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Dakshinamurthy/Pancharatnam/Sri Dakshinamurthy Pancharatnam Stotram in hindi

श्रीं दक्षिणामूर्ति पंचरत्नम स्त्रोत्रम

श्रीं दक्षिणामूर्ति पंचरत्नम स्त्रोत्रम...

दक्षिणामूर्ति पंचरत्नम भगवान शिव की महिमा तथा स्तुति में एक पांच श्लोक स्तोत्रम है। भगवान शिव की कृपा के लिए इसका जाप करें।

卐 श्री दक्षिणामूर्ति पंचरत्नम् 卐

मत्तरोग शिरोपरिस्थित नृत्यमानपदाम्बुजं
भक्तचिन्तितसिद्धिकालविचक्षणं कमलेक्षणम् ।
भुक्तिमुक्तिफलप्रदं भुविपद्मजाच्युतपूजितं
दक्षिणामुखमाश्रये मम सर्वसिद्धिदमीश्वरम् ॥ १ ॥
वित्तदप्रियमर्चितं कृतकृशा तीव्रतपोव्रतैः
मुक्तिकामिभिराश्रितैः मुहुर्मुनिभिर्दृढमानसैः ।
मुक्तिदं निजपादपङ्कजसक्तमानसयोगिनां
दक्षिणामुखमाश्रये मम सर्वसिद्धिदमीश्वरम् ॥ २ ॥
कृत्तदक्षमखाधिपं वरवीरभद्रगणेन वै
यक्षराक्षसमर्त्यकिन्नरदेवपन्नगवन्दितम् ।
रत्नभुग्गणनाथभृत् भ्रमरार्चिताङ्घ्रिसरोरुहं
दक्षिणामुखमाश्रये मम सर्वसिद्धिदमीश्वरम् ॥ ३ ॥
नक्तनादकलाधरं नगजापयोधरमण्डलं
लिप्तचन्दनपङ्ककुङ्कुममुद्रितामलविग्रहम् ।
शक्तिमन्तमशेषसृष्टिविधानके सकलं प्रभुं
दक्षिणामुखमाश्रये मम सर्वसिद्धिदमीश्वरम् ॥ ४ ॥
रक्तनीरजतुल्यपादपयोज सन्मणि नूपुरं
बन्धनत्रय भेद पेशल पङ्कजाक्ष शिलीमुखम् ।
हेमशैलशरासनं पृथु शिञ्जिनीकृत दक्षकं
दक्षिणामुखमाश्रये मम सर्वसिद्धिदमीश्वरम् ॥ ५ ॥
यः पठेच्च दिने दिने स्तवपञ्चरत्नमुमापतेः
पुरातले मयाकृतं निखिलागममूलमहानलम् ।
तस्य पुत्रकलत्रमित्रधनानि सन्तु कृपा बलात्
ते महेश्वर शङ्कराखिलविश्वनायक शाश्वत ॥ ६ ॥

॥ इति दक्षिणामूर्ति पंचरत्नम् संपूर्णम् ॥

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