श्री हनुमान गायत्री मंत्र श्री हनुमान गायत्री मंत्र संस्कृत... श्रीहनुमान गायत्री मंत्र अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है। इसके नियमित जाप करने से भक्तों पर हनुमान जी की कृपा हमेशा रहती है। श्री हनुमान गायत्री मंत्र ॐ आंजनेयाय विद्मिहे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो: हनुमत् प्रचोदयात ॥१॥ ॐ रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि। तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ॥२॥ ॐ अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि। तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ॥३॥ हनुमान गायत्री मंत्र का अर्थ : हे अंजनी और वायु के पुत्र श्रीं हनुमान जी, मैं आपसे बुद्धि और ज्ञान की प्रार्थना करता हूं। हे देवी अंजनी के पुत्र और पवन पुत्र से प्रार्थना करते हैं। भगवान हनुमान हमारी बुद्धि को बुद्धिमत्ता और ज्ञान को सन्मार्ग में प्रेरित करें। Related Pages: श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् चिन्तामणि षट्पदी स्तोत्र गणपतितालम् श्री कालभैरव अष्टकम् अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी देवी भजन- इंद्राक्षी स्तोत्रम् श्री शिव प्रातः स्मरणस्तोत्रम् 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग राम रक्षा स्तोत्र संकटमोचन हनुमा
जीवने यत् प्राप्तम् तदर्थं कृतज्ञतां धारयतु, यत् न प्राप्तम् तदर्थं धैर्यं धारयतु।