श्री खाटू श्याम जी का चालीसा श्री खाटू श्याम जी की आरती... श्री खाटू श्याम जी को हारे का सहारा कहा जाता है। खाटू श्याम जी को सबसे बड़ा दाता कहा गया है क्योंकि उन्होंने अपने शीश का दान दिया था। महाभारत कथा के अनुसार जब कौरव और पांडव में युद्ध हो रहा था, तब श्री कृष्ण जी ने ब्राह्मण का रूप लेकर खाटूश्यामजी से अपने शीश का दान मांगा था। ऐसा माना जाता है, खाटूश्याम जी जिनका नाम बर्बरीक था, बहुत ही वीर योद्धा थे, उनको दुर्गा माता से विजय होने का वरदान प्राप्त था। बर्बरीक हमेशा हारने वाले का साथ देंगे, जब श्री कृष्ण जी को पता चली तब उन्होंने उनसे ब्राह्मण का रूप लेकर उनके शीश का दान मांग लिया। बर्बरीक अपनी बात पर अडिग रहें और उन्होंने अपने शीश का दान श्री कृष्ण जी को कर दिया। इससे प्रसन्न होकर श्री कृष्ण जी ने उन्हें वरदान दिया कि वह कलयुग में उनके श्याम नाम से प्रसिद्ध होंगे। कलयुग में जो भी इनका नाम लेगा उसके सभी संकट दूर हो जाएंगे। इनको हारे का सहारा, शीश का दानी, खाटू श्याम जी आदि नाम से जाना जाता है। इनका शीश सीकर जिले के खाटू नामक कस्बे में दफनाया गया था, इसीलिए इनको ख...
जीवने यत् प्राप्तम् तदर्थं कृतज्ञतां धारयतु, यत् न प्राप्तम् तदर्थं धैर्यं धारयतु।