श्री बाबा बागेश्वर चालीसा...
यह रहा श्री बाबा बागेश्वर चालीसा का एक श्रद्धापूर्वक रचित संस्करण, जो उनके चमत्कारों, श्रद्धा, भक्ति और न्यायप्रिय स्वरूप को समर्पित है।
इस चालीसा का पाठ श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से मनोकामनाओं की पूर्ति, रोग, संकट, शत्रु बाधा और दरबार में न्याय प्राप्त करने हेतु अत्यंत प्रभावी माना गया है।
इसे मंगलवार व शनिवार को विशेष रूप से पढ़ना लाभकारी होता है।
॥ श्री बाबा बागेश्वर चालीसा ॥
(हनुमान जी के बागेश्वर धाम स्वरूप की महिमा)
॥ दोहा ॥
जय बागेश्वर धाम के, बाबा संकटमोचन।
ध्यान तुम्हारा लेत ही, कटे सकल संताप।।
॥ चौपाई ॥
जय जय बाबा बागेश्वर धारी।
संकट मोचन महा बलभारी॥
दीन-दुखी के तुम हितकारी।
बोलो ‘जय श्रीराम’ पुकारो प्यारे॥
ध्यान लगाए जो मन लाया।
सच्चे भाव से शीश नवाया॥
मनवांछित फल सब पाता।
दुख-दरिद्र न उसके पास आता॥
धर्म रचाया तुमने प्यारे।
वचन तुम्हारे सत्य हमारे॥
श्रीराम कार्य निरंतर करते।
भूत-प्रेत सब भागे डरते॥
संत समाज में तुम विराजो।
भक्ति भाव से सेवा साजो॥
बाल रूप हो या वीर हनुमाना।
सब स्वरूप पूज्य बगाना॥
बाबा जब दरबार लगाते।
मन की बात बिना बताए॥
सुनते हो तुम सबकी पीड़ा।
दया करो जो आँखें गीला॥
चोला लाल, गदा कर भारी।
आशीषों की बहे पिचकारी॥
चमत्कार अनगिन देखे जाएँ।
सच्चे भक्त ही सुफल पाएँ॥
धाम बागेश्वर की है महिमा।
जहाँ लगे न कोई सीमा॥
दूर-दराज़ से भक्त हैं आते।
कृपा-दृष्टि से सुख पाते॥
मंत्र ‘राम’ का तुम सिखाते।
जीवन को पावन बनाते॥
ज्ञान-भक्ति का पाठ पढ़ाते।
हर विपदा को दूर हटाते॥
सच्चे भाव से जो मन लाया।
भक्ति-सुमन तुम्हें चढ़ाया॥
तेरा नाम जपै जो नारी-नर।
हो जाए भवसागर से पार॥
॥ दोहा ॥
बाबा तेरी भक्ति से, मिट जाए संताप।
बागेश्वर दरबार में, सब पाएँ प्रताप।।
विशेष लाभ:
- यह चालीसा श्री बागेश्वर धाम सरकार की कृपा प्राप्ति हेतु अत्यंत फलदायक है।
- मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
- यह चालीसा भूत-प्रेत बाधा, मानसिक अशांति, एवं संकट-निवारण के लिए अद्भुत शक्ति प्रदान करती है।
विशेष निर्देश:
- पाठ का उत्तम समय: मंगलवार, शनिवार, या बागेश्वर दरबार दर्शन के दिन
- पूजन सामग्री: नारियल, लाल फूल, चने, हनुमान जी का चित्र या प्रतिमा
- व्रत/नियम: 21 दिन अथवा नियमित श्रद्धापूर्वक पाठ
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