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Gorakshanath-Aarti/Guru Gorakshanath-Sandhya Aarti-गुरु गोरक्षनाथ जी कीआरती

श्री गुरु गोरक्षनाथ जी की संध्या आरती

श्री गुरु गोरक्षनाथ जी की संध्या आरती..

गुरु गोरक्षनाथ जी की आरती (नाथ संप्रदाय परंपरा में की जाने वाली आरती) नाथ योगियों द्वारा भक्तिभाव से की जाती है। यह आरती उनकी योगशक्ति, करुणा, और साधक पर कृपा का गुणगान है।

आरती: श्री गुरु गोरक्षनाथ जी की

आरती कीजै गोरख जी की, योगीश्वर भगवान।
नाथ पंथ के दीपक तुम हो, करो कृपा भगवान॥
गोरखनाथ जटा धारी, मृग चर्म शरीर।
भस्म रमायो अंग में, गह्यो ध्यान गंभीर॥
आरती कीजै गोरख जी की...
सिद्ध चरणों के तू स्वामी, योग तंत्र के ज्ञानी।
भूत-प्रेत नशावै तेरे, जपे नाम जो प्राणी॥
आरती कीजै गोरख जी की...
गुरु मच्छिन्द्रनाथ के प्यारे, शिष्य महान कहाए।
सिद्ध गुफा में ध्यान लगायो, लोक कल्याण बढाए॥
आरती कीजै गोरख जी की...
गोरख पर्वत तप किया, तप से त्रिभुवन डोले।
नाथ गोरख कृपा करो अब, शरण पड़े हम भोले॥
आरती कीजै गोरख जी की...
कंठ धारण सर्प सुशोभित, हाथ में योगदण्डा।
सच्चा तत्त्व बतावन वाला, नाथों में तू नन्दा॥
आरती कीजै गोरख जी की...
भक्तजन जो नाम पुकारें, संकट तिनके टारो।
गोरखनाथ प्रभु दया करो, चरणन में हमें धारो॥
आरती कीजै गोरख जी की...

श्लोक

आदेश गोरख योगी का, जय जयकार होवे।
सिद्ध-साधु, नाथ सदा, चरणन में शीश नवें॥

आरती कब करें?

  • प्रतिदिन संध्या के समय (सूर्यास्त के बाद)
  • विशेष पर्वों पर जैसे: गोरख जयन्ती, गुरुपूर्णिमा
  • पूजा या ध्यान के अंत में
  • शिव-गोरख मंत्र जाप (साधना हेतु):

  • "ॐ शिवगोरक्षाय नमः"
  • "ॐ श्री गुरवे गोरक्षनाथाय नमः"
  • आरती से होने वाले लाभ:

  • चित्त शुद्धि और एकाग्रता
  • आत्मज्ञान की प्राप्ति
  • भय, बाधा, कष्टों से मुक्ति
  • गुरु-कृपा और शिव-कृपा का अनुभव
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    संबंधित पृष्ठ:
    1. 55 चालीसाओं का संग्रह
    2. श्री गोरखनाथ चालीसा
    3. श्रीगोरक्ष कवचम्
    4. श्री गुरु मच्छिन्द्रनाथ चालीसा
    5. श्रीकृष्णाष्टक स्तोत्र
    6. भगवान शिव स्तुति
    7. शिव बिल्वाष्टकम्
    8. किरातरूपाय नमः शिवाय
    9. श्री शिव प्रातः स्मरणस्तोत्रम्
    10. श्री कालभैरव अष्टकम्
    11. लिंगाष्टकम स्तोत्र
    12. चिन्तामणि षट्पदी स्तोत्र
    13. गणपतितालम्
    14. 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग
    15. संकटमोचन हनुमानाष्टक

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