Skip to main content

International Awards/List of First Indian Award Winners of International Awards in hindi

अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के पहले भारतीय पुरस्कार विजेता | First Indian Laureate of International Awards

अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के पहले भारतीय पुरस्कार विजेता

प्रतियोगी परीक्षा में अक्सर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है। यहां अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के पहले भारतीय पुरस्कार विजेताओं की सूची दी गई हैं। अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के पहले भारतीय पुरस्कार विजेताओं से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते है। आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: IAS , Teacher , UPSC , PCS , SSC , Bank , MBA एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको इस तरह के प्रश्न के बारे में अवश्य पढ़ना चाहिए।

नीचे दी गई सारणी में अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के पहले भारतीय पुरस्कार विजेता के बारे में जानकारी दी गयी है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के पहले भारतीय पुरस्कार विजेता की सूची:
अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारभारतीय प्राप्तकर्ता
किसी भी क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए जानेवाले पहले भारतीय रवीन्द्रनाथ टैगोर
टाइम पत्रिका द्वारा पर्सन ऑफ द ईयर नामांकित किए जाने वाले पहले भारतीय महात्मा गांधी (1930)
यूनेस्को के कलिंग पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले पहले भारतीय जगजीत सिंह (1963)
बुकर पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति सलमान रुश्दी (ब्रिटिश नागरिक)
बुकर पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला (और पहली भारतीय नागरिक भी) अरुंधति राय
पुलित्जर पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय गोविंद बेहारी लाल (रिपोर्टिंग श्रेणी)
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी से सम्मनित पहले भारतीय खिलाड़ी राहुल द्रविड़
अंतर्राष्ट्रीय ट्रैक स्पर्धा में पहली भारतीय स्वर्ण पदक विजेता हिमा दास
ओलंपिक में पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिलाकर्णम मल्लेश्वरी
ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय (वैयक्तिक स्पर्धा)अभिनव बिंद्रा (निशानेबाजी)
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित पहले भारतीय वैज्ञानिक सी वी रमन
निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित पहले भारतीय मोरारजी देसाई
मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित पहले भारतीय विनोबा भावे
बांग्लादेश स्वाधीनता सम्मानन से सम्मानित पहले भारतीय इंदिरा गांधी
राइट लाइवलिहुड पुरस्कार से सम्मानित पहले भारतीय तथा भारतीय संगठन एला भट्ट तथा उनका संगठन सेवा (SEWA) (1984)
नोर्मन बोरलॉग (हरित क्रांति के पिता) द्वारा स्थापित विश्व खाद्य पुरस्कार से सम्मानित पहले व्यक्ति एम० एस० स्वामिनाथन (भारत में हरित क्रांति के पिता) (1987)
हूवर पदक के पहले एशियाई प्राप्तकर्ता (इंजीनियरों द्वारा मानवता की सेवाओं के लिए स्थापित अमेरिका का प्रतिष्ठित पुरस्कार) ऐ० पी० जे० अब्दुल कलाम (2008)
दक्षिण एशियाई साहित्य के लिए डीएससी पुरस्कार के पहले भारतीय प्राप्तकर्ता जीत थाइलल (2013)
मिस वर्ल्ड बनने वाली प्रथम भारतीय महिलाकुमारी रीता फारिया
मिस यूनिवर्स बनने वाली प्रथम भारतीय महिलासुष्मिता सेन
Related Pages:
  1. नदियों के किनारे स्थित विश्व के प्रमुख शहर
  2. भारत के प्रमुख लोक नृत्य सूची
  3. नदियों के किनारे बसे भारत के प्रमुख शहर
  4. विश्व के प्रमुख देशों के समाचार पत्रों के नाम
  5. विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची
  6. संस्कृत में गिनती 1 से 100 तक
  7. विश्व के प्रमुख देशों के राष्ट्रीय पशु
  8. महत्वपूर्ण राष्ट्रीय दिवस और अन्तर्राष्ट्रीय दिवस
  9. विश्व के प्रमुख भौगोलिक उपनाम की सूची
  10. विश्व के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र की सूचि
  11. प्रमुख व्यक्तियों के लोकप्रिय उपनाम की सूचि
  12. भारत के प्रमुख शहरों के भौगोलिक उपनाम
  13. भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) की सूची
  14. भारत की नदियाँ और उनकी सहायक नदियाँ
  15. भारत की प्राचीन नदियों के नाम
  16. भारत के प्रमुख बांध एवं नदी परियोजनाएँ

Comments

Popular posts from this blog

Shri Shiv-stuti - नंदी की सवारी नाग अंगीकार धारी।

श्री शिव स्तुति भोले शिव शंकर जी की स्तुति... ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय भगवान शिव स्तुति : भगवान भोलेनाथ भक्तों की प्रार्थना से बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसी कारण उन्हें 'आशुतोष' भी कहा जाता है। सनातन धर्म में सोमवार का दिन को भगवान शिव को समर्पित है। इसी कारण सोमवार को शिव का महाभिषेक के साथ साथ शिव की उपासना के लिए व्रत भी रखे जाते हैं। अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि पाना के लिए सोमवार के दिन शिव स्तुति का जाप करना आपके लिए लाभकारी होगा और स्तुति का सच्चे मन से करने पर भोले भंडारी खुश होकर आशीर्वाद देते है। ॥ शिव स्तुति ॥ ॥ दोहा ॥ श्री गिरिजापति बंदि कर चरण मध्य शिर नाय। कहत गीता राधे तुम मो पर हो सहाय॥ कविता नंदी की सवारी नाग अंगीकार धारी। नित संत सुखकारी नीलकण्ठ त्रिपुरारी हैं॥ गले मुण्डमाला भारी सर सोहै जटाधारी। बाम अंग में बिहारी गिरिजा सुतवारी हैं॥ दानी बड़े भारी शेष शारदा पुकारी। काशीपति मदनारी कर शूल च्रकधारी हैं॥ कला जाकी उजियारी लख देव सो निहारी। यश गावें वेदचारी सो

jhaankee - झांकी उमा महेश की, आठों पहर किया करूँ।

भगवान शिव की आरती | BHAKTI GYAN भगवान शिव की आरती... ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: भगवान शिव की पूजा के समय मन के भावों को शब्दों में व्यक्त करके भी भगवान आशुतोष को प्रसन्न किया जा सकता है। भगवान शिव की आरती से हम भगवान भोलेनाथ के चरणों में अपने स्तुति रूपी श्रद्धासुमन अर्पित कर उनका कृपा प्रसाद पा सकते हैं। ॥ झांकी ॥ झांकी उमा महेश की, आठों पहर किया करूँ। नैनो के पात्र में सुधा, भर भर के मैं पिया करूँ॥ वाराणसी का वास हो, और न कोई पास हो। गिरजापति के नाम का, सुमिरण भजन किया करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... जयति जय महेश हे, जयति जय नन्द केश हे। जयति जय उमेश हे, प्रेम से मै जपा करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... अम्बा कही श्रमित न हो, सेवा का भार मुझको दो। जी भर के तुम पिया करो, घोट के मैं दिया करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... जी मै तुम्हारी है लगन, खीचते है उधर व्यसन। हरदम चलायमान हे मन, इसका उपाय क्या करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... भिक्षा में नाथ दीजिए, सेवा में मै रहा करूँ। बेकल हु नाथ रात दिन चैन

Sri Shiva\Rudrashtakam\Shri Rudrashtakam Stotram

श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! भगवान शिव शंकर जी आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। यदि भक्त श्रद्धा पूर्वक एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। 'श्री शिव रुद्राष्टकम' अपने आप में अद्भुत स्तुति है। यदि कोई आपको परेशान कर रहा है तो किसी शिव मंदिर या घर में ही कुशा के आसन पर बैठकर लगातार 7 दिनों तक सुबह शाम 'रुद्राष्टकम' स्तुति का पाठ करने से भगवान शिव बड़े से बड़े शत्रुओं का नाश करते हैं और सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। रामायण के अनुसार, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण जैसे भयंकर शत्रु पर विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना कर रूद्राष्टकम स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ किया था और परिणाम स्वरूप शिव की कृपा से रावण का अंत भी हुआ था। ॥ श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र ॥ नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भज

Dwadash Jyotirlinga - सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। द्वादश ज्योतिर्लिंग... हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप इन लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है। श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम् सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम्॥१॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमाशंकरम्। सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥२॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारम् घुश्मेशं च शिवालये॥३॥ एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥४॥ Related Pages: श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् चिन्तामणि षट्पदी स्तोत्र गणपतितालम् श्री कालभैरव अष्टकम् अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी देवी भजन- इंद्राक्षी स्तोत्रम् श्री शिव प्रातः स्मरणस्तोत्रम् 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग राम रक्षा स्तोत्र संकटमोचन हनुमानाष्टक संस्कृत में मारुति स्तो

Mata Chamunda Devi Chalisa - नमस्कार चामुंडा माता, तीनो लोक मई मई विख्याता

चामुण्डा देवी की चालीसा | BHAKTI GYAN चामुण्डा देवी की चालीसा... हिंदू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति स्वरूपा माना गया है। भारतवर्ष में कुल 51 शक्तिपीठ है, जिनमे से एक चामुण्‍डा देवी मंदिर शक्ति पीठ भी है। चामुण्डा देवी का मंदिर मुख्यता माता काली को समर्पित है, जो कि शक्ति और संहार की देवी है। पुराणों के अनुसार धरती पर जब कोई संकट आया है तब-तब माता ने दानवो का संहार किया है। असुर चण्ड-मुण्ड के संहार के कारण माता का नाम चामुण्डा पड़ा। श्री चामुंडा देवी मंदिर को चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है, यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की धर्मशाला तहसील में पालमपुर शहर से 19 K.M दूर स्थित है। जो माता दुर्गा के एक रूप श्री चामुंडा देवी को समर्पित है। || चालीसा || ।। दोहा ।। नीलवरण मा कालिका रहती सदा प्रचंड, दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुस्त को दांड्ड़ । मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत, मेरी भी बढ़ा हरो हो जो कर्म पुनीत ।। ।। चौपाई ।। नमस्कार चामुंडा माता, तीनो लोक मई मई विख्याता । हिमाल्या मई पवितरा धाम है, महाशक्ति तुमको प्रडम है ।।1।।

Lingashtakam\Shiv\lingashtakam stotram-लिङ्गाष्टकम्

श्री लिंगाष्टकम स्तोत्र श्री शिव लिंगाष्टकम स्तोत्र... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! लिंगाष्टकम में शिवलिंग की स्तुति बहुत अद्बुध एवं सूंदर ढंग से की गयी है। सुगंध से सुशोभित, शिव लिंग बुद्धि में वृद्धि करता है। चंदन और कुमकुम के लेप से ढका होता है और मालाओं से सुशोभित होता है। इसमें उपासकों के पिछले कर्मों को नष्ट करने की शक्ति है। इसका पाठ करने वाला व्यक्ति हर समय शांति से परिपूर्ण रहता है और साधक के जन्म और पुनर्जन्म के चक्र के कारण होने वाले किसी भी दुख को भी नष्ट कर देता है। ॥ लिंगाष्टकम स्तोत्र ॥ ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥ सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् । सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥ कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् । दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्ग

Temples List\India’s Famous Temple Names in Hindi

भारत के प्रमुख मंदिरो की सूची भारत के प्रमुख मंदिरो की सूची... भारतीय सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है एवं सनातन काल से यहां मंदिरो की विशेष मान्यताये है। भारत के हर राज्य में कई प्रसिद्ध मंदिर है। ऐसे मंदिर भी है जिनमे की वर्ष भर आने वाले श्रद्धालुओ का तांता ही लगा रहता है, जो आमतौर पर अपने विस्तृत वास्त़ुकला और समृद्ध इतिहास के लिए जाने जाते हैं। भारत के कुछ प्रमुख मंदिरो के नाम यहां हमने सूचीबद्ध किये है। भारत के प्रमुख मंदिर सूची क्र. संख्या प्रसिद्द मंदिर स्थान 1 बद्रीनाथ मंदिर बद्रीनाथ, उत्तराखंड 2 केदारनाथ मंदिर केदारनाथ, उत्तराखंड 3 यमुनोत्री मंदिर उत्तरकाशी, उत्तराखंड 4 गंगोत्री मंदिर गंगोत्री, उत्तराखंड 5 हिडिम्बा देवी मंदिर मनाली, हिमाचल प्रदेश 6 अमरनाथ मंदिर पहलगाम, जम्मू कश्मीर 7 माता वैष्णो देवी मंदिर कटरा, जम्मू कश्मीर 8 मार्तण्ड सूर्य मंदिर अनंतनाग, कश्मीर 9 काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश 10 प्रेम मंदिर मथुरा, उत्तरप्रदेश