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Showing posts from December, 2022

Sri Krishna\Krishna Ashtottara Shatanama Stotram

कृष्ण लीला अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् कृष्ण लीला अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! श्री कृष्ण लीला अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् भगवान श्री कृष्ण जी समर्पित हैं, इस स्तोत्रम् में कृष्ण भगवान के बचपन की लीला के बारे में बताया गया हैं। श्री कृष्ण लीला अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् का पाठ विशेष रूप से श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर किया जाता हैं। श्री कृष्ण लीला अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् का नियमित रूप से पाठ करना बहुत लाभदायक होगा। ॥ कृष्ण लीला अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् ॥ शाण्डिल्य उवाच । अथ लीलाशतं स्तोत्रं प्रवक्ष्यामि हरेः प्रियम् । यस्याभ्यसनतः सद्यः प्रीयते पुरुषोत्तमः ॥ १॥ यदुक्तं श्रीमता पूर्वं प्रियायै प्रीतिपूर्वकम् । ललितायै यथाप्रोक्तं सा मह्यं कृपया जगौ ॥ २॥ श्रुतिभिर्यत्पुरा प्रोक्तं मुनिभिर्यत्पुरोदितम् । तदहं वो वर्णयिष्ये श्रद्धालून् संमतान् शुचीन् ॥ ३॥ लीलानामशतस्यास्य ऋषयोऽग्निसमुद्भवाः । देवता शीपतिर्नित्यलीलानुग्रहविग्रहः ॥ ४॥ छन्दांस्यनुष्टुप् रूपाणि कीर्तितानि मुनीश्वराः । बीजं भक्

Gorakhnath\Shabari Kavacham in Sanskrit

शबरी कवचम् शबरी कवचम्... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! शबरी कवचम पूर्णतः संस्कृत भाषा में लिखा गया है। यह शबरी कवित्त से है, शबरी कवित्त माछिंद्रा और गोरखनाथ द्वारा लिखा गया है और सभी नवनाथों द्वारा योगदान दिया गया है। शबरी कवचम इसका बहुत छोटा हिस्सा है। ये ऐसे मंत्र हैं जो उन भक्तों के लिए लिखे गए हैं जिनके जीवन में बहुत से कष्ट हैं। सभी इच्छाओं की पूर्ति का जीवन जीने के लिए, खुशी के साथ और शांति के लिए ये मंत्र बहुत उपयोगी हैं। ॥ शाबरी कवचम् ॥ अथ ध्यानम् ॐ नमो भगवते श्रीवीरभद्राय । विरुपाक्षी लं निकुंभिनी षोडशी उपचारिणी । वरुथिनी मांसचर्विणी । चें, चें, चें, चामलरायै । धनं धनं कंप कंप आवेशय । त्रिलोकवर्ति लोकदायै । सहस्त्रकोटिदेवानां आकर्षय आकर्षय । नवकोटी गंधर्वानां आकर्षय आकर्षय । हंसः, हंसः, सोहं, सोहं, सर्व रक्ष, मां रक्ष, भूतेभ्यो रक्ष । ग्रहेभ्यो रक्ष । पिशाचेभ्या रक्ष । शाकिनीती रक्ष, डाकिनीती रक्ष । अप्रत्यक्ष प्रत्यक्षारिष्टेभ्यो रक्ष, रक्ष, । महाशक्ति रक्ष । कवचशक्ति रक्ष । रक्ष ओजंवाल । गुरुवाल । ॐ

Vishnu 1000 Name\Vishnu Sahasranamam Stotram

विष्णु सहस्रनाम भगवान विष्णु के हजार नाम गुरुवार को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! विष्णु सहस्रनाम भगवान विष्णु के हजार नामों से युक्त एक प्रमुख स्तोत्र है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने वाले व्यक्ति को यश, सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता, सफलता, आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्त होता है तथा मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। श्रीहरि भगवान विष्णु के १००० नामों की महिमा अवर्णनीय है। ॥ विष्णुसहस्रनाम ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। १ ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। २ ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। ३ ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः । संभवो भावनो भर्ता प्रभवः प्रभु: ईश्वरः ।। ४ ।। स्वयंभूः शम्भु: आदित्यः पुष्कराक्षो महास्वनः । अनादि-निधनो धाता विधाता धातुरुत्तमः ।। ५ ।। अप्रमेयो हृषीकेशः पद्मनाभो-अमरप्

Tyohaar\vrat\Festival list of 2023

हिन्दू कैलेंडर 2023: व्रत एवं त्यौहार | BHAKTI GYAN 2023 का त्योहार सूचि, जानिए कब मनायेंगे होली, दिवाली, दशहरा-छठ, पूरे साल की जानकारी... 2023 के त्यौहारों और व्रत की एक सूची तैयार की है। इस से आपको न केवल आगामी छुट्टियां और त्यौहार की जानकरी। चलिए विस्तार से जानते हैं जनवरी से लेकर दिसंबर 2023 तक कब कौन-कौन से त्योहार और व्रत रखें जाएंगे। हिन्दू कैलेंडर 2023: व्रत एवं त्यौहार जनवरी 2023 के व्रत त्यौहार 2 सोमवार पौष पुत्रदा एकादशी 4 बुधवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 6 शुक्रवार पौष पूर्णिमा व्रत 10 मंगलवार संकष्टी चतुर्थी 15 रविवार पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति 18 बुधवार षटतिला एकादशी 19 गुरुवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 20 शुक्रवार मासिक शिवरात्रि 21 शनिवार माघ अमावस्या 26 गुरुवार बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा फरवरी 2023 के व्रत त्यौहार 1 बुधवार जया एकादशी 2 गुरुवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 5 रविवार माघ पूर्णिमा व्रत 9 गुरुवार संकष्टी चतुर्थी 13 सोमवार कुम्भ संक्रांति 16 गुरुवार विजया एकादशी 18 शनिवार महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि 20 सो

Hanuman ji\SHRI HANUMAT PANCHARATNAM

श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम् | BHAKTI GYAN श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम्... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित श्री हनुमत पञ्चरत्नं स्तोत्र में हनुमान जी की व्याख्या की गई है। श्री हनुमत पञ्चरत्नं का पाठन करने वाला जातक श्री रामचंद्र का परम भक्त बन जाता हैं। ॥ श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम् ॥ वीताखिल-विषयेच्छं जातानन्दाश्र पुलकमत्यच्छम् । सीतापति दूताद्यं वातात्मजमद्य भावये हृद्यम् ॥१॥ तरुणारुण मुख-कमलं करुणा-रसपूर-पूरितापाङ्गम् । सञ्जीवनमाशासे मञ्जुल-महिमानमञ्जना-भाग्यम् ॥२॥ शम्बरवैरि-शरातिगमम्बुजदल-विपुल-लोचनोदारम् । कम्बुगलमनिलदिष्टम् बिम्ब-ज्वलितोष्ठमेकमवलम्बे ॥३॥ दूरीकृत-सीतार्तिः प्रकटीकृत-रामवैभव-स्फूर्तिः । दारित-दशमुख-कीर्तिः पुरतो मम भातु हनुमतो मूर्तिः ॥४॥ वानर-निकराध्यक्षं दानवकुल-कुमुद-रविकर-सदृशम् । दीन-जनावन-दीक्षं पवन तपः पाकपुञ्जमद्राक्षम् ॥५॥ एतत्-एतत्पवन-सुतस्य स्तोत्रं यः पठति पञ्चरत्नाख्यम् । चिरमिह-निखिलान् भोगान् भुङ्क्त्वा श्रीराम-भक्ति-भाग्-भवति ॥६॥ ॥ इति श्रीमच्छंकर-भगवतः कृतौ हनु

Sri Hanumaan ke 108 Name\Sri Hanuman Ashtottar-Shatnam-Namavali

श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली | BHAKTI GYAN श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! श्री हनुमान के 108 नाम मंत्र सुंदरकांड पाठ, हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत में प्रमुखता से पाठ किया जाता है तो विशेष महत्व है। श्री हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली... || श्रीहनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली || ॐ आञ्जनेयाय नमः । ॐ महावीराय नमः । ॐ हनूमते नमः । ॐ मारुतात्मजाय नमः । ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः । ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः । ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः । ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः । ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः । ९ ॐ रक्षोविध्वंसकारकाय नमः । ॐ परविद्या परिहाराय नमः । ॐ परशौर्य विनाशनाय नमः । ॐ परमन्त्र निराकर्त्रे नमः । ॐ परयन्त्र प्रभेदकाय नमः । ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः । ॐ भीमसेन सहायकृथे नमः । ॐ सर्वदुखः हराय नमः । ॐ सर्वलोकचारिणे नमः ।१८ ॐ मनोजवाय नमः । ॐ पारिजात द्रुमूलस्थाय नमः । ॐ सर्वमन्त्र स्वरूपवते नमः । ॐ सर्वतन्त्र स्वरूपिणे नमः । ॐ सर्वयन्त्रात्मकाय नमः । ॐ कपीश्वराय नमः