जय जय माँ दुर्गे देवी वंदना...
माँ की कृपा से सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है, और इंसान धनी बनता है, तरक्की करता है। माँ शक्ति की देवी हैं, जीवन में हर एक कार्य को करने के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है; उसी प्रकार परमात्मा को सृजन; पालन और संहार के लिए भी शक्ति की आवश्यकता होती है।
माँ ही वह शक्ति हैं; जिनके सहारे परमात्मा सृष्टि का नियमन करता है। माँ की वंदना से भक्त लाभान्वित होंगे।
卐 देवी वंदना 卐
जय जय माँ दुर्गे, जगदम्बे
जय जय माँ शक्ति स्वरूपा।
जय जय माँ पहाड़ों वाली,
हम को भी शक्ति का वर दे माँ।
माँ तू है सारे जग की जननी,
करती हो शेरों की सवारी।
अपने भक्तों पर प्यार लुटाती,
शिव- शंकर की तू है प्यारी।
माँ मेरे मन में तेरी ही भक्ति,
मन को मेरे करुणा से भर दो।
सब को खुशियाँ दे सकूँ मैं,
हर सकूँ दूसरों की पीड़ा भी।
नेक राह पर चल सकूँ सदा मैं,
गिरी कभी तो स्वयं सम्हल सकूँ।
मन में मेरे शक्ति अपार भर दे,
माँ मुझको शक्ति का वर दे।
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