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Showing posts with the label श्री गणेश

Ganesha-Shri Ganapatyatharvashirsha/श्री गणपत्यर्थवर्धशीर्षम्

श्री गणपत्यर्थवर्धशीर्षम् | गणपति अथर्वशीर्ष का महत्व और लाभ श्री गणपत्यर्थवर्धशीर्षम् (गणपति अथर्वशीर्ष)... ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय श्री गणपत्यर्थवर्धशीर्षम् अथवा गणपति अथर्वशीर्ष उपनिषद का एक अद्वितीय ग्रंथ है। इसे अथर्ववेद का अंग माना गया है और इसमें गणपति को सर्वश्रेष्ठ ब्रह्म स्वरूप घोषित किया गया है। गणेश जी केवल विघ्नहर्ता ही नहीं, बल्कि ज्ञान, विज्ञान, आत्मबोध और मोक्ष के दाता माने गए हैं। इस उपनिषद का पाठ करने से साधक के जीवन में विघ्न दूर होते हैं, बुद्धि की वृद्धि होती है और परमात्मा के प्रति अडिग श्रद्धा जागृत होती है। ।। श्रीगणपत्यथर्वशीर्षम् ।। "मूल श्लोक" सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहे। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहे। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ ॐ नमस्ते गणपतये। त्वमेव प्रत्यक्षं तत्त्वमसि। त्वमेव केवलं कर्ताऽसि। त्वमेव केवलं धर्ताऽसि। त्वमेव केवलं हर्ताऽसि। त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासि। त्वं साक्षादात्माऽसि नित्यम् ॥ १ ॥ ऋतं वच्मि। सत्यं...

Rinamukti Ganesha Stotram/ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्रम्

ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्रम् ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम्... ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश की पूजा करना कोई भी शुभ या नवीन कार्य है। इस स्तोत्र में कर्ज मुक्ति के लिए भगवान गणेश से प्रार्थना की जाती है। ॥ ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् ॥ ॥ विनियोग ॥ ॐ अस्य श्रीऋणविमोचनमहागणपति-स्तोत्रमन्त्रस्य शुक्राचार्य ऋषिः ऋणविमोचनमहागणपतिर्देवता अनुष्टुप् छन्दः ऋणविमोचनमहागणपतिप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः। ॥ स्तोत्र पाठ ॥ ॐ स्मरामि देवदेवेशंवक्रतुण्डं महाबलम्। षडक्षरं कृपासिन्धुंनमामि ऋणमुक्तये॥१॥ महागणपतिं वन्देमहासेतुं महाबलम्। एकमेवाद्वितीयं तुनमामि ऋणमुक्तये॥२॥ एकाक्षरं त्वेकदन्तमेकंब्रह्म सनातनम्। महाविघ्नहरं देवंनमामि ऋणमुक्तये॥३॥ शुक्लाम्बरं शुक्लवर्णंशुक्लगन्धानुलेपनम्। सर्वशुक्लमयं देवंनमामि ऋणमुक्तये॥४॥ रक्ताम्बरं रक्तवर्णंरक्तगन्धानुलेपनम्। रक्तपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥५॥ कृष्णाम्बरं कृष्णवर्णंकृष्णगन्धानुलेपनम्। कृष्णयज्ञोपवीतं चनमामि ऋणमुक्तये॥६॥ पीताम्ब...

Ganesh kee Praarthana\विघ्नेश्‍वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय

गणपति प्रार्थना गणपति प्रार्थना... ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय हिंदू मान्यताओं के अनुसार शुभ कार्य या नया काम करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश को प्रसन्न करने की प्रार्थना करें। ।। ॐ निं निखिलेश्वराय नम:।। "गणपति प्रार्थना" विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय। नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।। भक्तार्तिनाशनपराय गणेशाश्वराय सर्वेश्वराय शुभदाय सुरेश्वराय। विद्याधराय विकटाय च वामनाय भक्तप्रसन्नवरदाय नमो नमस्ते।। नमस्ते ब्रह्मरूपाय विष्णुरूपाय ते नम: नमस्ते रुद्ररुपाय करिरुपाय ते नम:। विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारिणे भक्तप्रियाय देवाय नमस्तुभ्यं विनायक।। लम्बोदर नमस्तुभ्यं सततं मोदकप्रिय निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। त्वां विघ्नशत्रुदलनेति च सुन्दरेति भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति। विद्याप्रदेत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव।। त्वं वैष्णवी शक्तिरनन्तवीर्या विश्वस्य बीजं परमासि...

Shri Ganesh Stuti - श्री भगवान गणेश की स्तुति

भगवान गणेश की स्तुति श्री भगवान गणेश की स्तुति... हिंदू धर्म शास्त्रों में सर्व प्रथम पूज्य भगवान गणेश को बुद्धि-विद्या के देवता कहा जाता है। प्रतिदिन नियमित रूप से सिद्धी विनायक की वंदना करने से मनुष्य को लाभ प्राप्त होते हैं। भगवान गणेश की वंदना को सुनने मात्र से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। गौरी पुत्र गणेश अपने हर भक्त पर कृपा रखते हैं। बुधवार को गणेश वंदना से धन और यश की प्राप्ति होती है साथ ही उनके सारे दुख हर लेते हैं। ॐ गं गणपतये नमो नमः गणेश वन्दना गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्‌। उमासुतं शोक विनाशकारकम्‌, नमामि विष्नेश्वर पाद पंकजम्‌।। गणेश स्तुति वन्दौं श्री गणपति पद, विघ्नविनाशन हार। पवित्रता की शक्ति जो, सब जग मूलाधार॥१॥ हे परम ‍‍ग्यान दाता, सकल विश्व आधार। छ्मा करें वर दें, विघ्नों से करें उबार॥२॥ हे जग वंदन हे जग नायक! हे गौरी नंदन! हे वर दायक॥३॥ हे विघ्नविनाशन ! हे गणनायक ! हे भवभय मोचन ! हे जन सुख दायक ! ॥४॥ दया करो हे प्रभु ! दे सबको निर्मल ‍‍ग्यान। हे सहज संत ! दें हम को यह वरदान॥५॥ मंगलमय हो ग...

Shri Ganesha\Mantra\Shi Ganesh Stotra

श्री गणेश स्तोत्र | BHAKTI GYAN श्री गणेश स्तोत्र... श्री गणेश स्तोत्र का नियमित रुप से पाठ करने से मनोकामना भी पूर्ण होती है। और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, डर दूर रहता है साथ ही गणेश जी की पूजा करने से आयु, यश, बल, बुदि और ज्ञान में वृद्धि होती है। याद रखे इस श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे। इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है, साथ ही उसकी इच्छा की भी पूर्ति होती है। 卐 श्री गणेश स्तोत्र 卐 श्री गणेश स्तोत्र ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम । भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥ १॥ प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम । तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥ २॥ लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च । सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥ ३॥ नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम । एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥ ४॥ द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: । न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥ ५॥ विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्...

Shri Ganesha\Mantra\Sriganeshamantrastotram

श्री गणेश मंत्र स्तोत्र | BHAKTI GYAN श्री गणेश मंत्र स्तोत्र... श्रीगणेशमन्त्रस्तोत्रम् का नियमित रुप से पाठ करने से मनोकामना भी पूर्ण होती है। और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, डर दूर रहता है साथ ही गणेश जी की पूजा करने से आयु, यश, बल, बुदि और ज्ञान में वृद्धि होती है। याद रखे इस श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे। इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है, साथ ही उसकी इच्छा की भी पूर्ति होती है। 卐 श्री गणेश मंत्र स्तोत्र 卐 श्रीगणेशमन्त्रस्तोत्रम् ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ उद्दालक उवाच। शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् । येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥ १॥ चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते । विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥ २॥ तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः । साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥ ३॥ चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता । सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥ ४॥ अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक । तेन त्व...

Ganesha\Sanskrit Shlokas of Shri Ganesh Bhagwan-101

गणेश जी के संस्कृत श्लोक श्रीगणेश जी के संस्कृत श्लोक... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! श्री गणेश जी के इन दिव्य मंत्रों का मन में ध्यान करते हुए जप करने से या बोलने से पूजा पूर्ण होती है और गणेश जी भी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, साधक के जीवन में सभी श्रेष्ठ कार्यों में सहायक बन जाते हैं। गणेश जी के मंत्र अर्थ सहित जानिए गणपति जी के ऐसे ही खास मंत्र... 卐 भगवान गणेश जी के संस्कृत श्लोक 卐 एकदंताय विद्‍महे। वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात।। भावार्थ: एक दन्त भगवान श्री गणेश का ही नाम हैं, जिन्हे सभी जानते हैं। घुमावदार सूंड वाले भगवान का ध्यान करते हैं। श्री गजानन हमें प्रेरणा प्रदान करते हैं। ऊँ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने। दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने॥ भावार्थ: सभी सुखों को प्रदान करने वाले सच्चिदानंद स्वरूप भगवन गणेश को नमस्कार। गणपति को नमस्कार, जो सर्वोच्च देवता हैं, हे परमात्मा बुराई और दुर्भाग्य का नाश करने वाले। सिद्धिबुद्धि पते नाथ सिद्धिबुद्धिप्रदायिने। मायिन मायिकेभ्यश्च मोहदाय नमो ...

Shri Ganesha\Pratahsmarana\Ganesh Pratah Smaranam Stotram

श्रीगणेशप्रातःस्मरणम् | BHAKTI GYAN श्री गणेश प्रातः स्मरण स्तोत्र... श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र के पाठ के साथ साथ गणेश चालीसा और गणेश स्तुति का भी पाठ करने से बहुत लाभ मिलता है, नियमित रुप से पाठ करने से मनोकामना भी पूर्ण होती है। और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, डर दूर रहता है साथ ही गणेश जी की पूजा करने से आयु, यश, बल, बुदि और ज्ञान में वृद्धि होती है। याद रखे इस श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे। इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है, साथ ही उसकी इच्छा की भी पूर्ति होती है। 卐 श्रीगणेशप्रातःस्मरणम् 卐 ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ उत्तिष्ठोत्तिष्ठ हेरम्ब उत्तिष्ठ ब्रह्मणस्पते । सर्वदा सर्वतः सर्वविघ्नान्मां पाहि विघ्नप ॥ आयुरारोग्यमैश्वर्यं माम् प्रदाय स्वभक्तिमत् । स्वेक्षणाशक्तिराद्या ते दक्षिणा पातु मं सदा ॥ प्रातः स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं सिन्दूरपूरपरिशोभितगण्डयुग्मम् । उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्ड-माखण्डलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम् ॥ १॥ प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमान-मिच्छानुकूलम...