श्री पितृ कृपा स्तोत्रम् — परिचय, महत्व और लाभ | Bhakti Gyan श्री पितृ कृपा स्तोत्रम्... श्री पितृ कृपा स्तोत्रम् हिन्दू धर्म में पितरों (पूर्वजों) की आराधना और तृप्ति हेतु एक अत्यंत प्रभावी एवं पावन स्तोत्र माना गया है। इसका पाठ करने से— पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। परिवार में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहता है। वंश में स्थिरता, संतान-सुख और कल्याण प्राप्त होता है। पितृदोष, पितृरिण तथा अनिष्ट बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इस स्तोत्र का उल्लेख गृहस्थ और श्राद्ध कर्म से जुड़े ग्रंथों में मिलता है। ऋग्वेद, अथर्ववेद तथा पुराणों में पितृ पूजन का महत्त्व बताया गया है। यह स्तोत्र आमतौर पर श्राद्ध पक्ष (पितृपक्ष) में अधिक पढ़ा जाता है, परंतु कोई भी व्यक्ति इसे श्रद्धा और नित्य संकल्प के साथ पाठ कर सकता है। ॥ श्री पितृ कृपा स्तोत्रम् ॥ हिन्दी अर्थ सहित पितृ ध्यान स्तुति श्वेतवर्णान् शुचिव्रतान् सोमसूर्याग्निलोचनान्। हिरण्यपात्रहस्तांश्च पितॄ...
जीवने यत् प्राप्तम् तदर्थं कृतज्ञतां धारयतु, यत् न प्राप्तम् तदर्थं धैर्यं धारयतु।