श्री नर्मदा चालीसा श्री नर्मदा चालीसा... श्री नर्मदा चालीसा (Narmada Chalisa) का पूर्ण पाठ, जो नर्मदा मैया की महिमा, कृपा और शक्ति को समर्पित है। नर्मदा जी को जीवित तीर्थ, मुक्तिदायिनी और कल्याणी माँ माना गया है। उनका स्मरण समस्त पापों का नाश करता है। || श्री नर्मदा चालीसा || (मुक्तिदायिनी, पापहारिणी, कल्याणकारिणी माँ नर्मदा की जय!) ॥ दोहा ॥ जय नर्मदा मैया! करुणा की तुम धार। स्मरण मात्र से मिटे, संकट, क्लेश, विकार॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय नर्मदे भवानी। त्रैलोक्य तारिणी कल्याणी॥ शिव जटा से तू प्रगटी, माता। पावन करती पापी नाता॥ रेवा रूपा सदा सुखदाई। भवसागर से तू तरवाई॥ जो जन सच्चे भाव से ध्यावे। निश्चय ही भवबन्ध छुड़ावे॥ नर्मदाके तीर बसे जो। धन्य-धन्य वह जीवन हो॥ तेरा जल है अमृत समान। छूते ही हो जाए कल्याण॥ शिव की प्रिया, शक्ति अविनाशी। हरती भय और दीन उदासी॥ जो तेरी आरती को गावे। सकल मनोरथ सिद्धि पावे॥ तेरी परिक्रमा है न्यारी। सकल सिद्धि की तू अधिकारी॥ भक्ति भाव से जो जन ध्याता। नर्मदा माँ सदा सुख दाता॥ तेरी लहरें देतीं जीवन। करतीं...
जीवने यत् प्राप्तम् तदर्थं कृतज्ञतां धारयतु, यत् न प्राप्तम् तदर्थं धैर्यं धारयतु।