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List of popular surnames of prominent personalities in Hindi

प्रमुख व्यक्तियों के लोकप्रिय उपनाम की सूची

प्रमुख व्यक्तियों के लोकप्रिय उपनाम की सूची...

प्रमुख व्यक्तियों के लोकप्रिय उपनाम: जो व्यक्ति समाज और देश के लिए विकास या उत्थान के लिए अपनी लगन से समाज या देश, दुनिया के लिए काम करता है। समाज में उनका नाम उनके कार्यों के आधार पर रख दिया जाता है।
विभिन्न परीक्षाओं में उम्मीदवारों को प्रमुख व्यक्तियों के लोकप्रिय उपनाम के बारे में ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि सामान्य जागरूकता इनमें से अधिकांश परीक्षाओं के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है। प्रमुख व्यक्तियों के लोकप्रिय उपनाम जैसे महत्वपूर्ण विषय से प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
प्रमुख व्यक्तियों के लोकप्रिय उपनाम
प्रमुख व्यक्तिलोकप्रिय उपनाम
लोकमान्यबाल गंगाधर तिलक
देशबंधु चितरंजन दास
शेर ए कश्मीशेख अब्दुल्लाह
बंगाल केसरीआशुतोष मुखर्जी
शांति पुरुष लाल बहादुर शास्त्री
बायोवृद्ध पुरुष दादा भाई नौरोजी
राष्ट्रपितामहात्मा गांधी
सीमांत गांधीअब्दुल गफ्फार खान
बापूमहात्मा गांधी
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल
पंजाब केसरी लाला लाजपत राय
बिहार केसरीडॉक्टर श्री कृष्ण सिंह
बंगबंधुशेख मुजीबुर रहमान
दीनबंधुसीएफ एंड्रयूज
लोकनायकजयप्रकाश नारायण
राजर्षिपुरुषोत्तम दास टंडन
गुरुजीएम.एस. गोलवलकर
स्पैरोमेजर जनरल राजेंद्र सिंह
अंकल होहो. ची. मिन्ह
बिहार विभूतिअनुग्रह नारायण सिंह
भारतीय फिल्मों के पितामहगुंडी राज गोविंद फाल्के
विद्रोही कविकाजी नज़रुल इस्लाम
विरोध भाषाओं का मिश्रणमोहम्मद बिन तुगलक
देश प्रिययतींद्र मोहन सेन
सुपरकटक्लाइव लॉयड
महामनापंडित मदन मोहन मालवीय
राजाजीचक्रवर्ती राजगोपालाचारी
गुरुदेवरविंद्र नाथ टैगोर
जननायककर्पूरी ठाकुर
मैन ऑफ डेस्टिनीनेपोलियन बोनापार्ट
ग्रैंड मैन ऑफ ब्रिटेनग्लैडस्टोन
मैडम क्वीनमहारानी एलिजाबेथ द्वितीय
कायदे आजममोहम्मद अली जिना
अजातशत्रुडॉ राजेंद्र प्रसाद
देशरत्नराजेंद्र प्रसाद
नेताजी सुभाष चंद्र बोस
युवा तुर्कश्री चंद्रशेखर
शहीद-ए-आजमभगत सिंह
भारत कोकिलासरोजिनी नायडू
माता बसंतएनी बेसेंट
ताऊचौधरी देवीलाल
चाचाजवाहरलाल नेहरू
कश्मीर का अकबरजैनुल आबदीन
स्वर कोकिलालता मंगेशकर
निर्मल हिर्दयमदर टेरेसा
कवि गुरुरविंद्र नाथ ठाकुर
विश्व गुरुरवींद्र नाथ ठाकुर
तोता ए हिंदअमीर खुसरो
भारत का नेपोलियनसमुंद्र गुप्त
भारतीय मैकियावेलीचाणक्य
उड़न परी पीटी उषा
हरियाणा हरिकेनकपिल देव
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद
वार्ड ऑफ एवनविलियम शेक्सपियर
गुजरात का जनकरविशंकर महाराज
महात्मा गांधी के पांचवें पुत्रजमुना लाल बजाज
लिटिल कॉरपोरलनेपोलियन बोनापार्ट
फादर ऑफ इंग्लिश पोएट्रीजेफ्री चौसर
मेड ऑफ एलियंसजॉन ऑफ आर्क
भारतीय इतिहास के निर्मातासैयद बंधु
गुजरात के जनकरविशंकर बजाज
भारत का शेक्सपियरमहाकवि कालिदास
फ्यूहररएडोल्फ हिटलर
लिटिल मास्टरसुनील गावस्कर
भारतीय पुनर्जागरण के प्रभात नक्षत्रराजा राममोहन राय
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श्री शिव स्तुति भोले शिव शंकर जी की स्तुति... ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय भगवान शिव स्तुति : भगवान भोलेनाथ भक्तों की प्रार्थना से बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसी कारण उन्हें 'आशुतोष' भी कहा जाता है। सनातन धर्म में सोमवार का दिन को भगवान शिव को समर्पित है। इसी कारण सोमवार को शिव का महाभिषेक के साथ साथ शिव की उपासना के लिए व्रत भी रखे जाते हैं। अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि पाना के लिए सोमवार के दिन शिव स्तुति का जाप करना आपके लिए लाभकारी होगा और स्तुति का सच्चे मन से करने पर भोले भंडारी खुश होकर आशीर्वाद देते है। ॥ शिव स्तुति ॥ ॥ दोहा ॥ श्री गिरिजापति बंदि कर चरण मध्य शिर नाय। कहत गीता राधे तुम मो पर हो सहाय॥ कविता नंदी की सवारी नाग अंगीकार धारी। नित संत सुखकारी नीलकण्ठ त्रिपुरारी हैं॥ गले मुण्डमाला भारी सर सोहै जटाधारी। बाम अंग में बिहारी गिरिजा सुतवारी हैं॥ दानी बड़े भारी शेष शारदा पुकारी। काशीपति मदनारी कर शूल च्रकधारी हैं॥ कला जाकी उजियारी लख देव सो निहारी। यश गावें वेदचारी सो

jhaankee - झांकी उमा महेश की, आठों पहर किया करूँ।

भगवान शिव की आरती | BHAKTI GYAN भगवान शिव की आरती... ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: भगवान शिव की पूजा के समय मन के भावों को शब्दों में व्यक्त करके भी भगवान आशुतोष को प्रसन्न किया जा सकता है। भगवान शिव की आरती से हम भगवान भोलेनाथ के चरणों में अपने स्तुति रूपी श्रद्धासुमन अर्पित कर उनका कृपा प्रसाद पा सकते हैं। ॥ झांकी ॥ झांकी उमा महेश की, आठों पहर किया करूँ। नैनो के पात्र में सुधा, भर भर के मैं पिया करूँ॥ वाराणसी का वास हो, और न कोई पास हो। गिरजापति के नाम का, सुमिरण भजन किया करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... जयति जय महेश हे, जयति जय नन्द केश हे। जयति जय उमेश हे, प्रेम से मै जपा करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... अम्बा कही श्रमित न हो, सेवा का भार मुझको दो। जी भर के तुम पिया करो, घोट के मैं दिया करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... जी मै तुम्हारी है लगन, खीचते है उधर व्यसन। हरदम चलायमान हे मन, इसका उपाय क्या करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... भिक्षा में नाथ दीजिए, सेवा में मै रहा करूँ। बेकल हु नाथ रात दिन चैन

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श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! भगवान शिव शंकर जी आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। यदि भक्त श्रद्धा पूर्वक एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। 'श्री शिव रुद्राष्टकम' अपने आप में अद्भुत स्तुति है। यदि कोई आपको परेशान कर रहा है तो किसी शिव मंदिर या घर में ही कुशा के आसन पर बैठकर लगातार 7 दिनों तक सुबह शाम 'रुद्राष्टकम' स्तुति का पाठ करने से भगवान शिव बड़े से बड़े शत्रुओं का नाश करते हैं और सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। रामायण के अनुसार, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण जैसे भयंकर शत्रु पर विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना कर रूद्राष्टकम स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ किया था और परिणाम स्वरूप शिव की कृपा से रावण का अंत भी हुआ था। ॥ श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र ॥ नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भज

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Lingashtakam\Shiv\lingashtakam stotram-लिङ्गाष्टकम्

श्री लिंगाष्टकम स्तोत्र श्री शिव लिंगाष्टकम स्तोत्र... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! लिंगाष्टकम में शिवलिंग की स्तुति बहुत अद्बुध एवं सूंदर ढंग से की गयी है। सुगंध से सुशोभित, शिव लिंग बुद्धि में वृद्धि करता है। चंदन और कुमकुम के लेप से ढका होता है और मालाओं से सुशोभित होता है। इसमें उपासकों के पिछले कर्मों को नष्ट करने की शक्ति है। इसका पाठ करने वाला व्यक्ति हर समय शांति से परिपूर्ण रहता है और साधक के जन्म और पुनर्जन्म के चक्र के कारण होने वाले किसी भी दुख को भी नष्ट कर देता है। ॥ लिंगाष्टकम स्तोत्र ॥ ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥ सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् । सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥ कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् । दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्ग

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