श्री बगलामुखी चालीसा...
श्री बगलामुखी चालीसा का पाठ भक्त की वाणी, विवेक, विजय और सुरक्षा के लिए परम फलदायी है। यह पाठ माँ बगलामुखी के चरणों में पूर्ण समर्पण और श्रद्धा के साथ प्रस्तुत किया गया है।
"हे माँ! मेरी जिह्वा, बुद्धि, कर्म, मन और आत्मा – सब कुछ तेरे चरणों में समर्पित है।"
॥ श्री बगलामुखी चालीसा ॥
(समर्पित – परम करुणामयी, पीताम्बरा, श्री बगलामुखी देवी के श्रीचरणों में)
॥ दोहा ॥
जयतीं जय बगला भवानी, जय महामाया बलवानी।
तेरी महिमा पार न पावें, शंकर विष्णु ब्रह्मा गावें॥
॥ चौपाई ॥
जय बगला महारानी। जय महामाया बलवानी॥
दुष्ट विनाशक नाम तुम्हारा। संकट हरण करै संसारा॥
पीताम्बर तन सुवास सुहाई। स्वर्ण सिंह पर तू सवारी॥
हाथों में मुद्गर अरु जिह्वा। शत्रु मूर्छित करै प्रलिहा॥
मंत्र प्रभाव तुम्हारा न्यारा। साधक जागे भाग्य हमारा॥
जो कोई तुझको ध्यावे प्यारा। संकट कबहुँ न आवे न्यारा॥
शत्रु बधे शरण जो आवै। दोष व्यथा निकट ना आवै॥
पीतांबरा तू महामाया। तू संकट हारिणी जगदंबा॥
ब्रह्मास्त्र रूपी नाम तुम्हारा। सुमिरत सिद्ध करे संसारा॥
शक्ति, भक्ति, वैराग्य प्रदान। भक्तन को दे सुख की खान॥
काम, क्रोध, लोभ नाशिनी। तू सब पापों की त्रासिनी॥
शरण पड़े जो कोई भक्त। करे तू उसकी शक्ति युक्त॥
ऋषि, मुनि, योगी जन गावे। मन्त्र बगलामुखी जप लावे॥
तंत्र-मंत्र में सबसे ऊँची। देवी बगला भव पीड़ा बूझी॥
राज दिलाये न्याय करे। दोष, विवाद सभी हर ले॥
न्यायालय में हो जीत तुम्हारी। साक्षी बनै माँ बलिहारी॥
भूत-प्रेत ना पास में आवै। मंत्र प्रभाव से भागे जावै॥
संकट में जो माँ को ध्यावे। संकट त्वरित पल में भागे॥
बुद्धि बल और विजय तुम्हारी। रक्षा करे बगला महतारी॥
अर्जुन को दी शक्ति अपारा। हारी न रावण के द्वारा॥
जो कोई पाठ करे मन लाई। शत्रु को वो सदा सताई॥
अमर रहे वह यश पावै। विजयश्री सदैव पावै॥
॥ दोहा ॥
बगलामुखी दयालु माँ, संकट हरो हमारी।
शरण तुम्हारी में रहूं, रक्षा करो महतारी॥
"बगलामुखी चालीसा" के भाव:
बगलामुखी चालीसा पाठ के लिए शुभ दिन और समय:
पाठ की विधि (संक्षिप्त रूप में):
बगलामुखी चालीसा के विशेष लाभ:
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