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Budhha-Stotra-Shri-Budh-Stotra-Every-Wednesday/ बुधवार को करें श्री बुध स्तोत्र का पाठ

श्री बुध स्तोत्र | बुध चालीसा | बुध ग्रह की कृपा पाने का उपाय

श्री बुध स्तोत्र...

"श्री बुध स्तोत्र" एक वैदिक स्तोत्र है जो बुध ग्रह (Mercury) की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से बुध ग्रह के दोष (Budh Dosh) से मुक्ति, बुद्धि, वाणी, लेखन, व्यापार, शिक्षा और संवाद कौशल में वृद्धि हेतु अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।

गणपति जगवंदन स्तुति

(भक्त तुलसीदास जी द्वारा रचित यह स्तुति भगवान गणेश की सुंदर वंदना है। यह स्तोत्र बुध स्तोत्र या अन्य किसी शुभ कार्य के आरंभ में गाया जाता है।)
"गाइए गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
सिद्धि सदन गजवदन विनायक ।
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक ॥
गाइए गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
मोदक प्रिय मुद मंगलदाता ।
विद्या बारिधि बुद्धिविधाता ॥
गाइए गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
मांगत तुलसीदास कर जोरे ।
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥
गाइए गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥"

|| श्री बुध स्तोत्र ||

(बुध ग्रह को प्रसन्न करने हेतु श्रेष्ठ स्तोत्र – बुध दोष से मुक्ति और बुद्धि, व्यापार, वाणी में सफलता के लिए)
पीताम्बरः पीतवपुः किरीटी
चतुर्भुजः देवदुःखापहर्ता।
धर्मस्य धृक् सोमसुतः सदा मे
सिंहाधिरूढो वरदो बुधश्च॥
प्रियङ्गुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम्॥
सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्यः सौम्यगुणान्वितः।
सदा शान्तः सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम्॥
उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति:।
सूर्यप्रियकरो विद्वान् पीडां हरतु मे बुधः॥
शिरीषपुष्पसङ्काशं कपिलीशो युवा पुनः।
सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु॥
श्यामः शिरालश्च कलाविधिज्ञः
कौतूहली कोमलवाग्विलासी।
रजोधिको मध्यमरूपधृक् स्यात्
आताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्रः॥
अहो चन्द्रासुत श्रीमान् मागधर्मासमुद्भवः।
अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहुः खड्गखेटकधारकः॥
गदाधरो नृसिंहस्थः स्वर्णनाभसमन्वितः।
केतकीद्रुमपत्राभः इन्द्रविष्णुप्रपूजितः॥
ज्ञेयो बुधः पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमजः।
कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दनः॥
गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा।
सौम्यः सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रदः॥
एतानि बुधनामानि प्रातःकाले पठेन्नरः।
बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते॥

बुध ग्रह की कृपा से जीवन में मिलते हैं ये अद्भुत लाभ:

बुध स्तोत्र भगवान बुध की स्तुति करता है, जिससे साधक को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं।
  • बुद्धि में तेज़ी और निर्णय शक्ति में वृद्धि।
  • वाणी में मधुरता और प्रभाव।
  • व्यापार और निवेश में सफलता।
  • बुध दोष, अशुभ बुध की दशा या अंतर्दशा में शांति।
  • विद्यार्थियों को पढ़ाई में सहायता।
  • जिनकी कुंडली में बुध पीड़ित हो (नीचस्थ, पापग्रहों से ग्रसित)।
  • बुध स्तोत्र पढ़ने के अन्य नियम:

  • नित्य पाठ करें तो शीघ्र फल मिलता है।
  • बुध की महादशा/अंतर्दशा/गोचर में अवश्य करें।
  • बुधवार को व्रत रखें और हरी मूंग का दान करें।
  • वैदिक शास्त्रों में उल्लेख:

  • श्री बुध स्तोत्र का वर्णन प्राचीन नवग्रह स्तोत्रों और ब्रह्माण्ड पुराण में मिलता है।
  • यह स्तोत्र बुध के बीज मंत्र, नामावली, और वर्णनात्मक स्तुति का संग्रह है।
  • बुध स्तोत्र पढ़ने के अन्य नियम:

  • नित्य पाठ करें तो शीघ्र फल मिलता है।
  • बुध की महादशा/अंतर्दशा/गोचर में अवश्य करें।
  • बुधवार को व्रत रखें और हरी मूंग का दान करें।
  • मंत्र जप:
  • बुधवार व्रत की विधि (संपूर्ण नियम):

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • हरे रंग का वस्त्र धारण करें।
  • व्रत कथा पढ़ें या सुनें (यदि चाहें तो मैं भेज सकता हूँ)।
  • श्री बुध की प्रतिमा/चित्र का पूजन करें।
  • दिनभर संयम, मौन और शुद्ध आहार रखें।
  • शाम को हरे फल या मूंग से बनी खिचड़ी ग्रहण करें।
  • बुध ग्रह की पूजा विधि (पूजा में करें):

  • श्री गणेशजी का पूजन करें।
  • श्री बुध देव का ध्यान करें (हरितवर्ण, वरमुद्रा, माला, पुस्तकधारी)।
  • पंचामृत से स्नान कराएं (जल, दूध, दही, शहद, घी)।
  • हरी दूर्वा, हरी इलायची, तांबे का पात्र, हरे वस्त्र अर्पित करें।
  • बुध मंत्र का जप करें: "ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः" – 108 बार।
  • अंत में श्री बुध चालीसा या श्री बुध कवच का पाठ करें।
  • बुधवार व्रत की विधि (संपूर्ण नियम):

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • हरे रंग का वस्त्र धारण करें।
  • व्रत कथा पढ़ें या सुनें (यदि चाहें तो मैं भेज सकता हूँ)।
  • श्री बुध की प्रतिमा/चित्र का पूजन करें।
  • दिनभर संयम, मौन और शुद्ध आहार रखें।
  • शाम को हरे फल या मूंग से बनी खिचड़ी ग्रहण करें।
  • ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
    ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः

    कुंडली में बुध दोष के लक्षण:

    यदि आपकी जन्मकुंडली में बुध अशुभ या पीड़ित हो (राहु/केतु/शनि से युक्त या दृष्ट), तो इन लक्षणों के रूप में असर दिख सकता है:
    वाणी में कठोरता या हकलाहट,
    निर्णय लेने में भ्रम और चंचलता,
    पढ़ाई में रुकावट या एकाग्रता की कमी,
    व्यापार में घाटा या लेन-देन में समस्या,
    वाद-विवाद, कोर्ट केस में पराजय,
    मानसिक असंतुलन, झूठ बोलने की प्रवृत्ति।

    बुध ग्रह शांति के लिए प्रभावी उपाय:

  • बुधवार का व्रत रखें
  • – उपवास रखें या फलाहार करें।
    – हरे वस्त्र पहनें, हरी चीज़ें ग्रहण करें।
    – श्री बुध चालीसा या बुध ग्रह स्तोत्र का पाठ करें।
    – “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • दान-दक्षिणा करें
  • – बुध दोष शांति के लिए ये दान करें।
    – हरी मूंग (मंगलवार रात भिगोकर बुधवार को दान करें)।
    – हरे वस्त्र।
    – तांबे का सिक्का या पात्र।
    – हरा फल (जैसे अमरूद, मूली या पत्ता गोभी)।
    – गौशाला में हरा चारा (हरा धनिया, हरी घास) दान करें।
  • बुध ग्रह यंत्र की स्थापना
  • – घर के पूजा स्थान में श्री बुध यंत्र स्थापित करें।
    – तांबे या भोजपत्र पर अंकित यंत्र।
    – प्रतिदिन जल, फूल और दीप अर्पित करें।
  • पन्ना रत्न (Emerald Gemstone)
  • – यदि ज्योतिषीय रूप से अनुकूल हो तो।
    – पंचधातु या सोने में जड़ा हुआ पन्ना रत्न।
    – बुधवार को सुबह पहनें (अनामिका या छोटी उंगली में)।
    – रत्न धारण से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करें।
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    संबंधित पृष्ठ:
    1. 55 चालीसाओं का संग्रह
    2. श्री सूर्य चालीसा
    3. श्री मंगल चालीसा
    4. श्री बुध चालीसा
    5. भगवान शिव स्तुति
    6. शिव बिल्वाष्टकम्
    7. किरातरूपाय नमः शिवाय
    8. श्री कालभैरव अष्टकम्
    9. लिंगाष्टकम स्तोत्र
    10. चिन्तामणि षट्पदी स्तोत्र
    11. गणपतितालम्
    12. 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग
    13. श्रीकृष्णाष्टक स्तोत्र
    14. संकटमोचन हनुमानाष्टक

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