श्री जलेश्वर महादेव चालीसा...
भगवान शिव के जलेश्वर महादेव रूप को समर्पित एक भक्तिपूर्ण और सुंदर "श्री जलेश्वर महादेव चालीसा" का पाठ। जलेश्वर महादेव जल स्वरूप में प्रतिष्ठित शिव का रूप है, जिनकी पूजा से शांति, आरोग्य, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
|| श्री जलेश्वर महादेव चालीसा ||
(भक्ति और श्रद्धा से अर्पित)
॥ दोहा ॥
जय जय शिव जलेश्वर, जल में बसे भगवान।
भव से पार उतारते, करते पापों का त्राण॥
॥ चौपाई ॥
जय श्री शिव जलेश्वर दानी,
त्रिपुरारी त्रिनयन भवानी॥
गंगा-जटाजूट में वासी,
सदा करहु भक्तन पर कृपा ऐसी॥
जलेश्वर रूप में जल में वासे,
भक्तों के सब संकट नाशे॥
नीलकंठ शिव शशिधर प्यारे,
दुष्ट दलन औ दुख बिसारे॥
शिवलिंग रूप धरे जलमाया,
देखत भाव बढ़े मन छाया॥
नंदी-बैल तव वाहन स्वामी,
भस्म विभूषित गात ललामी॥
तुम हो आदि अनादि विभूति,
सुर-मुनिजन पूजत वंदन-पूत॥
कैलासपति तुम रूद्र स्वरूपा,
सृष्टि-धारक शिव संकल्पा॥
जलेश्वर जो भाव से ध्यावे,
मनवांछित फल सहज ही पावे॥
जल में स्थित शिवलिंग प्यारा,
मंगलकारी, संकट हारा॥
दर्शन से भवभय मिट जाए,
हर हर महादेव जन गाए॥
जपते जो ‘ॐ नमः शिवाय’,
शिव सदा तिनके संग समाय॥
भूत-प्रेत पिशाच न व्यापे,
शिव की कृपा से कष्ट न थापे॥
शिवरात्रि को जो व्रत करता,
सकल दोष से वह बचता॥
दूध, जल से अभिषेक जो करे,
भक्ति भाव से स्तुति वचन भरे॥
महाकाल जलेश्वर नामी,
सदा सहाय भक्तन के स्वामी॥
॥ दोहा ॥
जो कोई चालीसा पढ़े, शिव मन धर ध्यान।
सकल मनोरथ सिद्ध हो, मिले जलेश्वर ज्ञान॥
श्री जलेश्वर महादेव चालीसा का पाठ करने का समय:
श्री जलेश्वर महादेव चालीसा के लाभ:
भावपूर्ण समर्पण:
हे जलस्वरूप भगवान शंकर, जिनका निवास जल की तरंगों में है, जिनके दर्शनों से मन और आत्मा दोनों पावन हो जाते हैं, आपके श्रीचरणों में यह चालीसा श्रद्धा, प्रेम, और पूर्ण समर्पण के साथ अर्पित है।
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