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Shree Sitaram Geetam -Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram

श्रीसीताराम गीतम् | BHAKTI GYAN

श्री सीता राम गीतम्...

!! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !!

श्रीसीताराम गीतम् - ग्रन्थ स्तुतिमणिमाला (पृ. 84-89) से लिया गया है जिसका संकलन कल्लिदैकुरिची श्री ने किया है। के.एस. रामकृष्ण सस्त्रिगल (1965)।

श्रीसीताराम गीतम्

कमल लोचनौ राम कांचनाम्बरौ
कवचभूषणौ राम कार्मुकान्वितौ ।
कलुषसंहारौ राम कामितप्रदौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ १ ॥

मकरकुण्डलौ राम मौलिसेवितौ
मणिकिरीटिनौ राम मञ्जुभाषिणौ ।
मनुकुलोद्भवौ राम मानुषोत्तमौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ २ ॥

सत्यसम्पन्नौ राम समरभीकरौ
सर्वरक्षणौ राम सर्वभूषणौ ।
सत्यमानसौ राम सर्वपोषितौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ३ ॥

धृतशिखण्डिनौ राम दीनरक्षकौ
धृतहिमाचलौ राम दिव्यविग्रहौ ।
विविधपूजितौ राम दीर्घदोर्युगौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ४ ॥

भुवनजानुकौ राम पादचारिणौ
पृथुशिलीमुकौ राम पापनाङ्घ्रिकौ ।
परमसात्विकौ राम भक्तवत्सलौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ५ ॥

वनविहारिणौ राम वल्कलांबरौ
वनफलाशिनौ राम वासवार्चितौ ।
वरगुणाकरौ राम वालिमर्दनौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ६ ॥

दशरथात्मजौ राम पशुपतिप्रियौ
शशिनिवासिनौ राम विशदमानसौ ।
दशमुखान्तकौ राम निशितसायकौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ७ ॥

कमल लोचनौ राम समरपण्डितौ
भीमविग्रहौ राम कामसुन्दरौ ।
दामभूषणौ राम हेमनूपुरौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ८ ॥

भरतसेवितौ राम दुरितमोचकौ
करधृताशुगौ राम सूकरस्तुतौ ।
शरधि धारणौ राम धीरकवचिनौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ९ ॥

धर्मचारिणौ राम कर्मसाक्षिणौ
धर्मकार्मुखौ राम शर्मदायकौ ।
धर्मशोभितौ राम कर्ममोदिनौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ १० ॥

नीलदेहिनौ राम लोलकुन्दलौ
कालभीकरौ राम वालिमर्दनौ ।
कलुषहारिणौ राम ललितभूषणौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ ११ ॥

मातृनन्दनौ राम भाद्रबालकौ
भ्रातॄ सम्मतौ राम शत्रुसूदकौ ।
भ्रातृशेखरौ राम सेतुनायकौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ १२ ॥

शरधिबन्धनौ राम दलितदानवौ
कुलविवर्धनौ राम बलविराजितौ ।
सोलजाजितौ राम बलविराजितौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ १३ ॥

राजलक्षणौ राम विजय काङ्क्षिणौ
गजवरारुहौ राम पूजितामरौ ।
विजितमत्सरौ राम भजितवारणौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ १४ ॥

सर्वमानितौ राम सर्वकारिणौ
गर्वभञ्जनौ राम निर्विकारणौ ।
दुर्विभासितौ राम सर्वभासकौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ १५ ॥

रविकुलोद्भवौ राम भवविनाशकौ
कानकाश्रितौ राम पादकोशकौ ।
रविसुतप्रियौ राम कविभिरीडितौ
रहसि नौमि तौ सीतारामलक्ष्मणौ ॥ १६ ॥

राम राघव सीता राम राघव
राम राघव सीता राम राघव ।
कृष्णकेशव राधा कृष्णकेशव
कृष्णकेशव राधा कृष्णकेशव ॥ १७ ॥

सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम ।
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम ॥ १८ ॥

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