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Showing posts from June, 2025

Ravidas Chalisa/रविदास चालीस/Shri/Ravidas/Chalisa

श्री रविदास चालीसा श्री रविदास चालीसा... श्री रविदास चालीसा (Shri Ravidas Chalisa) संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी की महिमा का वर्णन करने वाला एक चालीस चौपाइयों का स्तोत्र है। रविदास चालीसा का पाठ करने से मन को शांति, आत्मा को शुद्धि और जीवन को दिव्यता प्राप्त होती है। यह चालीसा न केवल संत रविदास जी की महिमा का गान करती है, बल्कि उनके द्वारा दिए गए सामाजिक, आध्यात्मिक और नैतिक उपदेशों को भी उजागर करती है। || श्री रविदास चालीसा || ॥ दोहा ॥ बन्दौं वीणा पाणि को, देहु आय मोहिं ज्ञान। पाय बुद्धि रविदास को, करौं चरित्र बखान॥ मातु की महिमा अमित है, लिखि न सकत है दास। ताते आयों शरण में, पुरवहु जन की आस॥ ॥ चौपाई ॥ जै होवै रविदास तुम्हारी, कृपा करहु हरिजन हितकारी। राहू भक्त तुम्हारे ताता, कर्मा नाम तुम्हारी माता। काशी ढिंग माडुर स्थाना, वर्ण अछूत करत गुजराना। द्वादश वर्ष उम्र जब आई, तुम्हरे मन हरि भक्ति समाई। रामानन्द के शिष्य कहाये, पाय ज्ञान निज नाम बढ़ाये। शास्त्र तर्क काशी में कीन्हों, ज्ञानिन को उपदेश है दीन्हों। गंग मातु के भक्त अपारा, कौड़ी ...

Vishwakarma Chalisa/Vishwakarma/Chalisa/भगवान विश्वकर्मा चालीसा

श्री विश्वकर्मा चालीसा भगवान विश्वकर्मा चालीसा... भगवान विश्वकर्मा को हिन्दू धर्म में निर्माण और सृजन के देवता के रूप में पूजा जाता है। उन्हें देवताओं का शिल्पकार (architect of the gods) माना जाता है। उनकी छवि एक कुशल अभियंता, वास्तुकार, मूर्तिकार और यांत्रिक विशेषज्ञ के रूप में प्रस्तुत की जाती है। विश्वकर्म चालीसा का पाठ करने से भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं। भगवान विश्वकर्मा को प्रसन्न करने और उनकी कृपा से व्यापार और नौकरी में तरक्की मिलती है। भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यक्ति को हर तरफ तरक्की मिलती है। || श्री विश्वकर्मा चालीसा || ॥ दोहा ॥ विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि। मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥ ॥ चौपाई ॥ विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥ सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥ शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥ आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥ जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥ नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥ आदि सृष्ट...

Bhairava Chalisa/Shri Bhairava Chalisa/श्री भैरव चालीसा

श्री भैरव चालीसा श्री भैरव चालीसा... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! भैरव चालीसा हिन्दू धर्म में भगवान शिव के रौद्र रूप श्री काल भैरव की स्तुति में रचित है। इसका पाठ करने से भय, शत्रु बाधा, भूत-प्रेत, तंत्र बाधा और रोगों से रक्षा मिलती है। जो भी व्यक्ति भैरव बाबा की नित्य आरती और चालीसा पढ़ता है। उसके घर में नकारत्मक शक्तियों का आगमन नहीं होता है और शारारिक बाधा भी कभी नहीं आती है। ॥ श्री भैरव चालीसा ॥ ॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरु गौरि पद प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वन्दन करौं श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल । श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय श्री काली के लाला । जयति जयति काशी-कुतवाला ॥ जयति बटुक-भैरव भय हारी । जयति काल-भैरव बलकारी ॥ जयति नाथ-भैरव विख्याता । जयति सर्व-भैरव सुखदाता ॥ भैरव रूप कियो शिव धारण । भव के भार उतारण कारण ॥ भैरव रव सुनि है भय दूरी । सब विधि होय कामना पूरी ॥ शेष महेश आदि गुण गायो । काशी-कोतवाल कहलायो ॥ जटा जूट शिर चंद्र विराजत । बा...

Laddu Gopal Chalisa/gopala/chalisa/श्री लड्डू गोपाल चालीसा

श्री लड्डू गोपाल चालीसा श्री लड्डू गोपाल चालीसा... श्री लड्डू गोपाल" (बाल गोपाल/श्री कृष्ण) के रूप में हैं। लड्डू गोपाल चालीसा का पाठ करने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है तथा व्यक्ति के जीवन में यश, कीर्ति, सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य, ज्ञान और सफलता सदैव बनी रहती है। श्री लड्डू गोपाल चालीसा का नियमित पाठ किया जा सकता है। || श्री गोपाल चालीसा || ॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी। दुष्ट दलन लीला अवतारी॥ जो कोई तुम्हरी लीला गावै। बिन श्रम सकल पदारथ पावै॥ श्री वसुदेव देवकी माता। प्रकट भये संग हलधर भ्राता॥ मथुरा सों प्रभु गोकुल आये। नन्द भवन में बजत बधाये॥ जो विष देन पूतना आई। सो मुक्ति दै धाम पठाई॥ तृणावर्त राक्षस संहार्यौ। पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ॥ खेल खेल में माटी खाई। मुख में सब जग दियो दिखाई॥ गोपिन घर घर माखन खायो। जसुमति बाल केलि सुख पायो॥ ऊखल सों निज अंग बँधाई। यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई॥ बका असुर की चोंच विदारी। विकट अघासुर दियो सँहारी॥ ब्रह्मा...

55 Chalisa/Chalisa Paath Sangrah/५५ चालीसा पाठ संग्रह

५५ चालीसा पाठ संग्रह ५५ चालीसा पाठ संग्रह... ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय अपने जीवन को करें प्रकाशित! यह 55 चालीसाओं का संग्रह आध्यात्मिक विकास के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शिका है। यह 55 चालीसाओं का संग्रह आपके आध्यात्मिक विकास के लिए एक अनमोल उपहार है, आप अपनी भक्ति यात्रा शुरू करें। 55 चालीसाओं का संग्रह: श्री गणेश चालीसा श्री राम चालीसा श्री शिव चालीसा श्री विष्णु चालीसा श्री ब्रह्मा चालीसा श्री हनुमान चालीसा श्री बालाजी चालीसा श्री कुबेर चालीसा श्री शनि चालीसा श्री बटुक भैरव चालीसा श्री भैरव चालीसा श्री खाटू श्याम चालीसा श्री नवग्रह चालीसा श्री कृष्ण चालीसा श्री गोपाल चालीसा श्री दुर्गा चालीसा श्री पार्वती चालीसा श्री चामुंडा देवी चालीसा श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा श्री लक्ष्मी चालीसा श्री गंगा चालीसा श्री यमुना चालीसा ...