Skip to main content

GK/Indian History/Civilization/Culture and National Movement/History of Indian Independence in Hindi

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण G K प्रश्न

भारतीय इतिहास, सभ्यता, संस्कृति एवं राष्ट्रीय आन्दोलन – भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास...

भारतीय इतिहास, सभ्यता, संस्कृति एवं राष्ट्रीय आन्दोलन, भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास: जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के सामान्य जागरूकता अनुभाग में अक्सर पूछे जाते हैं। अपने सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए आपको एक बार अवश्य पढ़ना चाहिए।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण G K प्रश्न:

प्रश्न - महात्मा गांधी को कैसर-ए-हिंद की उपाधि से कब नावाजा गया?
उत्तर. सन् 1915 में।

प्रश्न - साबरमती आश्रम की स्थापना किसने की?
उत्तर. महात्मा गांधी

प्रश्न - महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम की स्थापना कब और कहां की?
उत्तर. 1916 ई. में अहमदाबाद में।

प्रश्न - महात्मा गांधी ने पहली बार भूख हड़ताल किसके समर्थन में किया था?
उत्तर. 1918 ई. में अहमदाबाद मिल मजदूरों के हड़ताल के समर्थन में।

प्रश्न - 1918 ई. में महात्मा गांधी ने गुजरात के खेड़ा जिले में कौन सा आंदोलन चलाया?
उत्तर. कर नहीं आंदोलन

प्रश्न - गांधी जी ने रौलेट एक्ट के विरोध में देश व्यापी हड़ताल कब शुरु की?
उत्तर. 6 अप्रैल 1919 ई.

प्रश्न - महात्मा गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष किस अधिवेशन में चुने गए?
उत्तर. बेलगांव अधिवेशन (1924 ई.)

प्रश्न - 1924 में INC का अध्‍यक्ष कौन थे?
उत्तर. महात्‍मा गांधी

प्रश्न - गदर पार्टी की स्थापना कब और कहां हुई?
उत्तर. 1 नवंबर 1913 ई. में सैनफ्रांसिस्को ( अमेरिका).

प्रश्न - गदर पार्टी किसके नेतृत्व में बनी?
उत्तर. लाला हरदयाल.

प्रश्न - गदर पार्टी के पहले अध्यक्ष कौन बने?
उत्तर. सोहन सिंह भक्खाना

प्रश्न - किस अधिवेशन में कांग्रेस के नरम दल और गरम दल में एकता हो गई?
उत्तर. लखनऊ अधिवेशन (1916 ई.)

प्रश्न - मुस्लिम लीग और कांग्रेस ने मिलकर किस अधिवेशन में एक संयुक्त समिति की स्थापना की?
उत्तर. लखनऊ अधिवेशन

प्रश्न - स्वशासन के लिए बाल गंगाधर तिलक ने किस संस्था की स्थापना की?
उत्तर. होमरूल लीग (मार्च 1916 ई. में पूना में)

प्रश्न - ऐनी बेसेन्ट ने होमरूल लीग की स्थापना कब और कहां की?
उत्तर. सितंबर 1916 ई. में मद्रास में।

प्रश्न - ऐनी बेसेंट के नेतृत्व में स्थापित होमरुल लीग के प्रथम सचिव कौन थे?
उत्तर. जार्ज अरुण्डेल

प्रश्न - भर्ती करने वाला सार्जेंट किसे कहा जाने लगा?
उत्तर. महात्मा गांधी। क्योंकि प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान गांधीजी ने लोगों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित किया था।

प्रश्न - चंपारण आने के लिए गांधी को किसने प्रेरित किया था?
उत्तर. बिहार के किसान नेता राजकुमार ने।

प्रश्न - सत्याग्रह का सर्वप्रथम प्रयोग गांधी जी ने कहां किया?
उत्तर. दक्षिण अफ्रिका

प्रश्न - भारत में सत्याग्रह का सबसे पहले प्रयोग गांधी ने कहां किया?
उत्तर. चंपारण (बिहार)

प्रश्न - चंपारण का आंदोलन कब हुआ था?
उत्तर. सन् 1917 में।

प्रश्न - चंपारण विद्रोह के कारण अंग्रेजों को कौन सी प्रथा समाप्त करनी पड़ी?
उत्तर. तीनकठिया प्रथा

प्रश्न - रौलट एक्ट कब लागू किया?
उत्तर. 19 मार्च 1919 ई.

प्रश्न - रौलट एक्ट क्या था?
उत्तर. ऐसा कानून जिसके तहत किसी भी संदेहास्पद व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए गिरफ्तार किया जा सकता था। उसके खिलाफ ने तो कोई अपील, न कोई दलील और न कोई वकील किया जा सकता था।

प्रश्न - जालियांवाला बाग हत्याकांड कब हुआ?
उत्तर. 13 अप्रैल 1919 ई.

प्रश्न - जालियांवाला बाग हत्याकांड कहां हुआ?
उत्तर. अमृतसर

प्रश्न - जालियांवाला बाग हत्याकांड का नेतृत्व किसने किया?
उत्तर. जनरल डायर

प्रश्न - जालियांबाला बाग हत्याकांड के पीछे वजह क्या थी?
उत्तर. डॉ सतपाल और सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के विरोध में हो रही जनसभा पर जनरल डायर ने अंधाधुंध गोली चलाई।

प्रश्न - जालियांवाला बाग हत्याकांड में कितने लोगों की मौत हुई?
उत्तर. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 379 और कांग्रेस समिति के अनुसार 1000 लोग मारे हुए।

प्रश्न - जालियांवाला बाग हत्याकांड में किस भारतीय ने जनरल डायर का सहयोग किया था?
उत्तर. हंसराज

प्रश्न - किसने जालियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में वायसराय की कार्यकारिणी परिषद् की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया?
उत्तर. शंकरन नायर

प्रश्न - किसकी अध्यक्षता में ब्रिटिश सरकार ने जालियांवाला बाग हत्याकांड की आठ सदस्यीय जांच समिति गठित की?
उत्तर. लॉर्ड हंटर.

प्रश्न - जिस जांच समिति का गठन ब्रिटश सरकार ने किया उसके सदस्यों में कितने भारतीय थे?
उत्तर. तीन

प्रश्न - कांग्रेस ने किसके नेतृत्व में जालियांवाला बाग हत्याकांड की जांच के लिए आयोग गठित की?
उत्तर. मदन मोहन मालवीय । इस आयोग के अन्य सदस्यों में मोतीलाल नेहरू और गांधीजी भी थे।

प्रश्न - जालियांवाला बाग किस व्यक्ति की संपत्ति थी?
उत्तर. जल्ली नाम के व्यक्ति।

प्रश्न - खिलाफत आंदोलन किसके खिलाफ शुरू किया किया?
उत्तर. मित्र राष्ट्रों के खिलाफ । विशेषकर ब्रिटेन के खिलाफ

प्रश्न - खिलाफत आंदोलन किसके समर्थन में किया गया था?
उत्तर. टर्की के खलीफा के समर्थन में भारतीय मुसलमान ने आंदोलन शुरु किया।

प्रश्न - पूरे देश में खिलाफत दिवस कब मनाया गया?
उत्तर. 19 अक्टूबर 1919 ई.

प्रश्न - हिंदू और मुसलमानों की संयुक्त कांफ्रेंस की अध्यक्षता महात्मा गांधी ने कब की?
उत्तर. 23 नवंबर 1919 ई.

प्रश्न - असहयोग आंदोलन कब शुरु हुआ?
उत्तर. 1 अगस्त, 1920 ई.

प्रश्न - निजाम खां किसका पुत्र था?
उत्तर. बहलोल लोदी

प्रश्न - बहलोल लोदी की मृत्यु कब हुई?
उत्तर. 1489 ई.

प्रश्न - बहलोल लोदी ने किस शहर को दिल्ली सल्तनत में मिलाया?
उत्तर. जौनपुर

प्रश्न - उस समय जौनपुर पर किस वंश का शासन था?
उत्तर. शर्की वंश

प्रश्न - सिकंदर लोदी का शासन काल कब से कब तक रहा?
उत्तर. सिकंदर लोदी का शासन काल 1489-1517 ई. तक रहा।

प्रश्न - सिंकदर लोदी किस माता का पुत्र था?
उत्तर. स्वर्णकार हिंदू माता

प्रश्न - सिंकदर लोदी की माता का क्या नाम था?
उत्तर. जयबंद

प्रश्न -  सुल्तान सिकंदर शाह के नाम से किसने शासन शुरू किया?
उत्तर. निजाम खां

प्रश्न - बनारस का युद्ध किसके बीच हुआ था?
उत्तर. सिकंदर शाह और हुसैन शाह शर्की के बीच।

प्रश्न - भूमि मापने के लिए सिकंदर लोदी ने किस पैमाने का प्रचलन किया?
उत्तर. गजे सिकंदरी

प्रश्न - सिकंदर लोदी के समय संस्कृत के आयुर्वेद ग्रंथ का अनुवाद फारसी में किस नाम से हुआ?
उत्तर. फरहंगे सिकंदरी

प्रश्न - किसने नागरकोट के ज्वालामुखी मंदिर की मूर्ति को तोड़कर उसके टुकड़े को कसाईयों को मांस तोलने के लिए दे दिया था?
उत्तर. सिकंदर लोदी

प्रश्न - आगरा को कब और किसने बसाया?
उत्तर. 1504 ई. में सिकंदर लोदी ने।

प्रश्न - सिकंदर लोदी ने आगरा को किस मकसद से अपनी राजधानी बनाया?
उत्तर. राजस्थान को जीतने के लिए।

प्रश्न -  सिकंदर लोदी के शासन काल में संगीत कला श्रेष्ठ ग्रंथ कौन-सा है?
उत्तर. लज्जत ए सिकंदर शाही

आपको यह जानकारी कैसी लगी, आप हमें निचे कमेंट करके जरुर बताये और आप हमारे वेबसाइट को Home पेज में जा कर सब्सक्राइब कर सकते है और आप इसे WhatsApp, Facebook सोशल मीडिया प्लेटफार्म में शेयर कर सकते है.
Related Pages:
  1. जीव-जंतु/फल/फुल/सब्जी आदि का वैज्ञानिक नाम
  2. नदियों के किनारे स्थित विश्व के प्रमुख शहर
  3. भारत के प्रमुख लोक नृत्य सूची
  4. नदियों के किनारे बसे भारत के प्रमुख शहर
  5. विश्व के प्रमुख देशों के समाचार पत्रों के नाम
  6. विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची
  7. संस्कृत में गिनती 1 से 100 तक
  8. विश्व के प्रमुख देशों के राष्ट्रीय पशु
  9. महत्वपूर्ण राष्ट्रीय दिवस और अन्तर्राष्ट्रीय दिवस
  10. विश्व के प्रमुख भौगोलिक उपनाम की सूची
  11. विश्व के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र की सूचि
  12. प्रमुख व्यक्तियों के लोकप्रिय उपनाम की सूचि
  13. भारत के प्रमुख शहरों के भौगोलिक उपनाम
  14. भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) की सूची
  15. भारत की नदियाँ और उनकी सहायक नदियाँ
  16. भारत की प्राचीन नदियों के नाम
  17. भारत के प्रमुख बांध एवं नदी परियोजनाएँ

Comments

Popular posts from this blog

Shri Shiv-stuti - नंदी की सवारी नाग अंगीकार धारी।

श्री शिव स्तुति भोले शिव शंकर जी की स्तुति... ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय भगवान शिव स्तुति : भगवान भोलेनाथ भक्तों की प्रार्थना से बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसी कारण उन्हें 'आशुतोष' भी कहा जाता है। सनातन धर्म में सोमवार का दिन को भगवान शिव को समर्पित है। इसी कारण सोमवार को शिव का महाभिषेक के साथ साथ शिव की उपासना के लिए व्रत भी रखे जाते हैं। अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि पाना के लिए सोमवार के दिन शिव स्तुति का जाप करना आपके लिए लाभकारी होगा और स्तुति का सच्चे मन से करने पर भोले भंडारी खुश होकर आशीर्वाद देते है। ॥ शिव स्तुति ॥ ॥ दोहा ॥ श्री गिरिजापति बंदि कर चरण मध्य शिर नाय। कहत गीता राधे तुम मो पर हो सहाय॥ कविता नंदी की सवारी नाग अंगीकार धारी। नित संत सुखकारी नीलकण्ठ त्रिपुरारी हैं॥ गले मुण्डमाला भारी सर सोहै जटाधारी। बाम अंग में बिहारी गिरिजा सुतवारी हैं॥ दानी बड़े भारी शेष शारदा पुकारी। काशीपति मदनारी कर शूल च्रकधारी हैं॥ कला जाकी उजियारी लख देव सो निहारी। यश गावें वेदचारी सो

jhaankee - झांकी उमा महेश की, आठों पहर किया करूँ।

भगवान शिव की आरती | BHAKTI GYAN भगवान शिव की आरती... ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: | ॐ नमः शिवाय: भगवान शिव की पूजा के समय मन के भावों को शब्दों में व्यक्त करके भी भगवान आशुतोष को प्रसन्न किया जा सकता है। भगवान शिव की आरती से हम भगवान भोलेनाथ के चरणों में अपने स्तुति रूपी श्रद्धासुमन अर्पित कर उनका कृपा प्रसाद पा सकते हैं। ॥ झांकी ॥ झांकी उमा महेश की, आठों पहर किया करूँ। नैनो के पात्र में सुधा, भर भर के मैं पिया करूँ॥ वाराणसी का वास हो, और न कोई पास हो। गिरजापति के नाम का, सुमिरण भजन किया करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... जयति जय महेश हे, जयति जय नन्द केश हे। जयति जय उमेश हे, प्रेम से मै जपा करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... अम्बा कही श्रमित न हो, सेवा का भार मुझको दो। जी भर के तुम पिया करो, घोट के मैं दिया करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... जी मै तुम्हारी है लगन, खीचते है उधर व्यसन। हरदम चलायमान हे मन, इसका उपाय क्या करूँ॥ झांकी उमा महेश की....... भिक्षा में नाथ दीजिए, सेवा में मै रहा करूँ। बेकल हु नाथ रात दिन चैन

Sri Shiva\Rudrashtakam\Shri Rudrashtakam Stotram

श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! भगवान शिव शंकर जी आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। यदि भक्त श्रद्धा पूर्वक एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। 'श्री शिव रुद्राष्टकम' अपने आप में अद्भुत स्तुति है। यदि कोई आपको परेशान कर रहा है तो किसी शिव मंदिर या घर में ही कुशा के आसन पर बैठकर लगातार 7 दिनों तक सुबह शाम 'रुद्राष्टकम' स्तुति का पाठ करने से भगवान शिव बड़े से बड़े शत्रुओं का नाश करते हैं और सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। रामायण के अनुसार, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण जैसे भयंकर शत्रु पर विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना कर रूद्राष्टकम स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ किया था और परिणाम स्वरूप शिव की कृपा से रावण का अंत भी हुआ था। ॥ श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र ॥ नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भज

Dwadash Jyotirlinga - सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। द्वादश ज्योतिर्लिंग... हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप इन लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है। श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम् सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम्॥१॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमाशंकरम्। सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥२॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारम् घुश्मेशं च शिवालये॥३॥ एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥४॥ Related Pages: श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् चिन्तामणि षट्पदी स्तोत्र गणपतितालम् श्री कालभैरव अष्टकम् अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी देवी भजन- इंद्राक्षी स्तोत्रम् श्री शिव प्रातः स्मरणस्तोत्रम् 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग राम रक्षा स्तोत्र संकटमोचन हनुमानाष्टक संस्कृत में मारुति स्तो

Lingashtakam\Shiv\lingashtakam stotram-लिङ्गाष्टकम्

श्री लिंगाष्टकम स्तोत्र श्री शिव लिंगाष्टकम स्तोत्र... !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! लिंगाष्टकम में शिवलिंग की स्तुति बहुत अद्बुध एवं सूंदर ढंग से की गयी है। सुगंध से सुशोभित, शिव लिंग बुद्धि में वृद्धि करता है। चंदन और कुमकुम के लेप से ढका होता है और मालाओं से सुशोभित होता है। इसमें उपासकों के पिछले कर्मों को नष्ट करने की शक्ति है। इसका पाठ करने वाला व्यक्ति हर समय शांति से परिपूर्ण रहता है और साधक के जन्म और पुनर्जन्म के चक्र के कारण होने वाले किसी भी दुख को भी नष्ट कर देता है। ॥ लिंगाष्टकम स्तोत्र ॥ ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥ सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् । सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥ कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् । दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्ग

Mata Chamunda Devi Chalisa - नमस्कार चामुंडा माता, तीनो लोक मई मई विख्याता

चामुण्डा देवी की चालीसा | BHAKTI GYAN चामुण्डा देवी की चालीसा... हिंदू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति स्वरूपा माना गया है। भारतवर्ष में कुल 51 शक्तिपीठ है, जिनमे से एक चामुण्‍डा देवी मंदिर शक्ति पीठ भी है। चामुण्डा देवी का मंदिर मुख्यता माता काली को समर्पित है, जो कि शक्ति और संहार की देवी है। पुराणों के अनुसार धरती पर जब कोई संकट आया है तब-तब माता ने दानवो का संहार किया है। असुर चण्ड-मुण्ड के संहार के कारण माता का नाम चामुण्डा पड़ा। श्री चामुंडा देवी मंदिर को चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है, यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की धर्मशाला तहसील में पालमपुर शहर से 19 K.M दूर स्थित है। जो माता दुर्गा के एक रूप श्री चामुंडा देवी को समर्पित है। || चालीसा || ।। दोहा ।। नीलवरण मा कालिका रहती सदा प्रचंड, दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुस्त को दांड्ड़ । मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत, मेरी भी बढ़ा हरो हो जो कर्म पुनीत ।। ।। चौपाई ।। नमस्कार चामुंडा माता, तीनो लोक मई मई विख्याता । हिमाल्या मई पवितरा धाम है, महाशक्ति तुमको प्रडम है ।।1।।

Temples List\India’s Famous Temple Names in Hindi

भारत के प्रमुख मंदिरो की सूची भारत के प्रमुख मंदिरो की सूची... भारतीय सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है एवं सनातन काल से यहां मंदिरो की विशेष मान्यताये है। भारत के हर राज्य में कई प्रसिद्ध मंदिर है। ऐसे मंदिर भी है जिनमे की वर्ष भर आने वाले श्रद्धालुओ का तांता ही लगा रहता है, जो आमतौर पर अपने विस्तृत वास्त़ुकला और समृद्ध इतिहास के लिए जाने जाते हैं। भारत के कुछ प्रमुख मंदिरो के नाम यहां हमने सूचीबद्ध किये है। भारत के प्रमुख मंदिर सूची क्र. संख्या प्रसिद्द मंदिर स्थान 1 बद्रीनाथ मंदिर बद्रीनाथ, उत्तराखंड 2 केदारनाथ मंदिर केदारनाथ, उत्तराखंड 3 यमुनोत्री मंदिर उत्तरकाशी, उत्तराखंड 4 गंगोत्री मंदिर गंगोत्री, उत्तराखंड 5 हिडिम्बा देवी मंदिर मनाली, हिमाचल प्रदेश 6 अमरनाथ मंदिर पहलगाम, जम्मू कश्मीर 7 माता वैष्णो देवी मंदिर कटरा, जम्मू कश्मीर 8 मार्तण्ड सूर्य मंदिर अनंतनाग, कश्मीर 9 काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश 10 प्रेम मंदिर मथुरा, उत्तरप्रदेश