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Buddha-Chalisa-Shri-Buddha-Chalisa/श्री बुध चालीसा – विशेष लाभ

श्री बुध चालीसा | बुद्धि, वाणी, और व्यापार में सफलता हेतु पूर्ण पाठ

श्री बुध चालीसा...

"श्री बुध चालीसा" का पाठ विशेष रूप से बुध ग्रह की कृपा प्राप्त करने, उनकी शुभ ऊर्जा को जाग्रत करने, और जीवन में बुद्धि, वाणी, व्यापार, और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए किया जाता है।

|| श्री बुध चालीसा ||

(बुध ग्रह को समर्पित चालीसा - बुद्धि, वाणी, व्यापार और संतुलन के कारक देवता)

॥ दोहा ॥

जय जय जय बुध देवता, शुभ बुद्धि के दाता।
कृपा करो अब शांतिपूर्वक, संकट हरो विधाता॥

॥ चौपाई ॥

जयति बुध दिनकर सुत, शुभ गुण निधि अपार।
ज्ञान, वाक्, सौम्यता हेतु, पूज्य सदा ससार॥
श्वेत वर्ण, शुभ कोमल तन, रत्न मुकुट सिर धर।
कर कमल पुस्तक वर माला, सुंदर रूप अपार॥
बुधग्रह बुद्धि का कारक, विद्या-विनय प्रसन्न।
जो नित जापे नाम तव, उसके मिटे विपन्न॥
कन्या-मिथुन राशि अधिपति, बुधवार तव दिन।
जो नियम से व्रत करे, पावे शुभ फल बिन॥
गुरु बृहस्पति पुत्र कहाए, चंद्रमा से जन्म।
माता तारा की संतान, है पावन तव कर्म॥
नारायण ते प्रकट भये, भक्तन हितकारी।
चतुर बुद्धि, नीति के नायक, शुभ फल दाता भारी॥
ताम्बूल, हरी मूंग का दान, करे जो तव नाम।
उसकी बाधा नाश हो, हो सुखदाई काम॥
नवग्रह में श्रेष्ठ बुध, शुभता के अधिकारी।
जो जप ले तव मंत्र को, हो जाए सुखकारी॥
“ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”
मंत्र जपे जो नित्य।
उसे विद्या, धन, वाणी में, मिल जाए सत्कृत्य॥
वाक्पटुता की शक्ति मिले, वाद-विवाद न होय।
कला, लेखन, बुद्धि बढ़े, विपत्ति कभी न होय॥
बुध-दोष जो कुंडली में, पिड़ा दे दिन-रैन।
चालीसा का पाठ करे, मिटे सभी वो चैन॥
व्यापारी, विद्यार्थीजन, करें सदा तव भक्ति।
तेरे चरणों में सुमिरन, दे उन्हें शक्ति युक्ति॥
शांति, संतुलन, सरलता, तेरी महिमा गहे।
बुद्धिमान हो जन सभी, अज्ञान तज के रहे॥
बुध शुभ हो जीवन में, ऐसा वर दो नाथ।
जो भी करे तुम्हें प्रणाम, पावे सच्ची बात॥
पुत्र-सुख, धन-लाभ मिले, जीवन हो उजियार।
तेरे नाम से हर जगह, मिटे अंधकार॥
शरण तुम्हारी जो मिले, भवसागर से तर।
कृपा दृष्टि जब हो तव, कष्ट मिटे सब घर॥
नवग्रहों में शांत बुध, कर दो मन को शांत।
बुद्धि, बल और नेति दो, और करो सब कांत॥
वाणी में मधुरता हो, झगड़े सब मिट जाएं।
ऐसे बुध भगवन कृपा, सबके जीवन छाए॥
जो भी पढ़े बुध चालीसा, प्रेम सहित हर बार।
उसके जीवन में सदा, हो बुधग्रह का प्यार॥
अंत में विनती करूं, नाथ कृपा कीजै।
भक्त जनों के दोष सब, दूर कर दीजै॥

॥ दोहा ॥

बुधग्रह कृपा कीजिए, दो शुभता का दान।
ज्ञान, विवेक, वाणी सुख, हो जीवन कल्याण॥

बुध ग्रह की कृपा से जीवन में मिलते हैं ये अद्भुत लाभ:

  • बुद्धि और वाणी में तीव्रता
  • – जो श्रद्धापूर्वक श्री बुध चालीसा का पाठ करता है, उसकी वाणी में मधुरता आती है और विचारों में स्पष्टता।
    – विद्यार्थी, लेखक, वक्ता, शिक्षक, और वकील के लिए विशेष फलदायी।
  • स्मरण शक्ति और ज्ञान की वृद्धि
  • – बुध ग्रह बुद्धि और शिक्षा के स्वामी हैं। चालीसा पाठ से पढ़ाई में मन लगता है और स्मरण शक्ति तीव्र होती है।
    – परीक्षा में सफलता, इंटरव्यू या प्रतियोगी परीक्षा में सहायता मिलती है।
  • व्यापार और नौकरी में लाभ
  • – बुध व्यापार, लेन-देन और संचार से संबंधित ग्रह हैं। चालीसा पाठ से निर्णय क्षमता में सुधार होता है और व्यापारिक सौदे सफल होते हैं।
  • विवादों और वाद-विवाद में विजय
  • – चालीसा पाठ करने वाले की वाणी प्रभावशाली होती है।
    – वाद-विवाद, कोर्ट केस, या आपसी झगड़ों में विजय की संभावना बढ़ जाती है।
  • मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति
  • – बुध दोष के कारण चित्त अस्थिर, भ्रमित और बेचैन रहता है। चालीसा पाठ से मन शांत होता है और ध्यान में स्थिरता आती है।
  • बुध ग्रह दोष शांति
  • – कुंडली में यदि बुध कमजोर या पीड़ित हो तो चालीसा का नियमित पाठ करें। इससे “बुधादित्य योग” जैसे शुभ योग फल देने लगते हैं और ग्रह दोष शांत हो जाते हैं।
  • शुभ बुध योग का जागरण
  • – चालीसा से बुध ग्रह शुभ बनता है। जिनकी कुंडली में बुध की दशा/महादशा चल रही हो — उनके लिए यह सबसे उपयोगी साधना है।
  • सौम्यता और सादगी का विकास
  • – बुध की कृपा से स्वभाव में विनम्रता, सौम्यता और व्यवहार कुशलता आती है, जिससे सामाजिक संबंध बेहतर होते हैं।

    उपयोग विधि (बुधवार विशेष):

  • सुबह स्नान करके हरे वस्त्र पहनें।
  • हरी मूंग, दुर्वा और तांबे के पात्र में जल अर्पित करें।
  • “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • श्री बुध चालीसा श्रद्धा से पढ़ें।
  • बुध ग्रह की पूजा विधि (पूजा में करें):

  • श्री गणेशजी का पूजन करें।
  • श्री बुध देव का ध्यान करें (हरितवर्ण, वरमुद्रा, माला, पुस्तकधारी)।
  • पंचामृत से स्नान कराएं (जल, दूध, दही, शहद, घी)।
  • हरी दूर्वा, हरी इलायची, तांबे का पात्र, हरे वस्त्र अर्पित करें।
  • बुध मंत्र का जप करें: "ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः" – 108 बार।
  • अंत में श्री बुध चालीसा या श्री बुध कवच का पाठ करें।
  • बुधवार व्रत की विधि (संपूर्ण नियम):

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • हरे रंग का वस्त्र धारण करें।
  • व्रत कथा पढ़ें या सुनें (यदि चाहें तो मैं भेज सकता हूँ)।
  • श्री बुध की प्रतिमा/चित्र का पूजन करें।
  • दिनभर संयम, मौन और शुद्ध आहार रखें।
  • शाम को हरे फल या मूंग से बनी खिचड़ी ग्रहण करें।
  • बुध चालीसा पाठ के नियम:

  • पाठ का दिन: बुधवार को विशेष फल मिलता है।
  • समय: प्रातः सूर्योदय के बाद या संध्या समय।
  • सामग्री: हरे वस्त्र पहनना, हरी मूंग का भोग, तुलसी या पीपल के पास पाठ करना।
  • मंत्र जप:
  • ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
    ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः

    Q. श्री बुध चालीसा पाठ क्यों करें?

    – श्री बुध चालीसा का नियमित पाठ, विशेषकर बुधवार को, इन सभी गुणों को जागृत करता है।
    – बुध के दोष जैसे वाणी में रुकावट, व्यापार में हानि, पढ़ाई में मन न लगना, या निर्णय में भ्रम — इनसे मुक्ति मिलती है।
    – कुंडली में बुध की दशा/अंतर्दशा में इसका पाठ अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
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