ये बातें हर हिंदू को पता होनी चाहिए......
सनातन धर्म से जुड़ी ऐसे महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताएंगे, जिसे हर हिन्दू को जानना जरूरी है। आइये जानते हैं हिन्दू धर्म से जुड़ी वे महत्वपूर्ण बातें जो पता होनी चाहिए।
"श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-
ॐ . किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।
ॐ . भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।
ॐ . कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी
ॐ . कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
ॐ . कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में
ॐ . क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।
ॐ . कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय
ॐ . कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक
ॐ . गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।
ॐ . गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
ॐ . अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को
ॐ . गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में
ॐ . गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।
ॐ . गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद
ॐ . गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना।
ॐ . गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.
ये बातें प्रत्येक हिंदू को पता होनी चाहिए।
हिन्दू धर्म का एक बहुत बड़ा दुष्प्रचार किया गया कि 33 करोड़ देवी-देवता हैं। सभी के नाम और स्वरूप अलग-अलग हैं। आपस में बातचीत और व्यंग्य में भी इस बात का कई बार जिक्र किया जाता है। लेकिन सच्चाई अलग है। दरअसल, 33 करोड़ देवी-देवता की बात कोरी कल्पना और एक जुठा दुष्प्रचार है। ये शब्दों का गलत अर्थ निकालने जैसा है। वास्तव में एक शब्द के दो अर्थ होने से भ्रम फैला है। जबकि, शास्त्रों ने स्पष्ट लिखा है, व्याख्या करने वालों ने इसका गलत अर्थ निकालकर 33 करोड़ का आंकड़ा रख दिया। जानिए 33 करोड़ देवी-देवताओं से जुड़ी मान्यता की सच्चाई किया है।
33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मेँ।
कोटि = प्रकार।
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।
सनातन धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उड़ाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता है।
कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-
12 प्रकार हैँ :- आदित्य , धाता, मित, आर्यमा, शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था, और विष्णु।
8 प्रकार हैँ :-वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
11 प्रकार हैँ :-रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक, अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी, रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।
2 प्रकार हैँ :- अश्विनी और कुमार।
कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी
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