Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2024

Shri Hari Stotram - Stotras of Lord Vishnu/श्री हरि स्तोत्रम्

श्री हरि स्तोत्र भगवान विष्णु के लोकप्रिय स्तोत्रों में से एक है। श्री हरि स्तोत्रम्... हरि ॐ| हरि ॐ | हरि ॐ | हरि ॐ | हरि ॐ श्री हरि स्तोत्र भगवान विष्णु के लोकप्रिय स्तोत्रों में से एक है। जो व्यक्ति प्रतिदिन श्री हरि स्तोत्र का स्मरण करता है, उसे निश्चय ही भगवान विष्णु की प्राप्ति होती है और वह पुनर्जन्म के कष्ट से मुक्त हो जाता है। श्री हरि स्तोत्रम् पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य की प्राप्ति कीर्ति में बढ़ोतरी होती है तथा सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में प्रेम और आनंद का संचार होता है। आइए, श्री हरि स्तोत्रम् पढ़ें। ॥ श्री हरि स्तोत्रम् ॥ जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालंशरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायंसुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं॥१॥ सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासंजगत्सन्निवासं शतादित्यभासं गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रंहसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं॥२॥ रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारंजलान्तर्विहारं धराभारहारं चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपंध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं॥३॥ जराजन्महीनं परानन्दपीनंसमाधानलीनं सदैवानवीनं जगज्जन्महेतुं सुरानी

Sri Rudrashtakam Namamishamishan Nirvanarupam with Hindi _श्रीरुद्राष्टकम्

श्रीरुद्राष्टकम् नमामीशमीशान निर्वाणरूपं हिंदी अर्थ सहित श्रीरुद्राष्टकम् नमामीशमीशान निर्वाणरूपं हिंदी अर्थ सहित... ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय श्रीरुद्राष्टकम् - "नमामीशमीशान निर्वाण रूपम" पाठ शिवजी की स्तुति है। इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करने वालों से भगवान शंभु प्रसन्न होते हैं। यह श्री गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचना की गई है। मानस के अनुसार भगवान श्रीराम ने रावण जैसे भयंकर शत्रु पर विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना कर रूद्राष्टकम स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ किया था। इस पाठ के कारण ही उन्हें शिवजी की कृपा से युद्ध में विजयी मिली। ॥ ॐ नमः शिवाय ॥ ॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥ नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ मैं भगवान शिव, परम भगवान, जो निर्वाण के अवतार हैं और जो वेदों के सर्वव्यापी रूप हैं, को प्रणाम करता हूँ। मैं भगवान के उस सर्वोच्च व्यक्तित्व की पूजा करता हूं, जो पारलौकिक है, भौतिक प्रकृति के सभी भौतिक ग

Maa Tripura Bhairavi Sahasranama Stotram\श्रीत्रिपुरभैरवीसहस्रनामस्तोत्रम्

श्रीत्रिपुरभैरवीसहस्रनामस्तोत्रम् श्री त्रिपुरभैरवी सहस्रनाम स्तोत्रम्!... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यह स्तोत्र परम पवित्र और सबका कल्याण करने वाला है। उनके बारे में सुनने मात्र से आपकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होंगी। प्रातः माँ भैरवी स्मरण सम्पूर्ण भक्तिभाव से करें... || श्रीत्रिपुरभैरवीसहस्रनामस्तोत्रम् || अथ श्रीत्रिपुरभैरवीसहस्रनामस्तोत्रम् महाकालभैरव उवाच अथ वक्ष्ये महेशानि देव्या नामसहस्रकम् । यत्प्रसादान्महादेवि चतुर्वर्गफलल्लभेत् ॥ १ ॥ सर्वरोगप्रशमनं सर्वमृत्युविनाशनम् । सर्वसिद्धिकरं स्तोत्रन्नातः परतः स्तवः ॥ २ ॥ नातः परतरा विद्या तीर्त्थन्नातः परं स्मृतम् । यस्यां सर्वं समुत्पन्नय्यस्यामद्यापि तिष्ठति ॥ ३ ॥ क्षयमेष्यति तत्सर्वं लयकाले महेश्वरि । नमामि त्रिपुरान्देवीम्भैरवीं भयमोचिनीम् । सर्वसिद्धिकरीं साक्षान्महापातकनाशिनीम् ॥ ४ ॥ अस्य श्रीत्रिपुरभैरवीसहस्रनामस्तोत्रस्य भगवान् ऋषिः। पङ्क्तिश्छन्दः। आद्या शक्तिः। भगवती त्रिपुरभैरवी देवता । सर्वकामार्त्थसिद्ध्यर्त्थे जपे विनियोगः ॥ ॐ त्रि