शिव गोरख ध्यान मंत्रात्मक रूप में...
"शिव गोरख ध्यान" एक अत्यंत पावन साधना है जिसमें भगवान शिव (आदि योगी) और गुरु गोरखनाथ (नाथ संप्रदाय के प्रमुख योगी) का एक साथ ध्यान किया जाता है। यह ध्यान योगियों, साधकों और नाथ पंथ के अनुयायियों के लिए विशेष रूप से कल्याणकारी माना जाता है।
॥ शिव गोरख ध्यान ॥
(भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ का संयुक्त ध्यान)
॥ ध्यानम् ॥
वन्दे शिवं गोरखनाथं, योगमूर्ति द्विभुजधारिणम्।
त्रिशूल डमरु कर-धृतं, चन्द्रार्धशेखरं शाश्वतम्॥
गौरवर्णं, जटाधारीं, वसुन्धरा पर विराजितम्।
गोरक्षं भक्तवत्सलं, योगमार्गप्रदर्शकम्॥
नेत्रत्रयं शिवस्य शोभितं, योगाग्नि ज्वलदन्तरम्।
गोरखनाथं गुरुश्रेष्ठं, ध्यायामि चित्तनिर्मलम्॥
शिवं शान्तं सदानन्दं, नाथं ज्ञानरूपिणम्।
गोरक्षं सिद्धयोगीन्द्रं, चित्तरूपं नमाम्यहम्॥
ध्यान का भावार्थ (संक्षेप में)
शिव-गोरख ध्यान कैसे करें?
शिव-गोरख मंत्र जाप (साधना हेतु):
ध्यान से होने वाले लाभ:
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