श्री अन्नपूर्णा चालीसा | Annapurna Chalisa in Hindi - माँ अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्त करें श्री अन्नपूर्णा चालीसा... श्री अन्नपूर्णा चालीसा, जो मां अन्नपूर्णा देवी की स्तुति है। यह पाठ भक्तों को अन्न, समृद्धि, संतोष और कृपा प्राप्त करने हेतु किया जाता है। मां अन्नपूर्णा चालीसा" का पाठ करने से साधक को न केवल आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है, बल्कि पारिवारिक, आर्थिक और मानसिक जीवन में भी विशेष लाभ मिलते हैं। ॥ श्री अन्नपूर्णा चालीसा ॥ ॥ दोहा ॥ विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय । अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ॥ ॥ चौपाई ॥ नित्य आनंद करिणी माता । वर अरु अभय भाव प्रख्याता ॥१॥ जय ! सौंदर्य सिंधु जग जननी । अखिल पाप हर भव-भय-हरनी ॥२॥ श्वेत बदन पर श्वेत बसन पुनि । संतन तुव पद सेवत ऋषिमुनि ॥३॥ काशी पुराधीश्वरी माता । माहेश्वरी सकल जग त्राता ॥४॥ वृषभारुढ़ नाम रुद्राणी । विश्व विहारिणि जय ! कल्याणी ॥५॥ पतिदेवता सुतीत शिरोमणि । पदवी प्राप्त कीन्ह गिरी नंदिनि ॥६॥ पति विछोह दुःख सहि नहिं पावा । योग अग्नि तब बदन जर...
जीवने यत् प्राप्तम् तदर्थं कृतज्ञतां धारयतु, यत् न प्राप्तम् तदर्थं धैर्यं धारयतु।