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Hanumaan ke 1000 Name/Sahastranam names of Hanuman ji

हनुमान जी के सहस्त्रनाम यानि 1000 नाम | BHAKTI GYAN

श्रीं हनुमान जी के सहस्त्रनाम यानि 1000 नाम...

हनुमान जी के कई सारे नाम हैं, सभी नामों का अपना-अपना अर्थ और महत्व है। हनुमान भक्तों के लिए इन नामों का एक विशेष महत्व है। हनुमान जी के सहस्त्रनाम यानि १000 नाम।

श्रीं हनुमान जी के 1000 नाम

—  1.  ॐ हनुमते नमः।
—  2.  ॐ श्रीप्रदाय नमः।
—  3.  ॐ वायुपुत्राय नमः।
—  4.  ॐ रुद्राय नमः।
—  5.  ॐ अनघाय नमः।
—  6.  ॐ अजराय नमः।
—  7.  ॐ अमृत्यवे नमः।
—  8.  ॐ वीरवीराय नमः।
—  9.  ॐ ग्रामवासाय नमः।
—  10.  ॐ जनाश्रयाय नमः।
—  11.  ॐ धनदाय नमः।
—  12.  ॐ निर्गुणाय नमः।
—  13.  ॐ अकायाय नमः।
—  14.  ॐ वीराय नमः।
—  15.  ॐ निधिपतये नमः।
—  16.  ॐ मुनये नमः।
—  17.  ॐ पिङ्गालक्षाय नमः।
—  18.  ॐ वरदाय नमः।
—  19.  ॐ वाग्मिने नमः।
—  20.  ॐ सीताशोकविनाशनाय नमः।
—  21.  ॐ शिवाय नमः।
—  22.  ॐ सर्वस्मै नमः।
—  23.  ॐ परस्मै नमः।
—  24.  ॐ अव्यक्ताय नमः।
—  25.  ॐ व्यक्ताव्यक्ताय नमः।
—  26.  ॐ रसाधराय नमः।
—  27.  ॐ पिङ्गकेशाय नमः।
—  28.  ॐ पिङ्गरोम्णे नमः।
—  29.  ॐ श्रुतिगम्याय नमः।
—  30.  ॐ सनातनाय नमः।
—  31.  ॐ अनादये नमः।
—  32.  ॐ भगवते नमः।
—  33.  ॐ देवाय नमः।
—  34.  ॐ विश्वहेतवे नमः।
—  35.  ॐ निरामयाय नमः।
—  36.  ॐ आरोग्यकर्त्रे नमः।
—  37.  ॐ विश्वेशाय नमः।
—  38.  ॐ विश्वनाथाय नमः।
—  39.  ॐ हरीश्वराय नमः।
—  40.  ॐ भर्गाय नमः।
—  41.  ॐ रामाय नमः।
—  42.  ॐ रामभक्ताय नमः।
—  43.  ॐ कल्याणप्रकृतये नमः।
—  44.  ॐ स्थिराय नमः।
—  45.  ॐ विश्वम्भराय नमः।
—  46.  ॐ विश्वमूर्तये नमः।
—  47.  ॐ विश्वाकाराय नमः।
—  48.  ॐ विश्वपाय नमः।
—  49.  ॐ विश्वात्मने नमः।
—  50.  ॐ विश्वसेव्याय नमः।
—  51.  ॐ विश्वस्मै नमः।
—  52.  ॐ विश्वहराय नमः।
—  53.  ॐ रवये नमः।
—  54.  ॐ विश्वचेष्टाय नमः।
—  55.  ॐ विश्वगम्याय नमः।
—  56.  ॐ विश्वध्येयाय नमः।
—  57.  ॐ कलाधराय नमः।
—  58.  ॐ प्लवङ्गमाय नमः।
—  59.  ॐ कपिश्रेष्ठाय नमः।
—  60.  ॐ ज्येष्ठाय नमः।
—  61.  ॐ वैद्याय नमः।
—  62.  ॐ वनेचराय नमः।
—  63.  ॐ बालाय नमः।
—  64.  ॐ वृद्धाय नमः।
—  65.  ॐ यूने नमः।
—  66.  ॐ तत्त्वाय नमः।
—  67.  ॐ तत्त्वगम्याय नमः।
—  68.  ॐ सख्ये नमः।
—  69.  ॐ अजाय नमः।
—  70.  ॐ अञ्जनासूनवे नमः।
—  71.  ॐ अव्यग्राय नमः।
—  72.  ॐ ग्रामख्याताय नमः।
—  73.  ॐ धराधराय नमः।
—  74.  ॐ भूर्लोकाय नमः।
—  75.  ॐ भुवर्लोकाय नमः।
—  76.  ॐ स्वर्लोकाय नमः।
—  77.  ॐ महर्लोकाय नमः।
—  78.  ॐ जनलोकाय नमः।
—  79.  ॐ तपोलोकाय नमः।
—  80.  ॐ अव्ययाय नमः।
—  81.  ॐ सत्याय नमः।
—  82.  ॐ ओंकारगम्याय नमः।
—  83.  ॐ प्रणवाय नमः।
—  84.  ॐ व्यापकाय नमः।
—  85.  ॐ अमलाय नमः।
—  86.  ॐ शिवधर्मप्रतिष्ठात्रे नमः।
—  87.  ॐ रामेष्टाय नमः।
—  88.  ॐ फाल्गुनप्रियाय नमः।
—  89.  ॐ गोष्पदीकृतवारीशाय नमः।
—  90.  ॐ पूर्णकामाय नमः।
—  91.  ॐ धरापतये नमः।
—  92.  ॐ रक्षोघ्नाय नमः।
—  93.  ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः।
—  94.  ॐ शरणागतवत्सलाय नमः।
—  95.  ॐ जानकीप्राणदात्रे नमः।
—  96.  ॐ रक्षःप्राणापहारकाय नमः।
—  97.  ॐ पूर्णाय नमः।
—  98.  ॐ सत्यायः नमः।
—  99.  ॐ पीतवाससे नमः।
—  100.  ॐ दिवाकरसमप्रभाय नमः।
—  101.  ॐ देवोद्यानविहारिणे नमः।
—  102.  ॐ देवताभयभञ्जनाय नमः।
—  103.  ॐ भक्तोदयाय नमः।
—  104.  ॐ भक्तलब्धाय नमः।
—  105.  ॐ भक्तपालनतत्पराय नमः।
—  106.  ॐ द्रोणहर्त्रे नमः।
—  107.  ॐ शक्तिनेत्रे नमः।
—  108.  ॐ शक्तिराक्षसमारकाय नमः।
—  109.  ॐ अक्षघ्नाय नमः।
—  110.  ॐ रामदूताय नमः।
—  111.  ॐ शाकिनीजीवहारकाय नमः।
—  112.  ॐ बुबुकारहतारातये नमः।
—  113.  ॐ गर्वपर्वतप्रमर्दनाय नमः।
—  114.  ॐ हेतवे नमः।
—  115.  ॐ अहेतवे नमः।
—  116.  ॐ प्रांशवे नमः।
—  117.  ॐ विश्वभर्त्रे नमः।
—  118.  ॐ जगद्गुरवे नमः।
—  119.  ॐ जगन्नेत्रे नमः।
—  120.  ॐ जगन्नाथाय नमः।
—  121.  ॐ जगदीशाय नमः।
—  122.  ॐ जनेश्वराय नमः।
—  123.  ॐ जगद्धिताय नमः।
—  124.  ॐ हरये नमः।
—  125.  ॐ श्रीशाय नमः।
—  126.  ॐ गरुडस्मयभञ्जनाय नमः।
—  127.  ॐ पार्थध्वजाय नमः।
—  128.  ॐ वायुपुत्राय नमः।
—  129.  ॐ अमितपुच्छाय नमः।
—  130.  ॐ अमितविक्रमाय नमः।
—  131.  ॐ ब्रह्मपुच्छाय नमः।
—  132.  ॐ परब्रह्मपुच्छाय नमः।
—  133.  ॐ रामेष्टकारकाय नमः।
—  134.  ॐ सुग्रीवादियुताय नमः।
—  135.  ॐ ज्ञानिने नमः।
—  136.  ॐ वानराय नमः।
—  137.  ॐ वानरेश्वराय नमः।
—  138.  ॐ कल्पस्थायिने नमः।
—  139.  ॐ चिरञ्जीविने नमः।
—  140.  ॐ तपनाय नमः।
—  141.  ॐ सदाशिवाय नमः।
—  142.  ॐ सन्नतये नमः।
—  143.  ॐ सद्गतये नमः।
—  144.  ॐ भुक्तिमुक्तिदाय नमः।
—  145.  ॐ कीर्तिदायकाय नमः।
—  146.  ॐ कीर्तये नमः।
—  147.  ॐ कीर्तिप्रदाय नमः।
—  148.  ॐ समुद्राय नमः।
—  149.  ॐ श्रीप्रदाय नमः।
—  150.  ॐ शिवाय नमः।
—  151.  ॐ भक्तोदयाय नमः।
—  152.  ॐ भक्तगम्याय नमः।
—  153.  ॐ भक्तभाग्यप्रदायकाय नमः।
—  154.  ॐ उदधिक्रमणाय नमः।
—  155.  ॐ देवाय नमः।
—  156.  ॐ संसारभयनाशनाय नमः।
—  157.  ॐ वार्धिबन्धनकृते नमः।
—  158.  ॐ विश्वजेत्रे नमः।
—  159.  ॐ विश्वप्रतिष्ठिताय नमः।
—  160.  ॐ लङ्कारये नमः।
—  161.  ॐ कालपुरुषाय नमः।
—  162.  ॐ लङ्केशगृहभञ्जनाय नमः।
—  163.  ॐ भूतावासाय नमः।
—  164.  ॐ वासुदेवाय नमः।
—  165.  ॐ वसवे नमः।
—  166.  ॐ त्रिभुवनेश्वराय नमः।
—  167.  ॐ श्रीरामरूपाय नमः।
—  168.  ॐ कृष्णाय नमः।
—  169.  ॐ लङ्काप्रासादभञ्जकाय नमः।
—  170.  ॐ कृष्णाय नमः।
—  171.  ॐ कृष्णस्तुताय नमः।
—  172.  ॐ शान्ताय नमः।
—  173.  ॐ शान्तिदाय नमः।
—  174.  ॐ विश्वपावनाय नमः।
—  175.  ॐ विश्वभोक्त्रे नमः।
—  176.  ॐ मारघ्नाय नमः।
—  177.  ॐ ब्रह्मचारिणे नमः।
—  178.  ॐ जितेन्द्रियाय नमः।
—  179.  ॐ ऊर्ध्वगाय नमः।
—  180.  ॐ लाङ्गुलिने नमः।
—  181.  ॐ मालिने नमः।
—  182.  ॐ लाङ्गूलाहतराक्षसाय नमः।
—  183.  ॐ समीरतनुजाय नमः।
—  184.  ॐ वीराय नमः।
—  185.  ॐ वीरताराय नमः।
—  186.  ॐ जयप्रदाय नमः।
—  187.  ॐ जगन्मङ्गलदाय नमः।
—  188.  ॐ पुण्याय नमः।
—  189.  ॐ पुण्यश्रवणकीर्तनाय नमः।
—  190.  ॐ पुण्यकीर्तये नमः।
—  191.  ॐ पुण्यगतये नमः।
—  192.  ॐ जगत्पावनापावनाय नमः।
—  193.  ॐ देवेशाय नमः।
—  194.  ॐ जितमाराय नमः।
—  195.  ॐ रामभक्तिविधायकाय नमः।
—  196.  ॐ ध्यात्रे नमः।
—  197.  ॐ ध्येयाय नमः।
—  198.  ॐ लयाय नमः।
—  199.  ॐ साक्षिणे नमः।
—  200.  ॐ चेतसे नमः।
—  201.  ॐ चैतन्यविग्रहाय नमः।
—  202.  ॐ ज्ञानदाय नमः।
—  203.  ॐ प्राणदाय नमः।
—  204.  ॐ प्राणाय नमः।
—  205.  ॐ जगत्प्राणाय नमः।
—  206.  ॐ समीरणाय नमः।
—  207.  ॐ विभीषणप्रियाय नमः।
—  208.  ॐ शूराय नमः।
—  209.  ॐ पिप्पलाश्रयसिद्धिदाय नमः।
—  210.  ॐ सिद्धाय नमः।
—  211.  ॐ सिद्धाश्रयाय नमः।
—  212.  ॐ कालाय नमः।
—  213.  ॐ महोक्षाय नमः।
—  214.  ॐ कालाजान्तकाय नमः।
—  215.  ॐ लङ्केशनिधनाय नमः।
—  216.  ॐ स्थायिने नमः।
—  217.  ॐ लङ्कादाहकाय नमः।
—  218.  ॐ ईश्वराय नमः।
—  219.  ॐ चन्द्रसूर्याग्निनेत्राय नमः।
—  220.  ॐ कालाग्नये नमः।
—  221.  ॐ प्रलयान्तकाय नमः।
—  222.  ॐ कपिलाय नमः।
—  223.  ॐ कपिशाय नमः।
—  224.  ॐ पुण्यराशये नमः।
—  225.  ॐ द्वादशराशिगाय नमः।
—  226.  ॐ सर्वाश्रयाय नमः।
—  227.  ॐ अप्रमेयात्मने नमः।
—  228.  ॐ रेवत्यादिनिवारकाय नमः।
—  229.  ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः।
—  230.  ॐ सीताजीवनहेतुकाय नमः।
—  231.  ॐ रामध्येयाय नमः।
—  232.  ॐ हृषिकेशाय नमः।
—  233.  ॐ विष्णुभक्ताय नमः।
—  234.  ॐ जटिने नमः।
—  235.  ॐ बलिने नमः।
—  236.  ॐ देवारिदर्पघ्ने नमः।
—  237.  ॐ होत्रे नमः।
—  238.  ॐ धात्रे नमः।
—  239.  ॐ कर्त्रे नमः।
—  240.  ॐ जगत्प्रभवे नमः।
—  241.  ॐ नगरग्रामपालाय नमः।
—  242.  ॐ शुद्धाय नमः।
—  243.  ॐ बुद्धाय नमः।
—  244.  ॐ निरत्रपाय नमः।
—  245.  ॐ निरञ्जनाय नमः।
—  246.  ॐ निर्विकल्पाय नमः।
—  247.  ॐ गुणातीताय नमः।
—  248.  ॐ भयङ्कराय नमः।
—  249.  ॐ हनुमते नमः।
—  250.  ॐ दुराराध्याय नमः।
—  251.  ॐ तपःसाध्याय नमः।
—  252.  ॐ महेश्वराय नमः।
—  253.  ॐ जानकीधनशोकोत्थतापहर्त्रे नमः।
—  254.  ॐ परात्परस्मै नमः।
—  255.  ॐ वाङ्मयाय नमः।
—  256.  ॐ सदसद्रूपाय नमः।
—  257.  ॐ कारणाय नमः।
—  258.  ॐ प्रकृतेः परस्मै नमः।
—  259.  ॐ भाग्यदाय नमः।
—  260.  ॐ निर्मलाय नमः।
—  261.  ॐ नेत्रे नमः।
—  262.  ॐ पुच्छलङ्काविदाहकाय नमः।
—  263.  ॐ पुच्छबद्धयातुधानाय नमः।
—  264.  ॐ यातुधानरिपुप्रियाय नमः।
—  265.  ॐ छायापहारिणे नमः।
—  266.  ॐ भूतेशाय नमः।
—  267.  ॐ लोकेशाय नमः।
—  268.  ॐ सद्गतिप्रदाय नमः।
—  269.  ॐ प्लवङ्गमेश्वराय नमः।
—  270.  ॐ क्रोधाय नमः।
—  271.  ॐ क्रोधसंरक्तलोचनाय नमः।
—  272.  ॐ सौम्याय नमः।
—  273.  ॐ गुरवे नमः।
—  274.  ॐ काव्यकर्त्रे नमः।
—  275.  ॐ भक्तानां वरप्रदाय नमः।
—  276.  ॐ भक्तानुकम्पिने नमः।
—  277.  ॐ विश्वेशाय नमः।
—  278.  ॐ पुरुहूताय नमः।
—  279.  ॐ पुरन्दराय नमः।
—  280.  ॐ क्रोधहर्त्रे नमः।
—  281.  ॐ तमोहर्त्रे नमः।
—  282.  ॐ भक्ताभयवरप्रदाय नमः।
—  283.  ॐ अग्नये नमः।
—  284.  ॐ विभावसवे नमः।
—  285.  ॐ भास्वते नमः।
—  286.  ॐ यमाय नमः।
—  287.  ॐ निर्ॠतये नमः।
—  288.  ॐ वरुणाय नमः।
—  289.  ॐ वायुगतिमते नमः।
—  290.  ॐ वायवे नमः।
—  291.  ॐ कौबेराय नमः।
—  292.  ॐ ईश्वराय नमः।
—  293.  ॐ रवये नमः।
—  294.  ॐ चन्द्राय नमः।
—  295.  ॐ कुजाय नमः।
—  296.  ॐ सौम्याय नमः।
—  297.  ॐ गुरवे नमः।
—  298.  ॐ काव्याय नमः।
—  299.  ॐ शनैश्चराय नमः।
—  300.  ॐ राहवे नमः।
—  301.  ॐ केतवे नमः।
—  302.  ॐ मरुते नमः।
—  303.  ॐ होत्रे नमः।
—  304.  ॐ दात्रे नमः।
—  305.  ॐ हर्त्रे नमः।
—  306.  ॐ समीरजाय नमः।
—  307.  ॐ मशकीकृतदेवारये नमः।
—  308.  ॐ दैत्यारये नमः।
—  309.  ॐ मधुसूदनाय नमः।
—  310.  ॐ कामाय नमः।
—  311.  ॐ कपये नमः।
—  312.  ॐ कामपालाय नमः।
—  313.  ॐ कपिलाय नमः।
—  314.  ॐ विश्वजीवनाय नमः।
—  315.  ॐ भागीरथीपदाम्भोजाय नमः।
—  316.  ॐ सेतुबन्धविशारदाय नमः।
—  317.  ॐ स्वाहायै नमः।
—  318.  ॐ स्वधायै नमः।
—  319.  ॐ हविषे नमः।
—  320.  ॐ कव्याय नमः।
—  321.  ॐ हव्यवाहप्रकाशकाय नमः।
—  322.  ॐ स्वप्रकाशाय नमः।
—  323.  ॐ महावीराय नमः।
—  324.  ॐ लघवे नमः।
—  325.  ॐ ऊर्जितविक्रमाय नमः।
—  326.  ॐ उड्डीनोड्डीनगतिमते नमः।
—  327.  ॐ सद्गतये नमः।
—  328.  ॐ पुरुषोत्तमाय नमः।
—  329.  ॐ जगदात्मने नमः।
—  330.  ॐ जगद्योनये नमः।
—  331.  ॐ जगदन्ताय नमः।
—  332.  ॐ अनन्तकाय नमः।
—  333.  ॐ विपाप्मने नमः।
—  334.  ॐ निष्कलङ्काय नमः।
—  335.  ॐ महते नमः।
—  336.  ॐ महदहङ्कृतये नमः।
—  337.  ॐ खाय नमः।
—  338.  ॐ वायवे नमः।
—  339.  ॐ पृथिव्यै नमः।
—  340.  ॐ अद्भ्यो नमः।
—  341.  ॐ वह्नये नमः।
—  342.  ॐ दिक्पालाय नमः।
—  343.  ॐ क्षेत्रज्ञाय नमः।
—  344.  ॐ क्षेत्रहर्त्रे नमः।
—  345.  ॐ पल्वलीकृतसागराय नमः।
—  346.  ॐ हिरण्मयाय नमः।
—  347.  ॐ पुराणाय नमः।
—  348.  ॐ खेचराय नमः।
—  349.  ॐ भूचराय नमः।
—  350.  ॐ अमराय नमः।
—  351.  ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
—  352.  ॐ सूत्रात्मने नमः।
—  353.  ॐ राजराजाय नमः।
—  354.  ॐ विशाम्पतये नमः।
—  355.  ॐ वेदान्तवेद्याय नमः।
—  356.  ॐ उद्गीथाय नमः।
—  357.  ॐ वेदवेदाङ्गपारगाय नमः।
—  358.  ॐ प्रतिग्रामस्थितये नमः।
—  359.  ॐ सद्यः स्फूर्तिदात्रे नमः।
—  360.  ॐ गुणाकराय नमः।
—  361.  ॐ नक्षत्रमालिने नमः।
—  362.  ॐ भूतात्मने नमः।
—  363.  ॐ सुरभये नमः।
—  364.  ॐ कल्पपादपाय नमः।
—  365.  ॐ चिन्तामणये नमः।
—  366.  ॐ गुणनिधये नमः।
—  367.  ॐ प्रजाधाराय नमः।
—  368.  ॐ अनुत्तमाय नमः।
—  369.  ॐ पुण्यश्लोकाय नमः।
—  370.  ॐ पुरारातये नमः।
—  371.  ॐ ज्योतिष्मते नमः।
—  372.  ॐ शर्वरीपतये नमः।
—  373.  ॐ किल्किलारावसन्त्रस्तभूतप्रेतपिशाचकाय नमः।
—  374.  ॐ ऋणत्रयहराय नमः।
—  375.  ॐ सूक्ष्माय नमः।
—  376.  ॐ स्थूलाय नमः।
—  377.  ॐ सर्वगतये नमः।
—  378.  ॐ पुंसे नमः।
—  379.  ॐ अपस्मारहराय नमः।
—  380.  ॐ स्मर्त्रे नमः।
—  381.  ॐ श्रुतये नमः।
—  382.  ॐ गाथायै नमः।
—  383.  ॐ स्मृतये नमः।
—  384.  ॐ मनवे नमः।
—  385.  ॐ स्वर्गद्वाराय नमः।
—  386.  ॐ प्रजाद्वाराय नमः।
—  387.  ॐ मोक्षद्वाराय नमः।
—  388.  ॐ यतीश्वराय नमः।
—  389.  ॐ नादरूपायx नमः।
—  390.  ॐ परस्मै ब्रह्मणे नमः।
—  391.  ॐ ब्रह्मणे नमः।
—  392.  ॐ ब्रह्मपुरातनाय नमः।
—  393.  ॐ एकस्मै नमः।
—  394.  ॐ अनेकाय नमः।
—  395.  ॐ जनाय नमः।
—  396.  ॐ शुक्लाय नमः।
—  397.  ॐ स्वयंज्योतिषे नमः।
—  398.  ॐ अनाकुलाय नमः।
—  399.  ॐ ज्योतिर्ज्योतिषे नमः।
—  400.  ॐ अनादये नमः।
—  401.  ॐ सात्त्विकाय नमः।
—  402.  ॐ राजसाय नमः।
—  403.  ॐ तमाय नमः।
—  404.  ॐ तमोहर्त्रे नमः।
—  405.  ॐ निरालम्बाय नमः।
—  406.  ॐ निराकाराय नमः।
—  407.  ॐ गुणाकराय नमः।
—  408.  ॐ गुणाश्रयाय नमः।
—  409.  ॐ गुणमयाय नमः।
—  410.  ॐ बृहत्कर्मणे नमः।
—  411.  ॐ बृहद्यशसे नमः।
—  412.  ॐ बृहद्धनवे नमः।
—  413.  ॐ बृहत्पादाय नमः।
—  414.  ॐ बृहन्मूर्ध्ने नमः।
—  415.  ॐ बृहत्स्वनाय नमः।
—  416.  ॐ बृहत्कर्णाय नमः।
—  417.  ॐ बृहन्नासाय नमः।
—  418.  ॐ बृहद्बाहवे नमः।
—  419.  ॐ बृहत्तनवे नमः।
—  420.  ॐ बृहज्जानवे नमः।
—  421.  ॐ बृहत्कार्याय नमः।
—  422.  ॐ बृहत्पुच्छाय नमः।
—  423.  ॐ बृहत्कराय नमः।
—  424.  ॐ बृहद्गतये नमः।
—  425.  ॐ बृहत्सेव्याय नमः।
—  426.  ॐ बृहल्लोकफलप्रदाय नमः।
—  427.  ॐ बृहच्छक्तये नमः।
—  428.  ॐ बृहद्वाञ्छाफलदाय नमः।
—  429.  ॐ बृहदीश्वराय नमः।
—  430.  ॐ बृहल्लोकनुताय नमः।
—  431.  ॐ द्रष्ट्रे नमः।
—  432.  ॐ विद्यादात्रे नमः।
—  433.  ॐ जगद्गुरवे नमः।
—  434.  ॐ देवाचार्याय नमः।
—  435.  ॐ सत्यवादिने नमः।
—  436.  ॐ ब्रह्मवादिने नमः।
—  437.  ॐ कलाधराय नमः।
—  438.  ॐ सप्तपातालगामिने नमः।
—  439.  ॐ मलयाचलसंश्रयाय नमः।
—  440.  ॐ उत्तराशास्थिताय नमः।
—  441.  ॐ श्रीदाय नमः।
—  442.  ॐ दिव्यौषधिवशाय नमः।
—  443.  ॐ खगाय नमः।
—  444.  ॐ शाखामृगाय नमः।
—  445.  ॐ कपीन्द्राय नमः।
—  446.  ॐ पुराणश्रुतिचञ्चुराय नमः।
—  447.  ॐ चतुरब्राह्मणाय नमः।
—  448.  ॐ योगिने नमः।
—  449.  ॐ योगगम्याय नमः।
—  450.  ॐ परस्मै नमः।
—  451.  ॐ अवरस्मै नमः।
—  452.  ॐ अनादिनिधनाय नमः।
—  453.  ॐ व्यासाय नमः।
—  454.  ॐ वैकुण्ठाय नमः।
—  455.  ॐ पृथिवीपतये नमः।
—  456.  ॐ अपराजिताय नमः।
—  457.  ॐ जितारातये नमः।
—  458.  ॐ सदानन्दाय नमः।
—  459.  ॐ दयायुताय नमः।
—  460.  ॐ गोपालाय नमः।
—  461.  ॐ गोपतये नमः।
—  462.  ॐ गोप्त्रे नमः।
—  463.  ॐ कलिकालपराशराय नमः।
—  464.  ॐ मनोवेगिने नमः।
—  465.  ॐ सदायोगिने नमः।
—  466.  ॐ संसारभयनाशनाय नमः।
—  467.  ॐ तत्त्वदात्रे नमः।
—  468.  ॐ तत्त्वज्ञाय नमः।
—  469.  ॐ तत्त्वाय नमः।
—  470.  ॐ तत्त्वप्रकाशकाय नमः।
—  471.  ॐ शुद्धाय नमः।
—  472.  ॐ बुद्धाय नमः।
—  473.  ॐ नित्यमुक्ताय नमः।
—  474.  ॐ भक्तराजाय नमः।
—  475.  ॐ जयद्रथाय नमः।
—  476.  ॐ प्रलयाय नमः।
—  477.  ॐ अमितमायाय नमः।
—  478.  ॐ मायातीताय नमः।
—  479.  ॐ विमत्सराय नमः।
—  480.  ॐ मायाभर्जितरक्षसे नमः।
—  481.  ॐ मायानिर्मितविष्टपाय नमः।
—  482.  ॐ मायाश्रयाय नमः।
—  483.  ॐ निर्लेपाय नमः।
—  484.  ॐ मायानिर्वर्तकाय नमः।
—  485.  ॐ सुखाय नमः।
—  486.  ॐ सुखिने नमः।
—  487.  ॐ सुखप्रदाय नमः।
—  488.  ॐ नागाय नमः।
—  489.  ॐ महेशकृतसंस्तवाय नमः।
—  490.  ॐ महेश्वराय नमः।
—  491.  ॐ सत्यसन्धाय नमः।
—  492.  ॐ शरभाय नमः।
—  493.  ॐ कलिपावनाय नमः।
—  494.  ॐ सहस्रकन्धरबलविध्वंसनविचक्षणाय नमः।
—  495.  ॐ सहस्रबाहवे नमः।
—  496.  ॐ सहजाय नमः।
—  497.  ॐ द्विबाहवे नमः।
—  498.  ॐ द्विभुजाय नमः।
—  499.  ॐ अमराय नमः।
—  500.  ॐ चतुर्भुजाय नमः।
—  501.  ॐ दशभुजाय नमः।
—  502.  ॐ हयग्रीवाय नमः।
—  503.  ॐ खगाननाय नमः।
—  504.  ॐ कपिवक्त्राय नमः।
—  505.  ॐ कपिपतये नमः।
—  506.  ॐ नरसिंहाय नमः।
—  507.  ॐ महाद्युतये नमः।
—  508.  ॐ भीषणाय नमः।
—  509.  ॐ भावगाय नमः।
—  510.  ॐ वन्द्याय नमः।
—  511.  ॐ वराहाय नमः।
—  512.  ॐ वायुरूपधृषे नमः।
—  513.  ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः।
—  514.  ॐ पराजितदशाननाय नमः।
—  515.  ॐ पारिजातनिवासिने नमः।
—  516.  ॐ वटवे नमः।
—  517.  ॐ वचनकोविदाय नमः।
—  518.  ॐ सुरसास्यविनिर्मुक्ताय नमः।
—  519.  ॐ सिंहिकाप्राणहारकाय नमः।
—  520.  ॐ लङ्कालङ्कारविध्वंसिने नमः।
—  521.  ॐ वृषदंशकरूपधृषे नमः।
—  522.  ॐ रात्रिसंचारकुशलाय नमः।
—  523.  ॐ रात्रिंचरगृहाग्निदाय नमः।
—  524.  ॐ किङ्करान्तकराय नमः।
—  525.  ॐ जम्बुमालिहन्त्रे नमः।
—  526.  ॐ उग्ररूपधृषे नमः।
—  527.  ॐ आकाशचारिणे नमः।
—  528.  ॐ हरिगाय नमः।
—  529.  ॐ मेघनादरणोत्सुकाय नमः।
—  530.  ॐ मेघगम्भीरनिनदाय नमः।
—  531.  ॐ महारावणकुलान्तकाय नमः।
—  532.  ॐ कालनेमिप्राणहारिणे नमः।
—  533.  ॐ मकरीशापमोक्षदाय नमः।
—  534.  ॐ रसाय नमः।
—  535.  ॐ रसज्ञाय नमः।
—  536.  ॐ सम्मानाय नमः।
—  537.  ॐ रूपाय नमः।
—  538.  ॐ चक्षुषे नमः।
—  539.  ॐ श्रुतये नमः।
—  540.  ॐ वचसे नमः।
—  541.  ॐ घ्राणाय नमः।
—  542.  ॐ गन्धाय नमः।
—  543.  ॐ स्पर्शनाय नमः।
—  544.  ॐ स्पर्शाय नमः।
—  545.  ॐ अहङ्कारमानगाय नमः।
—  546.  ॐ नेतिनेतीतिगम्याय नमः।
—  547.  ॐ वैकुण्ठभजनप्रियाय नमः।
—  548.  ॐ गिरीशाय नमः।
—  549.  ॐ गिरिजाकान्ताय नमः।
—  550.  ॐ दुर्वाससे नमः।
—  551.  ॐ कवये नमः।
—  552.  ॐ अङ्गिरसे नमः।
—  553.  ॐ भृगवे नमः।
—  554.  ॐ वसिष्ठाय नमः।
—  555.  ॐ च्यवनाय नमः।
—  556.  ॐ नारदाय नमः।
—  557.  ॐ तुम्बराय नमः।
—  558.  ॐ अमलाय नमः।
—  559.  ॐ विश्वक्षेत्राय नमः।
—  560.  ॐ विश्वबीजाय नमः।
—  561.  ॐ विश्वनेत्राय नमः।
—  562.  ॐ विश्वपाय नमः।
—  563.  ॐ याजकाय नमः।
—  564.  ॐ यजमानाय नमः।
—  565.  ॐ पावकाय नमः।
—  566.  ॐ पितृभ्यो नमः।
—  567.  ॐ श्रद्धायै नमः।
—  568.  ॐ बुद्धयै नमः।
—  569.  ॐ क्षमायै नमः।
—  570.  ॐ तन्द्रायै नमः।
—  571.  ॐ मन्त्राय नमः।
—  572.  ॐ मन्त्रयित्रे नमः।
—  573.  ॐ स्वराय नमः।
—  574.  ॐ राजेन्द्राय नमः।
—  575.  ॐ भूपतये नमः।
—  576.  ॐ रुण्डमालिने नमः।
—  577.  ॐ संसारसारथये नमः।
—  578.  ॐ नित्यसम्पूर्णकामाय नमः।
—  579.  ॐ भक्तकामदुहे नमः।
—  580.  ॐ उत्तमाय नमः।
—  581.  ॐ गणपाय नमः।
—  582.  ॐ केशवाय नमः।
—  583.  ॐ भ्रात्रे नमः।
—  584.  ॐ पित्रे नमः।
—  585.  ॐ मात्रे नमः।
—  586.  ॐ मारुतये नमः।
—  587.  ॐ सहस्रमूर्ध्ने नमः।
—  588.  ॐ अनेकास्याय नमः।
—  589.  ॐ सहस्राक्षाय नमः।
—  590.  ॐ सहस्रपादे नमः।
—  591.  ॐ कामजिते नमः।
—  592.  ॐ कामदहनाय नमः।
—  593.  ॐ कामाय नमः।
—  594.  ॐ कामफलप्रदाय नमः।
—  595.  ॐ मुद्रापहारिणे नमः।
—  596.  ॐ रक्षोघ्नाय नमः।
—  597.  ॐ क्षितिभारहराय नमः।
—  598.  ॐ बलाय नमः।
—  599.  ॐ नखदंष्ट्रायुधाय नमः।
—  600.  ॐ विष्णवे नमः।
—  601.  ॐ भक्ताभयवरप्रदाय नमः।
—  602.  ॐ दर्पघ्ने नमः।
—  603.  ॐ दर्पदाय नमः।
—  604.  ॐ दंष्ट्राशतमूर्तये नमः।
—  605.  ॐ अमूर्तिमते नमः।
—  606.  ॐ महानिधये नमः।
—  607.  ॐ महाभागाय नमः।
—  608.  ॐ महाभर्गाय नमः।
—  609.  ॐ महार्द्धिदाय नमः।
—  610.  ॐ महाकाराय नमः।
—  611.  ॐ महायोगिने नमः।
—  612.  ॐ महातेजसे नमः।
—  613.  ॐ महाद्युतये नमः।
—  614.  ॐ महासनाय नमः।
—  615.  ॐ महानादाय नमः।
—  616.  ॐ महामन्त्राय नमः।
—  617.  ॐ महामतये नमः।
—  618.  ॐ महागमाय नमः।
—  619.  ॐ महोदाराय नमः।
—  620.  ॐ महादेवात्मकाय नमः।
—  621.  ॐ विभवे नमः।
—  622.  ॐ रौद्रकर्मणे नमः।
—  623.  ॐ क्रूरकर्मणे नमः।
—  624.  ॐ रत्नाभाय नमः।
—  625.  ॐ कृतागमाय नमः।
—  626.  ॐ अम्भोधिलङ्घनाय नमः।
—  627.  ॐ सिंहाय नमः।
—  628.  ॐ सत्यधर्मप्रमोदनाय नमः।
—  629.  ॐ जितामित्राय नमः।
—  630.  ॐ जयाय नमः।
—  631.  ॐ सोमाय नमः।
—  632.  ॐ विजयाय नमः।
—  633.  ॐ वायुनन्दनाय नमः।
—  634.  ॐ जीवदात्रे नमः।
—  635.  ॐ सहस्रांशवे नमः।
—  636.  ॐ मुकुन्दाय नमः।
—  637.  ॐ भूरिदक्षिणाय नमः।
—  638.  ॐ सिद्धार्थाय नमः।
—  639.  ॐ सिद्धिदाय नमः।
—  640.  ॐ सिद्धसङ्कल्पाय नमः।
—  641.  ॐ सिद्धिहेतुकाय नमः।
—  642.  ॐ सप्तपातालचरणाय नमः।
—  643.  ॐ सप्तर्षिगणवन्दिताय नमः।
—  644.  ॐ सप्ताब्धिलङ्घनाय नमः।
—  645.  ॐ वीराय नमः।
—  646.  ॐ सप्तद्वीपोरुमण्डलाय नमः।
—  647.  ॐ सप्ताङ्गराज्यसुखदाय नमः।
—  648.  ॐ सप्तमातृनिषेविताय नमः।
—  649.  ॐ सप्तस्वर्लोकमुकुटाय नमः।
—  650.  ॐ सप्तहोत्रे नमः।
—  651.  ॐ स्वाराश्रयाय नमः।
—  652.  ॐ सप्तच्छन्दोनिधये नमः।
—  653.  ॐ सप्तच्छन्दसे नमः।
—  654.  ॐ सप्तजनाश्रयाय नमः।
—  655.  ॐ सप्तसामोपगीताय नमः।
—  656.  ॐ सप्तपातालसंश्रयाय नमः।
—  657.  ॐ मेधादाय नमः।
—  658.  ॐ कीर्तिदाय नमः।
—  659.  ॐ शोकहारिणे नमः।
—  660.  ॐ दौर्भाग्यनाशनाय नमः।
—  661.  ॐ सर्वरक्षाकराय नमः।
—  662.  ॐ गर्भदोषघ्ने नमः।
—  663.  ॐ पुत्रपौत्रदाय नमः।
—  664.  ॐ प्रतिवादिमुखस्तम्भाय नमः।
—  665.  ॐ रुष्टचित्तप्रसादनाय नमः।
—  666.  ॐ पराभिचारशमनाय नमः।
—  667.  ॐ दुःखघ्ने नमः।
—  668.  ॐ बन्धमोक्षदाय नमः।
—  669.  ॐ नवद्वारपुराधाराय नमः।
—  670.  ॐ नवद्वारनिकेतनाय नमः।
—  671.  ॐ नरनारायणस्तुत्याय नमः।
—  672.  ॐ नवनाथमहेश्वराय नमः।
—  673.  ॐ मेखलिने नमः।
—  674.  ॐ कवचिने नमः।
—  675.  ॐ खड्गिने नमः।
—  676.  ॐ भ्राजिष्णवे नमः।
—  677.  ॐ जिष्णुसारथये नमः।
—  678.  ॐ बहुयोजनविस्तीर्णपुच्छाय नमः।
—  679.  ॐ पुच्छहतासुराय नमः।
—  680.  ॐ दुष्टग्रहनिहन्त्रे नमः।
—  681.  ॐ पिशाचग्रहघातकाय नमः।
—  682.  ॐ बालग्रहविनाशिने नमः।
—  683.  ॐ धर्मनेत्रे नमः।
—  684.  ॐ कृपाकराय नमः।
—  685.  ॐ उग्रकृत्याय नमः।
—  686.  ॐ उग्रवेगाय नमः।
—  687.  ॐ उग्रनेत्राय नमः।
—  688.  ॐ शतक्रतवे नमः।
—  689.  ॐ शतमन्युनुताय नमः।
—  690.  ॐ स्तुत्याय नमः।
—  691.  ॐ स्तुतये नमः।
—  692.  ॐ स्तोत्रे नमः।
—  693.  ॐ महाबलाय नमः।
—  694.  ॐ समग्रगुणशालिने नमः।
—  695.  ॐ व्यग्राय नमः।
—  696.  ॐ रक्षोविनाशकाय नमः।
—  697.  ॐ रक्षोऽग्निदाहाय नमः।
—  698.  ॐ ब्रह्मेशाय नमः।
—  699.  ॐ श्रीधराय नमः।
—  700.  ॐ भक्तवत्सलाय नमः।
—  701.  ॐ मेघनादाय नमः।
—  702.  ॐ मेघरूपाय नमः।
—  703.  ॐ मेघवृष्टिनिवारकाय नमः।
—  704.  ॐ मेघजीवनहेतवे नमः।
—  705.  ॐ मेघश्यामाय नमः।
—  706.  ॐ परात्मकाय नमः।
—  707.  ॐ समीरतनयाय नमः।
—  708.  ॐ योद्ध्रे नमः।
—  709.  ॐ नृत्यविद्याविशारदाय नमः।
—  710.  ॐ अमोघाय नमः।
—  711.  ॐ अमोघदृष्टये नमः।
—  712.  ॐ इष्टदाय नमः।
—  713.  ॐ अरिष्टनाशनाय नमः।
—  714.  ॐ अर्थाय नमः।
—  715.  ॐ अनर्थापहारिणे नमः।
—  716.  ॐ समर्थाय नमः।
—  717.  ॐ रामसेवकाय नमः।
—  718.  ॐ अर्थिवन्द्याय नमः।
—  719.  ॐ असुरारातये नमः।
—  720.  ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः।
—  721.  ॐ आत्मभुवे नमः।
—  722.  ॐ सङ्कर्षणाय नमः।
—  723.  ॐ विशुद्धात्मने नमः।
—  724.  ॐ विद्याराशये नमः।
—  725.  ॐ सुरेश्वराय नमः।
—  726.  ॐ अचलोद्धारकाय नमः।
—  727.  ॐ नित्याय नमः।
—  728.  ॐ सेतुकृते नमः।
—  729.  ॐ रामसारथये नमः।
—  730.  ॐ आनन्दाय नमः।
—  731.  ॐ परमानन्दाय नमः।
—  732.  ॐ मत्स्याय नमः।
—  733.  ॐ कूर्माय नमः।
—  734.  ॐ निराश्रयाय नमः।
—  735.  ॐ वाराहाय नमः।
—  736.  ॐ नारसिंहाय नमः।
—  737.  ॐ वामनाय नमः।
—  738.  ॐ जमदग्निजाय नमः।
—  739.  ॐ रामाय नमः।
—  740.  ॐ कृष्णाय नमः।
—  741.  ॐ शिवाय नमः।
—  742.  ॐ बुद्धाय नमः।
—  743.  ॐ कल्किने नमः।
—  744.  ॐ रामाश्रयाय नमः।
—  745.  ॐ हरये नमः।
—  746.  ॐ नन्दिने नमः।
—  747.  ॐ भृङ्गिणे नमः।
—  748.  ॐ चण्डिने नमः।
—  749.  ॐ गणेशाय नमः।
—  750.  ॐ गणसेविताय नमः।
—  751.  ॐ कर्माध्यक्षाय नमः।
—  752.  ॐ सुराध्यक्षाय नमः।
—  753.  ॐ विश्रामाय नमः।
—  754.  ॐ जगतीपतये नमः।
—  755.  ॐ जगन्नाथाय नमः।
—  756.  ॐ कपीशाय नमः।
—  757.  ॐ सर्वावासाय नमः।
—  758.  ॐ सदाश्रयाय नमः।
—  759.  ॐ सुग्रीवादिस्तुताय नमः।
—  760.  ॐ दान्ताय नमः।
—  761.  ॐ सर्वकर्मणे नमः।
—  762.  ॐ प्लवङ्गमाय नमः।
—  763.  ॐ नखदारितरक्षसे नमः।
—  764.  ॐ नखयुद्धविशारदाय नमः।
—  765.  ॐ कुशलाय नमः।
—  766.  ॐ सुधनाय नमः।
—  767.  ॐ शेषाय नमः।
—  768.  ॐ वासुकये नमः।
—  769.  ॐ तक्षकाय नमः।
—  770.  ॐ स्वर्णवर्णाय नमः।
—  771.  ॐ बलाढ्याय नमः।
—  772.  ॐ पुरुजेत्रे नमः।
—  773.  ॐ अघनाशनाय नमः।
—  774.  ॐ कैवल्यरूपाय नमः।
—  775.  ॐ कैवल्याय नमः।
—  776.  ॐ गरुडाय नमः।
—  777.  ॐ पन्नगोरगाय नमः।
—  778.  ॐ किल्किल् रावहतारातये नमः।
—  779.  ॐ गर्वपर्वतभेदनाय नमः।
—  780.  ॐ वज्राङ्गाय नमः।
—  781.  ॐ वज्रदंष्ट्राय नमः।
—  782.  ॐ भक्तवज्रनिवारकाय नमः।
—  783.  ॐ नखायुधाय नमः।
—  784.  ॐ मणिग्रीवाय नमः।
—  785.  ॐ ज्वालामालिने नमः।
—  786.  ॐ भास्कराय नमः।
—  787.  ॐ प्रौढप्रतापाय नमः।
—  788.  ॐ तपनाय नमः।
—  789.  ॐ भक्ततापनिवारकाय नमः।
—  790.  ॐ शरणाय नमः।
—  791.  ॐ जीवनाय नमः।
—  792.  ॐ भोक्त्रे नमः।
—  793.  ॐ नानाचेष्टाय नमः।
—  794.  ॐ अचञ्चलाय नमः।
—  795.  ॐ स्वस्तिमते नमः।
—  796.  ॐ स्वास्तिदाय नमः।
—  797.  ॐ दुःखशातनाय नमः।
—  798.  ॐ पवनात्मजाय नमः।
—  799.  ॐ पावनाय नमः।
—  800.  ॐ पवनाय नमः।
—  801.  ॐ कान्ताय नमः।
—  802.  ॐ भक्तागःसहनाय नमः।
—  803.  ॐ बलिने नमः।
—  804.  ॐ मेघनादरिपवे नमः।
—  805.  ॐ मेघनादसंहतराक्षसाय नमः।
—  806.  ॐ क्षराय नमः।
—  807.  ॐ अक्षराय नमः।
—  808.  ॐ विनीतात्मने नमः।
—  809.  ॐ वानरेशाय नमः।
—  810.  ॐ सताङ्गतये नमः।
—  811.  ॐ श्रीकण्ठाय नमः।
—  812.  ॐ शितिकण्ठाय नमः।
—  813.  ॐ सहायाय नमः।
—  814.  ॐ सहनायकाय नमः।
—  815.  ॐ अस्थूलाय नमः।
—  816.  ॐ अनणवे नमः।
—  817.  ॐ भर्गाय नमः।
—  818.  ॐ दिव्याय नमः।
—  819.  ॐ संसृतिनाशनाय नमः।
—  820.  ॐ अध्यात्मविद्यासाराय नमः।
—  821.  ॐ अध्यात्मकुशलाय नमः।
—  822.  ॐ सुधिये नमः।
—  823.  ॐ अकल्मषाय नमः।
—  824.  ॐ सत्यहेतवे नमः।
—  825.  ॐ सत्यदाय नमः।
—  826.  ॐ सत्यगोचराय नमः।
—  827.  ॐ सत्यगर्भाय नमः।
—  828.  ॐ सत्यरूपाय नमः।
—  829.  ॐ सत्याय नमः।
—  830.  ॐ सत्यपराक्रमाय नमः।
—  831.  ॐ अञ्जनाप्राणलिङ्गाय नमः।
—  832.  ॐ वायुवंशोद्भवाय नमः।
—  833.  ॐ शुभाय नमः।
—  834.  ॐ भद्ररूपाय नमः।
—  835.  ॐ रुद्ररूपाय नमः।
—  836.  ॐ सुरूपाय नमः।
—  837.  ॐ चित्ररूपधृषे नमः।
—  838.  ॐ मैनाकवन्दिताय नमः।
—  839.  ॐ सूक्ष्मदर्शनाय नमः।
—  840.  ॐ विजयाय नमः।
—  841.  ॐ जयाय नमः।
—  842.  ॐ क्रान्तदिङ्मण्डलाय नमः।
—  843.  ॐ रुद्राय नमः।
—  844.  ॐ प्रकटीकृतविक्रमाय नमः।
—  845.  ॐ कम्बुकण्ठाय नमः।
—  846.  ॐ प्रसन्नात्मने नमः।
—  847.  ॐ ह्र स्वनासाय नमः।
—  848.  ॐ वृकोदराय नमः।
—  849.  ॐ लम्बौष्ठाय नमः।
—  850.  ॐ कुण्डलिने नमः।
—  851.  ॐ चित्रमालिने नमः।
—  852.  ॐ योगविदां वराय नमः।
—  853.  ॐ विपश्चिते नमः।
—  854.  ॐ कवये नमः।
—  855.  ॐ आनन्दविग्रहाय नमः।
—  856.  ॐ अनल्पशासनाय नमः।
—  857.  ॐ फाल्गुनीसूनवे नमः।
—  858.  ॐ अव्यग्राय नमः।
—  859.  ॐ योगात्मने नमः।
—  860.  ॐ योगतत्पराय नमः।
—  861.  ॐ योगविदे नमः।
—  862.  ॐ योगकर्त्रे नमः।
—  863.  ॐ योगयोनये नमः।
—  864.  ॐ दिगम्बराय नमः।
—  865.  ॐ अकारादिहकारान्तवर्णनिर्मितविग्रहाय नमः।
—  866.  ॐ उलूखलमुखाय नमः।
—  867.  ॐ सिद्धसंस्तुताय नमः।
—  868.  ॐ प्रमथेश्वराय नमः।
—  869.  ॐ श्लिष्टजङ्घाय नमः।
—  870.  ॐ श्लिष्टजानवे नमः।
—  871.  ॐ श्लिष्टपाणये नमः।
—  872.  ॐ शिखाधराय नमः।
—  873.  ॐ सुशर्मणे नमः।
—  874.  ॐ अमितशर्मणे नमः।
—  875.  ॐ नारायणपरायणाय नमः।
—  876.  ॐ जिष्णवे नमः।
—  877.  ॐ भविष्णवे नमः।
—  878.  ॐ रोचिष्णवे नमः।
—  879.  ॐ ग्रसिष्णवे नमः।
—  880.  ॐ स्थाणवे नमः।
—  881.  ॐ हरिरुद्रानुसेकाय नमः।
—  882.  ॐ कम्पनाय नमः।
—  883.  ॐ भूमिकम्पनाय नमः।
—  884.  ॐ गुणप्रवाहाय नमः।
—  885.  ॐ सूत्रात्मने नमः।
—  886.  ॐ वीतरागस्तुतिप्रियाय नमः।
—  887.  ॐ नागकन्याभयध्वंसिने नमः।
—  888.  ॐ रुक्मवर्णाय नमः।
—  889.  ॐ कपालभृते नमः।
—  890.  ॐ अनाकुलाय नमः।
—  891.  ॐ भवोपायाय नमः।
—  892.  ॐ अनपायाय नमः।
—  893.  ॐ वेदपारगाय नमः।
—  894.  ॐ अक्षराय नमः।
—  895.  ॐ पुरुषाय नमः।
—  896.  ॐ लोकनाथाय नमः।
—  897.  ॐ ऋक्षःप्रभवे नमः।
—  898.  ॐ दृढाय नमः।
—  899.  ॐ अष्टाङ्गयोग फलभुजे नमः।
—  900.  ॐ सत्यसन्धाय नमः।
—  901.  ॐ पुरुष्टुताय नमः।
—  902.  ॐ श्मशानस्थाननिलयाय नमः।
—  903.  ॐ प्रेतविद्रावणक्षमाय नमः।
—  904.  ॐ पञ्चाक्षरपराय नमः।
—  905.  ॐ पञ्चमातृकाय नमः।
—  906.  ॐ रञ्जनध़्वजाय नमः।
—  907.  ॐ योगिनीवृन्दवन्द्यश्रियै नमः।
—  908.  ॐ शत्रुघ्नाय नमः।
—  909.  ॐ अनन्तविक्रमाय नमः।
—  910.  ॐ ब्रह्मचारिणे नमः।
—  911.  ॐ इन्द्रियरिपवे नमः।
—  912.  ॐ धृतदण्डाय नमः।
—  913.  ॐ दशात्मकाय नमः।
—  914.  ॐ अप्रपञ्चाय नमः।
—  915.  ॐ सदाचाराय नमः।
—  916.  ॐ शूरसेनाविदारकाय नमः।
—  917.  ॐ वृद्धाय नमः।
—  918.  ॐ प्रमोदाय नमः।
—  919.  ॐ आनन्दाय नमः।
—  920.  ॐ सप्तद्वीपपतिन्धराय नमः।
—  921.  ॐ नवद्वारपुराधाराय नमः।
—  922.  ॐ प्रत्यग्राय नमः।
—  923.  ॐ सामगायकाय नमः।
—  924.  ॐ षट्चक्रधान्मे नमः।
—  925.  ॐ स्वर्लोकाभयकृते नमः।
—  926.  ॐ मानदाय नमः।
—  927.  ॐ मदाय नमः।
—  928.  ॐ सर्ववश्यकराय नमः।
—  929.  ॐ शक्तये नमः।
—  930.  ॐ अनन्ताय नमः।
—  931.  ॐ अनन्तमङ्गलाय नमः।
—  932.  ॐ अष्टमूर्तये नमः।
—  933.  ॐ नयोपेताय नमः।
—  934.  ॐ विरूपाय नमः।
—  935.  ॐ सुरसुन्दराय नमः।
—  936.  ॐ धूमकेतवे नमः।
—  937.  ॐ महाकेतवे नमः।
—  938.  ॐ सत्यकेतवे नमः।
—  939.  ॐ महारथाय नमः।
—  940.  ॐ नन्दिप्रियाय नमः।
—  941.  ॐ स्वतन्त्राय नमः।
—  942.  ॐ मेखलिने नमः।
—  943.  ॐ डमरुप्रियाय नमः।
—  944.  ॐ लौहाङ्गाय नमः।
—  945.  ॐ सर्वविदे नमः।
—  946.  ॐ धन्विने नमः।
—  947.  ॐ खण्डलाय नमः।
—  948.  ॐ शर्वाय नमः।
—  949.  ॐ ईश्वराय नमः।
—  950.  ॐ फलभुजे नमः।
—  951.  ॐ फलहस्ताय नमः।
—  952.  ॐ सर्वकर्मफलप्रदाय नमः।
—  953.  ॐ धर्माध्यक्षाय नमः।
—  954.  ॐ धर्मपालाय नमः।
—  955.  ॐ धर्माय नमः।
—  956.  ॐ धर्मप्रदाय नमः।
—  957.  ॐ अर्थदाय नमः।
—  958.  ॐ पञ्चविंशतितत्त्वज्ञाय नमः।
—  959.  ॐ तारकाय नमः।
—  960.  ॐ ब्रह्मतत्पराय नमः।
—  961.  ॐ त्रिमार्गवसतये नमः।
—  962.  ॐ भीमाय नमः।
—  963.  ॐ सर्वदुःखनिबर्हणाय नमः।
—  964.  ॐ ऊर्जस्वते नमः।
—  965.  ॐ निष्कलाय नमः।
—  966.  ॐ शूलिने नमः।
—  967.  ॐ मौलिने नमः।
—  968.  ॐ गर्जन्निशाचराय नमः।
—  969.  ॐ रक्ताम्बरधराय नमः।
—  970.  ॐ रक्ताय नमः।
—  971.  ॐ रक्तमाल्याय नमः।
—  972.  ॐ विभूषणाय नमः।
—  973.  ॐ वनमालिने नमः।
—  974.  ॐ शुभाङ्गाय नमः।
—  975.  ॐ श्वेताय नमः।
—  976.  ॐ श्वेताम्बराय नमः।
—  977.  ॐ यूने नमः।
—  978.  ॐ जयाय नमः।
—  979.  ॐ अजयपरीवाराय नमः।
—  980.  ॐ सहस्रवदनाय नमः।
—  981.  ॐ कपये नमः।
—  982.  ॐ शाकिनीडाकिनीयक्षरक्षोभूतप्रभञ्जकाय नमः।
—  983.  ॐ सद्योजाताय नमः।
—  984.  ॐ कामगतये नमः।
—  985.  ॐ ज्ञानमूर्तये नमः।
—  986.  ॐ यशस्कराय नमः।
—  987.  ॐ शम्भुतेजसे नमः।
—  988.  ॐ सार्वभौमाय नमः।
—  989.  ॐ विष्णुभक्ताय नमः।
—  990.  ॐ प्लवङ्गमाय नमः।
—  991.  ॐ चतुर्नवतिमन्त्रज्ञाय नमः।
—  992.  ॐ पौलस्त्यबलदर्पघ्ने नमः।
—  993.  ॐ सर्वलक्ष्मीप्रदाय नमः।
—  994.  ॐ श्रीमते नमः।
—  995.  ॐ अङ्गदप्रियाय नमः।
—  996.  ॐ ईडिताय नमः।
—  997.  ॐ स्मृतिबीजाय नमः।
—  998.  ॐ सुरेशानाय नमः।
—  999.  ॐ संसारभयनाशनाय नमः।
—  1000.  ॐ उत्तमाय नमः।

हनुमान जी सहस्त्रनाम के लाभ:

हनुमान सहस्त्रनाम के फायदे अनेक हैं और इसका प्रतिदिन पाठ करने से भक्तों के सभी दुःख दूर हो जाते हैं। सभी प्रकार के रोगों मुक्ति मिलती है। बुद्धि भ्रमित नही होती, मन शांत रहता है, बुरे कर्मो से छुटकारा मिलता है, देव, दानव, यक्ष, राक्षस, ब्रम्हराक्षस, बुरे मनुष्य सभी प्रकार के दुर्जनों से हमेशा के लिए छुटकारा मिलता है। हमें उम्मीद है की निचे दी गयी बजरंगबली के 1000 नाम की सूची आपके काम आएगी।
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Shri Shiv-stuti - नंदी की सवारी नाग अंगीकार धारी।

श्री शिव स्तुति भोले शिव शंकर जी की स्तुति... ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय भगवान शिव स्तुति : भगवान भोलेनाथ भक्तों की प्रार्थना से बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसी कारण उन्हें 'आशुतोष' भी कहा जाता है। सनातन धर्म में सोमवार का दिन को भगवान शिव को समर्पित है। इसी कारण सोमवार को शिव का महाभिषेक के साथ साथ शिव की उपासना के लिए व्रत भी रखे जाते हैं। अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि पाना के लिए सोमवार के दिन शिव स्तुति का जाप करना आपके लिए लाभकारी होगा और स्तुति का सच्चे मन से करने पर भोले भंडारी खुश होकर आशीर्वाद देते है। ॥ शिव स्तुति ॥ ॥ दोहा ॥ श्री गिरिजापति बंदि कर चरण मध्य शिर नाय। कहत गीता राधे तुम मो पर हो सहाय॥ कविता नंदी की सवारी नाग अंगीकार धारी। नित संत सुखकारी नीलकण्ठ त्रिपुरारी हैं॥ गले मुण्डमाला भारी सर सोहै जटाधारी। बाम अंग में बिहारी गिरिजा सुतवारी हैं॥ दानी बड़े भारी शेष शारदा पुकारी। काशीपति मदनारी कर शूल च्रकधारी हैं॥ कला जाकी उजियारी लख देव सो निहारी। यश गावें वेदचारी सो

jhaankee - झांकी उमा महेश की, आठों पहर किया करूँ।

भगवान शिव की आरती | BHAKTI GYAN भगवान शिव की आरती... ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: भगवान शिव की पूजा के समय मन के भावों को शब्दों में व्यक्त करके भी भगवान आशुतोष को प्रसन्न किया जा सकता है। भगवान शिव की आरती से हम भगवान भोलेनाथ के चरणों में अपने स्तुति रूपी श्रद्धासुमन अर्पित कर उनका कृपा प्रसाद पा सकते हैं। ॥ झांकी ॥ झांकी उमा महेश की, आठों पहर किया करूँ। नैनो के पात्र में सुधा, भर भर के मैं पिया करूँ॥ वाराणसी का वास हो, और न कोई पास हो। गिरजापति के नाम का, सुमिरण भजन किया करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... जयति जय महेश हे, जयति जय नन्द केश हे। जयति जय उमेश हे, प्रेम से मै जपा करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... अम्बा कही श्रमित न हो, सेवा का भार मुझको दो। जी भर के तुम पिया करो, घोट के मैं दिया करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... जी मै तुम्हारी है लगन, खीचते है उधर व्यसन। हरदम चलायमान हे मन, इसका उपाय क्या करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... भिक्षा में नाथ दीजिए, सेवा में मै रहा करूँ। बेकल हु नाथ रात दिन चैन

Sri Shiva\Rudrashtakam\Shri Rudrashtakam Stotram

श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! भगवान शिव शंकर जी आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। यदि भक्त श्रद्धा पूर्वक एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। 'श्री शिव रुद्राष्टकम' अपने आप में अद्भुत स्तुति है। यदि कोई आपको परेशान कर रहा है तो किसी शिव मंदिर या घर में ही कुशा के आसन पर बैठकर लगातार 7 दिनों तक सुबह शाम 'रुद्राष्टकम' स्तुति का पाठ करने से भगवान शिव बड़े से बड़े शत्रुओं का नाश करते हैं और सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। रामायण के अनुसार, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण जैसे भयंकर शत्रु पर विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना कर रूद्राष्टकम स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ किया था और परिणाम स्वरूप शिव की कृपा से रावण का अंत भी हुआ था। ॥ श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र ॥ नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भज

Dwadash Jyotirlinga - सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। द्वादश ज्योतिर्लिंग... हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप इन लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है। श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम् सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम्॥१॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमाशंकरम्। सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥२॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारम् घुश्मेशं च शिवालये॥३॥ एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥४॥ Related Pages: श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् चिन्तामणि षट्पदी स्तोत्र गणपतितालम् श्री कालभैरव अष्टकम् अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी देवी भजन- इंद्राक्षी स्तोत्रम् श्री शिव प्रातः स्मरणस्तोत्रम् 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग राम रक्षा स्तोत्र संकटमोचन हनुमानाष्टक संस्कृत में मारुति स्तो

Lingashtakam\Shiv\lingashtakam stotram-लिङ्गाष्टकम्

श्री लिंगाष्टकम स्तोत्र श्री शिव लिंगाष्टकम स्तोत्र... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! लिंगाष्टकम में शिवलिंग की स्तुति बहुत अद्बुध एवं सूंदर ढंग से की गयी है। सुगंध से सुशोभित, शिव लिंग बुद्धि में वृद्धि करता है। चंदन और कुमकुम के लेप से ढका होता है और मालाओं से सुशोभित होता है। इसमें उपासकों के पिछले कर्मों को नष्ट करने की शक्ति है। इसका पाठ करने वाला व्यक्ति हर समय शांति से परिपूर्ण रहता है और साधक के जन्म और पुनर्जन्म के चक्र के कारण होने वाले किसी भी दुख को भी नष्ट कर देता है। ॥ लिंगाष्टकम स्तोत्र ॥ ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥ सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् । सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥ कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् । दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्ग

Mata Chamunda Devi Chalisa - नमस्कार चामुंडा माता, तीनो लोक मई मई विख्याता

चामुण्डा देवी की चालीसा | BHAKTI GYAN चामुण्डा देवी की चालीसा... हिंदू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति स्वरूपा माना गया है। भारतवर्ष में कुल 51 शक्तिपीठ है, जिनमे से एक चामुण्‍डा देवी मंदिर शक्ति पीठ भी है। चामुण्डा देवी का मंदिर मुख्यता माता काली को समर्पित है, जो कि शक्ति और संहार की देवी है। पुराणों के अनुसार धरती पर जब कोई संकट आया है तब-तब माता ने दानवो का संहार किया है। असुर चण्ड-मुण्ड के संहार के कारण माता का नाम चामुण्डा पड़ा। श्री चामुंडा देवी मंदिर को चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है, यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की धर्मशाला तहसील में पालमपुर शहर से 19 K.M दूर स्थित है। जो माता दुर्गा के एक रूप श्री चामुंडा देवी को समर्पित है। || चालीसा || ।। दोहा ।। नीलवरण मा कालिका रहती सदा प्रचंड, दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुस्त को दांड्ड़ । मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत, मेरी भी बढ़ा हरो हो जो कर्म पुनीत ।। ।। चौपाई ।। नमस्कार चामुंडा माता, तीनो लोक मई मई विख्याता । हिमाल्या मई पवितरा धाम है, महाशक्ति तुमको प्रडम है ।।1।।

Temples List\India’s Famous Temple Names in Hindi

भारत के प्रमुख मंदिरो की सूची भारत के प्रमुख मंदिरो की सूची... भारतीय सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है एवं सनातन काल से यहां मंदिरो की विशेष मान्यताये है। भारत के हर राज्य में कई प्रसिद्ध मंदिर है। ऐसे मंदिर भी है जिनमे की वर्ष भर आने वाले श्रद्धालुओ का तांता ही लगा रहता है, जो आमतौर पर अपने विस्तृत वास्त़ुकला और समृद्ध इतिहास के लिए जाने जाते हैं। भारत के कुछ प्रमुख मंदिरो के नाम यहां हमने सूचीबद्ध किये है। भारत के प्रमुख मंदिर सूची क्र. संख्या प्रसिद्द मंदिर स्थान 1 बद्रीनाथ मंदिर बद्रीनाथ, उत्तराखंड 2 केदारनाथ मंदिर केदारनाथ, उत्तराखंड 3 यमुनोत्री मंदिर उत्तरकाशी, उत्तराखंड 4 गंगोत्री मंदिर गंगोत्री, उत्तराखंड 5 हिडिम्बा देवी मंदिर मनाली, हिमाचल प्रदेश 6 अमरनाथ मंदिर पहलगाम, जम्मू कश्मीर 7 माता वैष्णो देवी मंदिर कटरा, जम्मू कश्मीर 8 मार्तण्ड सूर्य मंदिर अनंतनाग, कश्मीर 9 काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश 10 प्रेम मंदिर मथुरा, उत्तरप्रदेश