श्रीविष्णुगद्यपुष्पांजलीस्तोत्रम्...
॥ अथ श्रीविष्णुगद्यपुष्पांजलीस्तोत्रं ॥ |
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॥ अथ श्रीविष्णुगद्यपुष्पांजलीस्तोत्रं ॥
जय गोपालक जय गरुड़ध्वज जय माधव वैकुंठपते ॥
जय गोविंद जनार्दन यादव जय केशव जय भक्तनिधे ॥
जय दामोदर जय पुरुषोत्तम जय कंसासना विश्वपते ॥
जय जय पतित उद्धारण श्रीधर भक्तजन प्रतिपालकृते ॥
जय परमाद्भुत जय जगद रक्षक जय भार्गव श्री कृष्ण प्रभो ॥
जय मधुसूदन दैत्य विदारण विश्व प्रभोदनि विश्वकृते ॥
जय भवताप निवारण ईश्वर जय वामन जय भाद्रपते ॥
जय जय पतित उद्धारण श्रीधर भक्तजन प्रतिपालकृते ॥
जय परमामृत मंगलदायक पंकज लोचन विश्वधूर्त ॥
जय विष्णो रघुराम सुदर्शन जय रक्षक वर कीर्तिकृते ॥
जय नारायण विश्व परायण सकल सुखालय शांत मते ॥
जय जय पतित उद्धारण श्रीधर भक्तजन प्रतिपालकृते ॥
जय विजयज्जय शेष निवासन मुनिजन मानस साधुकृते ॥
जय गोपीजन वल्लभ व्यापक जय कमठाव्यय भक्ति प्रिये ॥
जय उद्धव प्रिय योग परायण जय धरणीधर प्राणपते ॥
जय जय पतित उद्धारण श्रीधर भक्तजन प्रतिपालकृते ॥
जय श्री वत्स वराह गदाधर जय नरसिंह रमाधिपर्ते ॥
जय वंशीधर जय संकर्षण परम मनोरथ पूर्णकृते ॥
जय ऋषिकेश जय अच्युत निश्चल मीन चतुर्भुज दीनपते ॥
जय जय पतित उद्धारण श्रीधर भक्तजन प्रतिपालकृते ॥
जय सुंदर शरणागत वत्सल जय धनवंतरी काम निधे ॥
जय कल्पद्रुम जय चिंतामणि सकल मनोरथ पूर्णकृते ॥
जय दत्तात्रय व्यास मन्वंतर कपिल कृपाकर हर्षयते ॥
जय जय पतित उद्धारण श्रीधर भक्तजन प्रतिपालकृते ॥
जय पाथो किलंकी ध्रुव वर दहय ग्रीव मुकुंद समाधि गते ॥
जय ऋषभ ध्वज हंस गुणाकर भक्ति परायण शंख धृते ॥
जय सनकादिक बुद्ध मुरारि युधिष्ठिर वल्लभ रत्न निथे ॥
जय जय पतित उद्धारण श्रीधर भक्तजन प्रतिपालकृते ॥
जय गिरिवर धर जय विश्वंभर पीतांबर धर वेद कृते ॥
जय नरसिंह जनार्दन वामन दाशरथि रघुवंश पते ॥
जय मोहन जय अनंत परात्पर जय वृज मोहन योग पते ॥
जय जय पतित उद्धारण श्रीधर भक्तजन प्रतिपालकृते ॥
महा भारत वर्द्धिनी देव नपेन्द्र महोत्सव जय जित क्रोध सुराधिपते ॥
॥ हरे राम हरे कृष्ण कृष्ण कृष्णोतिमंगलम ॥ रक ऋषभ सनातन हंस पते ॥
॥ यस एवमय पतित उद्धारण श्रीधर भक्तजन प्रतिपालकृते ॥
इति श्रीमछंकराचार्य विरचित महाभारत वर्द्धिनांजलि स्तोत्रं संपूर्णम् ।
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