गोविन्द दामोदर स्तोत्र श्री गोविंद दामोदर स्तोत्र... श्रीं राधे कृष्णा | श्रीं राधे कृष्णा | श्रीं राधे कृष्णा | श्रीं राधे कृष्णा | श्रीं राधे कृष्णा श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् की रचना श्रीबिल्वमंगल ठाकुर जी द्वारा की गयी है, जिन्हें ‘श्रीलीलाशुक’ कहा जाता है। विपत्ति के समय श्रद्धाभक्तिपूर्वक इस श्रीगोविन्द दामोदर स्तोत्रम् का पाठ किया जाए तो मनुष्य के सारे दु:ख स्वयं भगवान हर लेते हैं। श्री कृष्ण भगवान के इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से भगवान साधक को भक्ति और आनन्दामृत प्रदान करने के साथ मनुष्य को मोक्ष भी प्रदान करते है। श्रीं कृष्ण भगवान की भक्ति पाने के लिए इसे प्रतिदिन पढ़ें! || गोविन्द दामोदर स्तोत्र || अग्रे कुरूणामथ पाण्डवानां दुःशासनेनाहृतवस्त्रकेशा । कृष्णा तदाक्रोशदनन्यनाथा गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ १॥ श्रीकृष्ण विष्णो मधुकैटभारे भक्तानुकम्पिन् भगवन् मुरारे । त्रायस्व मां केशव लोकनाथ गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ २॥ विक्रेतुकामा किल गोपकन्या मुरारिपादार्पितचित्तवृत्तिः । दध्यादिकं मोहवशादवोचद् गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ ३॥ उलूखले सम्भृततण्ड
जीवने यत् प्राप्तम् तदर्थं कृतज्ञतां धारयतु, यत् न प्राप्तम् तदर्थं धैर्यं धारयतु।