श्री हनुमान जी की स्तुति...
नमो केसरीपुत्र महावीर को शत-शत नमन। यह पावन स्तुति साहस, बुद्धि और सभी प्रकार के संकट निवारण का अद्भुत माध्यम है। जय बजरंगबली!
हनुमान जी की यह स्तुति मंगलवार और शनिवार को श्रद्धा से पढ़ने पर विशेष फलदायी मानी जाती है।
॥ श्री हनुमान जी की स्तुति ॥
नमो केसरी पूत महावीर वीरं, मंङ्गलागार रणरङ्गधीरं।
कपिवेष महेष वीरेश धीरं, नमो राम दूतं स्वयं रघुवीरं।
नमो अञ्जनानंदनं धीर वेषं, नमो सुखदाता हर्ता क्लेशं।
किए काम भगतों के तुमने सारे, मिटा दुःख दारिद संकट निवारे।
सुग्रीव का काज तुमने संवारा, मिला राम से शोक संताप टारा।
गये पार वारिधि लंका जलाई, हता पुत्र रावण सिया खोज लाई।
सिया का प्रभु को सभी दुःख सुनाया, लखन पर पड़ा कष्ट तुमने मिटाया।
सभी काज रघुवर के तुमने संवारे, सभी कष्ट हरना पड़े तेरे द्वारे।
कहे दास तेरा तुम्हीं मेरे स्वामी, हरो विघ्न सरे नमामी नमामी।
विशेष लाभ:
- मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
- श्री हनुमान जी की स्तुत भूत-प्रेत बाधा, मानसिक अशांति, एवं संकट-निवारण के लिए अद्भुत शक्ति प्रदान करती है।
विशेष निर्देश:
- पाठ का उत्तम समय: मंगलवार, शनिवार, के दिन
- पूजन सामग्री: नारियल, लाल फूल, चने, हनुमान जी का चित्र या प्रतिमा
- व्रत/नियम: 21 दिन अथवा नियमित श्रद्धापूर्वक पाठ
| संबंधित पृष्ठ: |

Comments
Post a Comment