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Maa Tripura Bhairavi Sahasranama Stotram\श्रीत्रिपुरभैरवीसहस्रनामस्तोत्रम्

श्रीत्रिपुरभैरवीसहस्रनामस्तोत्रम् श्री त्रिपुरभैरवी सहस्रनाम स्तोत्रम्!... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यह स्तोत्र परम पवित्र और सबका कल्याण करने वाला है। उनके बारे में सुनने मात्र से आपकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होंगी। प्रातः माँ भैरवी स्मरण सम्पूर्ण भक्तिभाव से करें... || श्रीत्रिपुरभैरवीसहस्रनामस्तोत्रम् || अथ श्रीत्रिपुरभैरवीसहस्रनामस्तोत्रम् महाकालभैरव उवाच अथ वक्ष्ये महेशानि देव्या नामसहस्रकम् । यत्प्रसादान्महादेवि चतुर्वर्गफलल्लभेत् ॥ १ ॥ सर्वरोगप्रशमनं सर्वमृत्युविनाशनम् । सर्वसिद्धिकरं स्तोत्रन्नातः परतः स्तवः ॥ २ ॥ नातः परतरा विद्या तीर्त्थन्नातः परं स्मृतम् । यस्यां सर्वं समुत्पन्नय्यस्यामद्यापि तिष्ठति ॥ ३ ॥ क्षयमेष्यति तत्सर्वं लयकाले महेश्वरि । नमामि त्रिपुरान्देवीम्भैरवीं भयमोचिनीम् । सर्वसिद्धिकरीं साक्षान्महापातकनाशिनीम् ॥ ४ ॥ अस्य श्रीत्रिपुरभैरवीसहस्रनामस्तोत्रस्य भगवान् ऋषिः। पङ्क्तिश्छन्दः। आद्या शक्तिः। भगवती त्रिपुरभैरवी देवता । सर्वकामार्त्थसिद्ध्यर्त्थे जपे विनियोगः ॥ ॐ त्रि...

Shiva-Ardhanarishvara Sahasranama Stotram/अर्धनारीश्वरसहस्रनामस्तोत्रम्

अर्धनारीश्वरसहस्रनामस्तोत्रम् अर्धनारीश्वर सहस्रनाम स्तोत्रम्... ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय अर्धनारीश्वर सहस्रनाम स्तोत्रम् : शिवपुराण में वर्णित है कि-‘शंकर: पुरुषा: सर्वे स्त्रिय: सर्वा महेश्वरी। अत्-समस्त पुरुष भगवान शिव के अंश और समस्त स्त्रियां माँ भगवती शिवा की अंशभूता हैं, उन्हीं भगवान अर्धनारीश्वर से यह सम्पूर्ण चराचर जगत् व्याप्त है। शिव पुराण, नारद पुराण सहित दूसरे अन्य पुराण में भी इन बातों का उल्लेख है कि अगर शिव और माता पार्वती इस स्वरूप को धारण नहीं करते तो सृष्टि पर जीवन का सृजन नहीं हो पाता। भगवन शिव और माँ शक्ति की पूर्ण एकता की अभिव्यक्ति भगवान अर्धनारीश्वर स्तुति के लिए पाठ करें। ॥ ॐ नमः शिवाय ॥ ॥ अर्धनारीश्वरसहस्रनामस्तोत्रम् ॥ ॐ । अखण्डमण्डलाकारश्चाखिलाण्डैकनायिका । अमरेन्द्रार्चितपदश्चामरारिनिषूदिनी ॥ १॥ अनादिनिधनोऽनन्तकोटिसूर्यसमप्रभा । अनन्तोऽनन्तभूतेशी चाजितोऽमितविक्रमा ॥ २॥ अविनाशपदस्थेमा चावाङ्मनसगोचरा । अनन्तकोटिकल्याणगुणोऽनन्तगुणाश्रया ॥ ३॥ अघहा चाघसंहर्त्री चावेद्योऽदितिवन्दिता । अप...

Sri Hanuman\Srihanumadashottarashatanamastotram

श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् का पाठ करने से हनुमान जी के साथ ही साथ रामजी की भी कृपा रहती है। इसलिए ही तो कहते हैं कि, जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं सब कोई। भगवन हनुमानजी के साथ रामजी की कृपा पाने के लिए हर दिन पाठ करें - खास तौर पर मंगलवार और शनिवार को... ॥ श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् ॥ नारद उवाच: सर्वशास्त्रार्थतत्त्वज्ञ सर्वदेवनमस्कृत । यत्त्वया कथितं पूर्वं रामचन्द्रेण धीमता ॥१॥ स्तोत्रं समस्तपापघ्नं श्रुत्वा धन्योऽस्मि पद्मज । इदानीं श्रोतुमिच्छामि लोकानां हितकाम्यया ॥२॥ वायोरंशावतरणमाहात्म्यं सर्वकामदम् । वद मे विस्तराद्ब्रह्मन् देवगुह्यमनुत्तमम् ॥३॥ इति पृष्टो नारदेन ब्रह्मा लोकपितामहः । नमस्कृत्य जगन्नाथं लक्ष्मीकान्तं परात्परम् ॥४॥ प्रोवाच वायोर्माहात्म्यं नारदाय महात्मने । यच्छ्रुत्वा सर्वसौभाग्यं प्राप्नुवन्ति जनाः सदा ॥५॥ ब्रह्मोवाच: इदं रहस्यं पापघ्नं वायोरष्टोत्तरं शतम् । विष्णुन...