श्री राधा चालीसा...
भक्तों की आराध्या श्री राधा रानी को समर्पित पूर्ण श्री राधा चालीसा (Radha Chalisa) (भक्ति, प्रेम और आत्मिक शुद्धि का स्रोत) का पाठ, जो प्रेम, भक्ति और दिव्य माधुर्य से परिपूर्ण है, श्री राधा रानी को प्रेम की देवी, भक्ति की मूर्तिमान शक्ति, और श्रीकृष्ण की आध्यात्मिक शक्ति माना जाता है। उनकी स्तुति में रचित श्री राधा चालीसा का पाठ भक्त को शुद्ध प्रेम, मानसिक शांति और भगवत कृपा प्रदान करता है।
राधा चालीसा का पाठ सच्चे प्रेम का मार्ग खोलता है, जिसमें कोई मोह, स्वार्थ या शर्त नहीं होती। यह राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम को हृदय में स्थापित करता है।
शास्त्रों में कहा गया है-"राधा-कृष्ण एक आत्मा दो देह"
|| श्री राधा चालीसा ||
(समर्पित राधा रानी को, प्रेम स्वरूपा को)
॥ दोहा ॥
राधा नाम अनंत है, राधा बिन श्रीश्याम।
राधा के दरशन बिना, अधूरा है धाम॥
॥ चौपाई ॥
जय राधे, राधे जय राधे,
भज ले नाम सदा मन साचे॥
वृंदावन की रानी प्यारी,
श्याम मोहिनी प्रेम विचारी॥
ब्रज की शोभा राधा नाम,
श्रीकृष्ण संग रचे सुखधाम।
प्यारी राधा हृदय बसो तुम,
श्याम सुंदरी चरण पखारूँ॥
राधा रूप अलौकिक न्यारा,
भक्ति भाव में रूप उजियारा।
सखियों संग रास रचाया,
कृष्ण बिना राधा न भाया॥
रसिक शिरोमणि राधा रानी,
प्रेम की गागर तू भवानी।
कृष्ण मन बसती तू प्यारी,
बिन राधा न लीला सारी॥
जग में तेरा नाम है पावन,
भव से भरे सभी को तारण।
राधे राधे जप जो करता,
जीवन भव पार वो करता॥
सद्गुणों की खान कहाए,
संतों के मन राधा समाए।
राधा भाव से जो भी गाए,
अंतर में प्रभु को वह पाए॥
मंदिर-मंदिर राधा प्यारी,
श्याम के मन की अधिकारी।
बांके बिहारी राधे रानी,
प्रेम भक्ति की तू महारानी॥
वृंदा कुंज में सेवा पावें,
राधा नाम जपा जो ध्यावे।
अधरों पे तेरा नाम सजे,
हर संकट का नाश होवे॥
राधा के मन में श्रीकृष्ण,
कृष्ण के मन राधा निश्चित।
दोनों का मिलन सदा सुहाना,
यही है ब्रज प्रेम का गहना॥
॥ दोहा ॥
राधा चालीसा जो पढ़े, सच्चे मन लगाय।
राधा रानी कृपा करें, प्रेम सहज बहाय॥
विशेष लाभ:
मानसिक और आत्मिक शांति:
कष्टों का निवारण और मनोकामना पूर्ति:
विशेष पंक्ति जो महत्व दर्शाती है:
"राधा नाम जपै जो कोई,
संकट मिटे, प्रेम रस होई॥"
बोलो श्री राधे राधे!
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