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Shri Ganesha\Mantra\Shi Ganesh Stotra

श्री गणेश स्तोत्र | BHAKTI GYAN

श्री गणेश स्तोत्र...

श्री गणेश स्तोत्र का नियमित रुप से पाठ करने से मनोकामना भी पूर्ण होती है। और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, डर दूर रहता है साथ ही गणेश जी की पूजा करने से आयु, यश, बल, बुदि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
याद रखे इस श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे। इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है, साथ ही उसकी इच्छा की भी पूर्ति होती है।

卐 श्री गणेश स्तोत्र 卐

श्री गणेश स्तोत्र

॥ श्री गणेशाय नमः ॥

प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥ १॥

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥ २॥

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥ ३॥

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥ ४॥

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥ ५॥

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥ ६॥

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥ ७॥

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥ ८॥

॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥

गणेश स्तोत्र नारद पुराण से लिया गया है। और यह सबसे शक्तिशाली गणपति स्तोत्रों में से एक है। यह स्तोत्र सभी प्रकार के संकटों को दूर करता है। इस स्तोत्र का नित्य जप करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है और सभी कष्टों का नाश होता है।

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