श्रीगणपतितालम्...
श्रीगणपतितालम् यह स्तोत्र भगवान श्रीं गणेश को अति प्रिय है। इसका प्रतिदिन जाप करें और सिद्धि विनायक की कृपा प्राप्त करें।
卐 श्रीगणपतितालम् 卐
विकटोत्कटसुंदरदंतिमुखं भुजगेंद्रसुसर्पगदाभरणम् ।
गजनीलगजेंद्र गणाधिपतिं प्रणतोऽस्मि विनायक हस्तिमुखम् ॥ १ ॥
सुर सुर गणपति सुंदरकेशं ऋषि ऋषि गणपति यज्ञसमानम् ।
भव भव गणपति पद्मशरीरं जय जय गणपति दिव्यनमस्ते ॥ २ ॥
गजमुखवक्त्रं गिरिजापुत्रं
गणगुणमित्रं गणपतिमीशप्रियम् ॥ ३ ॥
करधृतपरशुं कंकणपाणिं कबलितपद्मरुचिम् ।
सुरपतिवंद्यं सुंदरनृत्तं सुरचितमणिमकुटम् ॥ ४ ॥
प्रणमत देवं प्रकटित तालं षड्गिरि तालमिदम् ।
तत्तत् षड्गिरि तालमिदं तत्तत् षड्गिरि तालमिदम् ॥ ५ ॥
लंबोदरवर कुंजासुरकृत कुंकुमवर्णधरम् ।
श्वेतसशृंगं मोदकहस्तं प्रीतिसपनसफलम् ॥ ६ ॥
नयनत्रयवर नागविभूषित नानागणपतिदं तत्तत्
नयनत्रयवर नागविभूषित नानागणपतिदं तत्तत्
नानागणपति तं तत्तत् नानागणपतिदम् ॥ ७ ॥
धवलित जलधरधवलित चंद्रं फणिमणिकिरणविभूषित खड्गम् ।
तनुतनुविषहर शूलकपालं हर हर शिव शिव गणपतिमभयम् ॥ ८ ॥
कटतट विगलितमदजल जलधितगणपतिवाद्यमिदं
कटतट विगलितमदजल जलधितगणपतिवाद्यमिदं
तत्तत् गणपतिवाद्यमिदं तत्तत् गणपतिवाद्यमिदम् ॥ ९ ॥
तत्तदिं नं तरिकु तरिजणकु कुकु तद्दि
कुकु तकिट डिंडिंगु डिगुण कुकु तद्दि
तत्त झं झं तरित
त झं झं तरित
तकत झं झं तरित
त झं झं तरित
तरिदणत दणजणुत जणुदिमित
किटतक तरिकिटतों
तकिट किटतक तरिकिटतों
तकिट किटतक तरिकिटतों ताम् ॥ १० ॥
तकतकिट तकतकिट तकतकिट तत्तों
शशिकलित शशिकलित मौलिनं शूलिनम् ।
तकतकिट तकतकिट तकतकिट तत्तों
विमलशुभकमलजलपादुकं पाणिनम् ।
धित्तकिट धित्तकिट धित्तकिट तत्तों
प्रमथगणगुणकथितशोभनं शोभितम् ।
धित्तकिट धित्तकिट धित्तकिट तत्तों
पृथुलभुजसरसिज विषाणकं पोषणम् ।
तकतकिट तकतकिट तकतकिट तत्तों
पनसफलकदलिफलमोदनं मोदकम् ।
धित्तकिट धित्तकिट धित्तकिट तत्तों
प्रणतगुरु शिवतनय गणपति तालनम् ।
गणपति तालनं गणपति तालनम् ॥ ११ ॥
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