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Dwadash Jyotirlinga - सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

द्वादश ज्योतिर्लिंग...

हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप इन लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है।

श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम्॥१॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमाशंकरम्।
सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥२॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारम् घुश्मेशं च शिवालये॥३॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥४॥
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