श्री आञ्जनेय मङ्गलाष्टकम्...
श्री आञ्जनेय मङ्गलाष्टकम् का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। हनुमान जी और माता अंजनी कृपा से सिद्धि-बुद्धि,धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। श्री आञ्जनेय मङ्गलाष्टकम् के पाठ करने मात्र से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है। व्यक्ति हर तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं होता। भगवन हनुमान जी की कृपा रहती है। हर दिन पाठ करें - खास तौर पर मंगलवार और शनिवार को।..
॥ श्री आञ्जनेयमङ्गलाष्टकम् ॥
कपिश्रेष्ठाय शूराय सुग्रीवप्रियमन्त्रिणे ।
जानकीशोकनाशाय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ॥ १॥
मनोवेगाय उग्राय कालनेमिविदारिणे ।
लक्ष्मणप्राणदात्रे च आञ्जनेयाय मङ्गलम् ॥ २॥
महाबलाय शान्ताय दुर्दण्डीबन्धमोचन ।
मैरावणविनाशाय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ॥ ३॥
पर्वतायुधहस्ताय राक्षःकुलविनाशिने ।
श्रीरामपादभक्ताय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ॥ ४॥
विरक्ताय सुशीलाय रुद्रमूर्तिस्वरूपिणे ।
ऋषिभिस्सेवितायास्तु आञ्जनेयाय मङ्गलम् ॥ ५॥
दीर्घबालाय कालाय लङ्कापुरविदारिणे ।
लङ्कीणीदर्पनाशाय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ॥ ६॥
नमस्तेऽस्तु ब्रह्मचारिन् नमस्ते वायुनन्दन । नमस्ते ब्रह्मचर्याय
नमस्ते गानलोलाय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ॥ ७॥
प्रभवाय सुरेशाय शुभदाय शुभात्मने ।
वायुपुत्राय धीराय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ॥ ८॥
आञ्जनेयाष्टकमिदं यः पठेत्सततं नरः ।
सिद्ध्यन्ति सर्वकार्याणि सर्वशत्रुविनाशनम् ॥ ९॥
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