सूर्याधिकम् — महत्व, लाभ और मकर संक्रांति पर पाठ सूर्याधिकम् — महत्व और लाभ... सूर्याधिकम् स्तोत्र का नियमित पाठ शरीर को स्वस्थ, ऊर्जावान और निरोग बनाए रखने में अत्यंत प्रभावी माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि यह स्तोत्र सौभाग्य, आत्मबल, तेज और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है। इसका अनुशासित पाठ शारीरिक ऊर्जा तथा मनोबल दोनों को बढ़ाता है और रोगों के विरुद्ध रक्षा करने में सहायक होता है। मकर संक्रांति और विशेष महत्व: पुराणों में वर्णित है कि मकर संक्रांति के पावन दिन सूर्याधिकम् का पाठ करने से सात पीढ़ियों तक की रक्षा होती है। मकर संक्रांति के समय सूर्य उत्तरायण होते हैं — अर्थात् सूर्य देव उत्तर दिशा की ओर अग्रसर होते हैं — और यह काल आध्यात्मिक उन्नति, तप, साधना और पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्याधिकम् स्तोत्र का पाठ करने से साधक को विशेष कृपा, स्वास्थ्य लाभ और जीवन में स्थायी सौभाग्य प्राप्त होता है। ॥ सूर्याधिकम् ॥ Play Audio श्री गणेशाय नमः ...
भक्ति ज्ञान
जीवने यत् प्राप्तम् तदर्थं कृतज्ञतां धारयतु, यत् न प्राप्तम् तदर्थं धैर्यं धारयतु।