लाल चुनरिया देवी भजन...
माँ दुर्गा की कृपा से सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है, और इंसान धनी बनता है, तरक्की करता है। हर तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं होता। मातारानी की कृपा मात्र से ही सारी तकलीफों से दूर हो जाता है और वो तेजस्वी बनता है।
卐 लाल चुनरिया - देवी भजन 卐
लाल गुलाल है लाल सुमन,
लाल गुलाल है लाल सुमन,
ले माँ लाल डलरिया,
लाल है चुनरी लाल है चूड़ी,
लाल है माँ की अचरिया ।
लाल रंग माँ तेरा सिंगार है,
नौ रूपों में माँ तेरा अवतार है,
चमके है कीर्ति महेरा वालिये,
शेरा वालिये ।
लाल चुनरिया हाय,
लाल चुनरी लाल चूड़ी,
गोरे हाथो में सवारे,
लाल चुनरिया हाय लाल चुनरिया ।
लाल गुलाल है लाल सुमन,
लाल गुलाल है लाल सुमन,
ले माँ लाल डलरिया,
लाल है चुनरी लाल है चूड़ी,
लाल है माँ की अचरिया ।
सागर से गहरा है माँ तेरा प्यार,
ममता बहे माँ के अचरा से,
सिंगार सुंदर सुहागन पे,
महेर तेरी बरसे बदरा से ।
हाँ चूड़ी नथिया पुष्प कहार,
हाँ चूड़ी नथिया पुष्प कहार,
माँ का करे सोलाह सिंगार,
सोहे है तुझपे सुंदर लाल चुनरिया ।
लाल चुनरिया हाय,
लाल चुनरी लाल चूड़ी,
गोरे हाथो में सवारे,
लाल चुनरिया हाय लाल चुनरिया ।
साँझ सवेरा तेरे चौखट पे,
मेरा बसेरा तेरे चौखट पे,
दुनिया को फिरा तेरी चौखट पे,
इस घर से जाये कहाँ ।
प्रीत तेरी ये माँ बस गयी मुझमें,
मैं पगली हाँ खो गयी तुझमें,
सारे बदरा जब छाये,
लहेराये तेरी चुनरिया ।
लाल चुनरिया हाय,
लाल चुनरी लाल चूड़ी,
गोरे हाथो में सवारे,
लाल चुनरिया हाय लाल चुनरिया ।
लाल गुलाल है लाल सुमन,
लाल गुलाल है लाल सुमन,
ले माँ लाल डलरिया,
लाल है चुनरी लाल है चूड़ी,
लाल है माँ की अचरिया ।
लाल गुलाल है लाल सुमन,
लाल गुलाल है लाल सुमन,
ले माँ लाल डलरिया,
लाल है चुनरी लाल है चूड़ी,
लाल है माँ की अचरिया ।
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