सूर्य कवच सूर्य कवच संस्कृत में... ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय सूर्य कवच एक रक्षात्मक स्तोत्र है। इसका पाठ करने से शरीर स्वस्थ रहता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन इस कवच का पाठ करने से सात पीढ़ियों तक की रक्षा होती है। मकर संक्रांति इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जिसका अर्थ है सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है। सूर्य कवच Play Audio श्री गणेशाय नमः शृणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्। शरीरारोग्यदं दिव्यं सर्व सौभाग्यदायकम् ॥१॥ दीप्तिमानं मुकुटं स्फुरन्मकरकुण्डलम्। ध्यान्त्वा सहस्रकिरणं स्तोत्रमेतदुदीरयेत् ॥२॥ शिरो मे भास्करः पातु ललाटे मेऽमितद्युतिः। नेत्रे दिनमणिः पातु श्रवणे वासरेश्वरः ॥३॥ घ्राणं धर्मधुरीणः पातु वदनं वेदवाहनः। जिह्वां मे मानदः पातु कण्ठं मे सूर्यवन्दितः ॥४॥ स्कन्धौ प्रभाकरं पातु वक्षः पातु जनप्रियः। ...
जीवने यत् प्राप्तम् तदर्थं कृतज्ञतां धारयतु, यत् न प्राप्तम् तदर्थं धैर्यं धारयतु।