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Showing posts from October, 2025

Laxmi-Chalisa-Labh-Vidhi/श्री लक्ष्मी चालीस

श्री लक्ष्मी चालीसा | Laxmi Chalisa Hindi श्री लक्ष्मी चालीसा... माँ महालक्ष्मी समस्त संसार की पालनकर्ता और धन, ऐश्वर्य, सौभाग्य तथा समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनकी कृपा से ही जीवन में वैभव, सौभाग्य और संतोष का वास होता है। भक्त जब पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करता है, तब माँ उसकी मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं और जीवन के समस्त दुःख-दरिद्रता का नाश करती हैं। श्री लक्ष्मी चालीसा के बारे में: श्री लक्ष्मी चालीसा माँ महालक्ष्मी की स्तुति में रचित एक पवित्र भक्ति ग्रंथ है। इसमें चालीस चौपाइयों के माध्यम से माँ लक्ष्मी के स्वरूप, उनके गुणों, महिमा और कृपा का वर्णन किया गया है। यह चालीसा भक्त के जीवन से दरिद्रता, दुःख और दुर्भाग्य को दूर कर समृद्धि, शांति और सौभाग्य का वरदान देती है। माँ लक्ष्मी की महिमा: त्रिलोक में प्रतिष्ठा: माँ लक्ष्मी का वास जहाँ होता है, वहाँ सुख-शांति और समृद्धि का विस्तार होता है। विष्णु प्रिय: वे भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं और सृष्टि के संतुलन की आधारशिला हैं। सौभाग्...

Yamraj-Chalisa-labh-vidhi | श्री यमराज चालीसा पाठ विधि

श्री यमराज चालीसा — परिचय, पाठ, विधि और लाभ श्री यमराज चालीसा... श्री यमराज, जिन्हें धर्माधीश और मृत्यु के देवता के रूप में पूजा जाता है, हमारे कर्मों और धर्म के रक्षक हैं। वे जीवन और मृत्यु के चक्र को नियंत्रित करते हैं तथा धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने वाले भक्तों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। यमराज की भक्ति से व्यक्ति को जीवन में सत्य, धर्म, और कर्म की शक्ति का अनुभव होता है। भक्ति स्तुति का महत्व: यमराज को समर्पित स्तुति का पाठ करने से मनुष्य के पाप और गलत कर्मों का नाश होता है। यह स्तुति जीवन में उचित निर्णय लेने, कर्तव्यनिष्ठा और आत्मशुद्धि में सहायता करती है। साथ ही, यह मृत्यु के भय को शांत कर आत्मा की शांति प्रदान करती है। ॥ श्री यमराज चालीसा ॥ यमराज धर्माधीश — श्री यमराज को समर्पित भक्ति स्तुति ॥दोहा॥ जय यम धरनीधर महाबल, जय धर्मराज महान । भक्तों के रखवाले तुम हो, करहु कृपा भगवान ॥ ॥चौपाई॥ जय यमर...

Mahalakshmi-Ashtak-Stotram-labh-vidhi-श्री महालक्ष्मी अष्टकम्

श्री महालक्ष्मी अष्टकम् — पाठ, अर्थ, महत्व और लाभ श्री महालक्ष्मी अष्टकम् — संक्षिप्त परिचय... श्री महालक्ष्मी अष्टकम् एक अत्यंत पवित्र तथा लोकप्रिय स्तोत्र है जो माँ लक्ष्मी की महिमा का संक्षेप-स्वरूप रूपांतरण है। परंपरा में इसे आदि शंकराचार्य से जुड़ा माना जाता है और यह आठ श्लोकों में देवी के विविध स्वरूपों, गुणों और करुणा का सुंदर वर्णन करता है। यह स्तोत्र न केवल भौतिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है बल्कि अध्यात्मिक शांति, मनोबल और सौभाग्य की प्राप्ति का भी मार्ग दिखाता है। महत्व और विशेषताएँ: माँ लक्ष्मी के गुणों — वैभव, वैभवप्रदता, बुद्धि और भुक्ति-मुक्ति प्रदायक स्वरूप — का संक्षिप्त परन्तु प्रभावशाली विवरण। अष्टकम् होने के कारण इसे स्मरण करना सरल और प्रतिदिन पाठ के लिए सुविधाजनक है। श्रद्धा और भक्ति के साथ इसका नियमित पाठ घर-परिवार में सुख, शांति और आर्थिक स्थिरता लाने में सहायक माना गया है। ॥ श्री महालक्ष्मी अष्टकम् ॥ नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते। शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि ! ...