रु हमारे तत्क्षण मारो ॥ २॥ राम भक्त जय जय हनुमन्ता, लंका को थे किये विध्वंसा ॥ ३॥ सीता खोज खबर तुम लाए, अजर अमर के आशीष पाए ॥ ४॥ लक्ष्मण प्राण विधाता हो तुम,राम के अतिशय पासा हो तुम ॥ ५॥ जिस पर होते तुम अनुकूला, वह रहता पतझड़ में फूला ॥ ६॥ राम भक्त तुम मेरी आशा, तुम्हें ध्याऊँ मैं दिन राता ॥ ७॥ आकर मेरे काज संवारो, शत्रु हमारे तत्क्षण मारो ॥ ८॥ तुम्हरी दया से हम चलते हैं, लोग न जाने क्यों जलते हैं ॥ ९॥ भक्त जनों के संकट टारे, राम द्वार के हो रखवारे ॥ १०॥ मेरे संकट दूर हटा दो, द्...

Shiv Shankar kee Aarti-Aarti karo harihar kee karo natavar ki bhole shankar kee

भगवान शंकर की आरती भगवान शंकर की आरती... ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॥ आरती ॥ ॥ ॐ नमः शिवाय ॥ आरती करो हरिहर की करो, नटवर की भोले शंकर की, आरती करो शंकर की। सिर पर शशि का मुकुट संवारे, तारों की पायल झनकारे, धरती अम्बर डोले तांडव, लीला से नटवर की, आरती करो शंकर की।। आरती करो हरि-हर की करो, नटवर की भोले शंकर की, आरती करो शंकर की।। फणि का हार पहनने वाले, शम्भू है जग के रखवाले, सकल चराचर अगजग नाचे, ऊँगली पर विषधर की, आरती करो शंकर की। आरती करो हरि-हर की करो, नटवर की भोले शंकर की, आरती करो शंकर की।। महादेव जय जय शिवशंकर, जय गंगाधर जय डमरूधर, हे देवो के देव मिटाओ, तुम विपदा घर घर की, आरती करो शंकर की। आरती करो हरि-हर की करो, नटवर की भोले शंकर की, आरती करो शंकर की।। आरती करो हरिहर की करो, नटवर की भोले शंकर की, आरती करो शंकर की।। Related Pages: किरातरूपाय नमः शिवाय श्री शिव प्रातः स्मरणस्तोत्रम् द्वादश ज्योतिर्लिंग भगवान शिव स्तुति श्री कालभैरव अष्टकम् लिंगाष्टकम स्तोत्र चिन्ता...

satyanarayan aarti\Jai Lakshmi Ramana, Swami Jai Lakshmi Ramana

श्री सत्यनारायण भगवान की आरती श्री सत्यनारायण भगवान की आरती... श्री सत्यनारायण भगवान की आरती किसी भी प्रकार के पूजन अथवा अनुष्ठान के अंत में करना अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी प्रकार श्री सत्यनारायण व्रत के समय श्री सत्यनारायण आरती सहित आयोजन किया जाना चाहिए। श्री सत्यनारायण भगवान् की यह आरती बहुत ही मधुर तथा कर्णप्रिय है। ॥ श्री सत्यनारायणजी की आरती ॥ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक-हरणा ॥ जय लक्ष्मी रमणा… रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे । नारद करत नीराजन, घंटा वन बाजे ॥ जय लक्ष्मी रमणा… प्रकट भए कलि कारण, द्विज को दरस दियो । बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो ॥ जय लक्ष्मी रमणा… दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी । चंद्रचूड़ एक राजा, तिनकी बिपति हरी ॥ जय लक्ष्मी रमणा… वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीन्हीं । सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्हीं ॥ जय लक्ष्मी रमणा… भाव-भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धर्‌यो । श्रद्धा धारण किन्ही, तिनको काज सरो ॥ जय लक्ष्मी रमणा… ग्वाल-बाल संग राजा, बन में भक्ति ...

Yamuna Aarti\Om Jai Yamuna Mata, Hari Om Jai Yamuna Mata,

श्री यमुना चालीसा माँ यमुना जी की आरती... सनातन धर्म के अनुसार यमुना नदी को भारत की नदियों में पवित्र माना जाता है। यमुना जी की आरती करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, साथ ही घर में धन की कमी नहीं होती है। भगवान श्री कृष्ण जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और यमुना जी की आरती सच्चे मन से करने से यम का भय खत्म हो जाता है। ॥ श्री यमुना जी की आरती ॥ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता, जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा, जो जन शरण से कर दिया निस्तारा ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे, यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करें ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही, तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो, नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी, मन 'बेचैन' भय है तुम बिन वैतरणी ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता। Related Pages: माँ यमुना जी की चालीसा पाठ सरस्वती के 1008 नाम चिन्तामणि षट्पदी स्तोत्र गणपतितालम् श्री कालभैरव अष...

Shree Sitaram Geetam -Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram

श्रीसीताराम गीतम् | BHAKTI GYAN श्री सीता राम गीतम्... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! श्रीसीताराम गीतम् - ग्रन्थ स्तुतिमणिमाला (पृ. 84-89) से लिया गया है जिसका संकलन कल्लिदैकुरिची श्री ने किया है। के.एस. रामकृष्ण सस्त्रिगल (1965)। श्रीसीताराम गीतम् कमल लोचनौ राम कांचनाम्बरौ कवचभूषणौ राम कार्मुकान्वितौ । कलुषसंहारौ राम कामितप्रदौ रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ १ ॥ मकरकुण्डलौ राम मौलिसेवितौ मणिकिरीटिनौ राम मञ्जुभाषिणौ । मनुकुलोद्भवौ राम मानुषोत्तमौ रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ २ ॥ सत्यसम्पन्नौ राम समरभीकरौ सर्वरक्षणौ राम सर्वभूषणौ । सत्यमानसौ राम सर्वपोषितौ रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ३ ॥ धृतशिखण्डिनौ राम दीनरक्षकौ धृतहिमाचलौ राम दिव्यविग्रहौ । विविधपूजितौ राम दीर्घदोर्युगौ रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ४ ॥ भुवनजानुकौ राम पादचारिणौ पृथुशिलीमुकौ राम पापनाङ्घ्रिकौ । परमसात्विकौ राम भक्तवत्सलौ रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ५ ॥ वनविहारिणौ राम वल्कलांबरौ वनफल...