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Arunachalashtakam/Arunachala Ashtakam in Hindi

Sri Mahaganesh Pancharatnam Stotram in hindi – श्री महागणेश पंचरत्नम् स्त्रोत्रम

अरुणाचलाष्टकम्...

अरुणाचलष्टक भगवान श्री अरुणाचलेश्वर की महिमा तथा स्तुति करने वाला एक आठ श्लोक है, जो तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में अरुणाचलेश्वर मंदिर के पीठासीन देवता हैं। अरुणाचलम एक पहाड़ी है और इसे अरुणाचलम, अन्नामलाई, अरुणगिरी आदि के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव की उपासना को समर्पित यह श्री अरुणाचलेश्वर मंदिर, विश्व भर में भगवान शिव का सबसे बड़ा मंदिर है। भगवान शिव या "अरुणाचलेश्वर" की कृपा के लिए भक्ति के साथ इसका जाप करें।

卐 अरुणाचलाष्टकम् 卐

दर्शनादभ्रसदसि जननात्कमलालये ।
काश्यां तु मरणान्मुक्तिः स्मरणादरुणाचले ॥ १ ॥

करुणापूरितापाङ्गं शरणागतवत्सलम् ।
तरुणेन्दुजटामौलिं स्मरणादरुणाचलम् ॥ २ ॥

समस्तजगदाधारं सच्चिदानन्दविग्रहम् ।
सहस्ररथसोपेतं स्मरणादरुणाचलम् ॥ ३ ॥

काञ्चनप्रतिमाभासं वाञ्छितार्थफलप्रदम् ।
मां च रक्ष सुराध्यक्षं स्मरणादरुणाचलम् ॥ ४ ॥

बद्धचन्द्रजटाजूटमर्धनारीकलेबरम् ।
वर्धमानदयाम्भोधिं स्मरणादरुणाचलम् ॥ ५ ॥

काञ्चनप्रतिमाभासं सूर्यकोटिसमप्रभम् ।
बद्धव्याघ्रपुरीध्यानम् स्मरणादरुणाचलम् ॥ ६ ॥

शिक्षयाखिलदेवारि भक्षितक्ष्वेलकन्धरम् ।
रक्षयाखिलभक्तानां स्मरणादरुणाचलम् ॥ ७ ॥

अष्टभूतिसमायुक्तमिष्टकामफलप्रदम् ।
शिष्टभक्तिसमायुक्तान् स्मरणादरुणाचलम् ॥ ८ ॥

विनायकसुराध्यक्षं विष्णुब्रह्मेन्द्रसेवितम् ।
विमलारुणपादाब्जं स्मरणादरुणाचलम् ॥ ९ ॥

मन्दारमल्लिकाजातिकुन्दचम्पकपङ्कजैः ।
इन्द्रादिपूजितां देवीं स्मरणादरुणाचलम् ॥ १० ॥

सम्पत्करं पार्वतीशं सूर्यचन्द्राग्निलोचनम् ।
मन्दस्मितमुखाम्भोजं स्मरणादरुणाचलम् ॥ ११ ॥

॥ इति श्री अरुणाचलाष्टकम् संपूर्णम् ॥

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