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Ganesha Mantra/Sri Ganesh ka Puja Mantra in Hindi

श्री गणेश मंत्र

श्री गणेश जी के मंत्र...

श्री गणेश सभी देवताओं में पूजनीय है। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न-बाधाएं हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं। भगवान श्री गणेश को एकदंत और व‍िघ्‍नहर्ता के नाम से भी पुकारा जाता है। धर्म के अनुसार भगवान श्री गणेश को कार्यों को सफल बनाने वाला देवता माना जाता है। इस ही लिए भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना सर्वप्रथम की जाती है।
बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करने से सब विघ्न बाधाएं हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं। किसी भी कार्य को शुभ तरीके से करने से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करनी बहुत आवश्यक होती है।

बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश का किस तरह से और किन मंत्रों के उच्चारण के साथ पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

卐 श्री गणेश मंत्र 卐

एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना कैसे करें!

  • श्री गणेश की पूजा अर्चना करने के लिए सबसे पहले सुबह उठते ही स्नान करें।
  • गणेश की प्रतिमा को साफ करके पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्थापित करें।
  • साफ शुद्ध आसन पर बैठकर पूजा की सभी सामग्री को एक जगह एकत्रित करके फूल, धूप, दीप, कपूर, रोली, मोली, लाल चंदन और मोदक सभी को भगवान की प्रतिमा पर समर्पित करें और उनकी आरती गाये।
  • मन ही मन भगवान श्री गणेश जी को स्मरण करें 'ऊँ गं गणपतये नमः' का 108 बार जाप करें।
  • पूजा समाप्त होने के पश्च्यात प्रसाद को सभी को वितरण करें।
  • बुधवार के दिन इस मंत्र का का जाप करने और पूर्ण व‍िध‍ि से पूजन से भगवान बहुत जल्दी प्रसन्न होकर कष्टों का निवारण करते हैं।
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