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Showing posts from January, 2025

Suryakavach/सूर्य कवच संस्कृत में/Suryasya Kavach

सूर्य कवच | मूल संस्कृत पाठ, लाभ, मन्त्र एवं महत्व सूर्य कवच — महत्व और लाभ... सूर्य कवच एक रक्षात्मक स्तोत्र है। इसका पाठ करने से शरीर स्वस्थ रहता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सूर्य देव को जीवनशक्ति, तेज और ओज का प्रदाता माना गया है; अतः इस कवच का पाठ तन, मन और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। पौराणिक महत्व: पुराणों के अनुसार, मकर संक्रांति के पावन दिन यदि इस कवच का पाठ किया जाए तो उसका फल अत्यधिक माना गया है। परंपरा यह बताती है कि इस दिन किया गया पाठ सात पीढ़ियों तक रक्षा प्रदान कर सकता है। मकर संक्रांति और उत्तरायण: मकर संक्रांति के समय सूर्या उत्तरायण होते हैं — अर्थात् सूर्य का चक्र उत्तर दिशा की ओर बढ़ना प्रारम्भ करता है। यह समय आध्यात्मिक अभ्यास, तप और साधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, इसलिए सूर्य कवच का पाठ इस दिन विशेष प्रभावकारी होता है। सूर्य कवच Play Audio श्री गणेशाय नमः शृणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शु...

Mahadev Ashtakam/Har Har Mahadev/महादेवाष्टकम्

महादेवाष्टकम् महादेवाष्टकम्... ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय महादेवाष्टकम" पाठ शिवजी की स्तुति है। यह स्तोत्र भगवान शिव की स्तुति में रचित है। इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। ॐ नमः शिवाय ॐ महादेवाष्टकम् Play Audio मोक्षलक्ष्मीगृहद्वारकवोटोद्घाटनध्वनिः । महादेव महादेव महादेवेत्ययं ध्वनिः ॥१॥ वैवस्वतमहाराजमौलिसंगकुट्नध्वनिः । महादेव महादेव महादेवेत्ययं ध्वनिः ॥२॥ कैलासनगरद्वारमहाघण्टारवध्वनिः । महादेव महादेव महादेवेत्ययं ध्वनिः ॥३॥ महापातकमत्तेभत्रासकण्ठोरध्वनिः । महादेव महादेव महादेवेत्ययं ध्वनिः ॥४॥ महेश्वरमहोक्षस्य घण्टाघणघणध्वनिः । महादेव महादेव महादेवेत्ययं ध्वनिः ॥५॥ मुक्त्यंगनाकरस्पर्शविवाहपटहध्वनिः । महादेव महादेव महादेवेत्ययं ध्वनिः ॥६॥ मत्सेवनासमायातजयश्रीदुन्दुभिध्वनिः । महादेव महादेव महादेवेत्ययं ध्वनिः ॥७॥ पापाटवीप्रविष्टाग्निज्वालाचटचटध्वनिः । महादेव महादेव म...

Ambā Stotram/अम्बास्तोत्रम्/अम्बा स्तोत्रम/ अम्ब प्रसाद वरदा भवदुःखनाशिनी।

अम्बास्तोत्रम्... ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय अम्बास्तोत्रम् (Amba Stotram) एक भक्तिमय स्तोत्र है जो माँ दुर्गा या माँ अम्बा की स्तुति में रचा गया है। यह स्तोत्र माँ की शक्ति, करुणा और रक्षा करने की शक्ति का गुणगान करता है। ॥ अम्बास्तोत्रम् ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः। अम्ब प्रसाद वरदा भवदुःखनाशिनी। कामान्ममाशु परिपूरय कामधेनो। अधैव मे रिपुगणाः विलयं प्रयान्तु। वीर्यं जयं च विपुलं च यशः प्रदेहि॥१॥ अम्ब प्रसिद महतीं श्रियमत्र लोके। सर्वात्मिकां वितरतादितरानपेक्षम्। सम्पन्नकरीं सुखकरीं भवतीं भजस्ते। यस्तस्य दुर्लभमिह त्रिदिवेऽपि नास्ति॥२॥ अम्ब प्रसिद शतकोटिधरादिदेव। समेतविदाढियुगले सकलैष्टदात्रि। यस्मिन्प्रसीदति नागमती भवानी। धन्यः स एव जगतो च स एव सेव्यः॥३॥ अम्ब प्रसिद सकृद्दृगुजगन्निवास। क्रीडागृहे कमलवासि समाप्रतीहेमपर्ण। सम्पत्ति कल्पलतिके त्वदपाङ्गरेखा। ब्रह्मादयोऽपि परिगृह्य भवन्ति धन्याः॥४॥ इति अम्बास्तोत्रं सम्पूर्णम्। संबंधित पृष्ठ: श्री गणेश चालीसा गणपति प्रार्थना श्रीकृष...