श्रीरामचंद्र की आरती- जगमग जगमग जोत जली...
श्री रामचंद्र जी की आरती के लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश में दिए हुए है। “जगमग जगमग जोत जली है, राम आरती होन लगी है...
|| श्रीरामचन्द्राय नम: ||
जगमग जगमग जोत जली है ।
राम आरती होन लगी है ॥
भक्ति का दीपक प्रेम की बाती ।
आरती संत करें दिन राती ॥
आनन्द की सरिता उभरी है ।
जगमग जगमग जोत जली है॥
कनक सिंघासन सिया समेता ।
बैठहिं राम होइ चित चेता ॥
वाम भाग में जनक लली है ।
जगमग जगमग जोत जली है॥
आरति हनुमत के मन भावै ।
राम कथा नित शंकर गावै ॥
सन्तों की ये भीड़ लगी है ।
जगमग जगमग जोत जली है ॥
Shri Ramchandra ji's Aarti:
Jagmag Jagmag Jyot Jali Hai।
Ram Aarti Hon Lagi Hai॥
Bhakti Ka Dipak Prem Ki Baati।
Aarti Sant Kare Din Raati॥
Anand Ki Sarita Ubhari Hai।
Jagmag Jagmag Jyot Jali Hai॥
Kanak Singhaasan Siya Sameta।
Baithahi Ram Hoi Chit Cheta॥
Vaam Bhag Mein Janak Lali Hai।
Jagmag Jagamag Jyot Jali Hai॥
Aarti Hanumat Ke Man Bhave।
Rama Katha Nit Shankar Gaave॥
Santon Ki Ye Bheed Lagi Hai।
Jagmag Jagamag Jyot Jali Hai॥
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